Nalanda District | नालंदा जिला | Top 10 Tourist Places in Nalanda

Written by Subhash Rajak

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क्या आप किसी ऐसे प्रसिद्ध जगह की खोज में है जहां आप इतिहास से जुड़े पन्नों को पढ़ और देख सकते है ? क्या आप कोई ऐसी जगह की यात्रा करना चाहते है जहां आप भारत के इतिहास के बारे में बारीकी से समझना चाहते है ?

आप इतिहास के बारे में जानने में रुचि रखते है और आपको एतिहासिक स्थलों का भ्रमण करना भी पसंद है तो आपको नालंदा जिला जरूर आना चाहिए | नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका इस ब्लॉग में | आज आप इस ब्लॉग के माध्यम से नालंदा जिला के बारे में जानेंगे | नालंदा जिला भारत में बिहार राज्य के अड़तीस जिलों में से एक है |

नालंदा पहले पटना का ही भाग हुआ करता था बाद में यह पूर्ण रूप से जिला 9 नवंबर 1972 में पटना से अलग होने के बाद बना | यह जिला दक्षिणी बिहार के मगध क्षेत्र में स्थित है | यह जिला भारत के इतिहास को अपने गर्भ में समेटा हुआ है |

नालंदा जिले के तीन अनुमंडल है – बिहारशरीफ, राजगीर और हिलसा और इसका प्रशासनिक मुख्यालय बिहारशरीफ है | इस जिले में विश्व का सबसे पुराना विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी विराजमान है और यहाँ दूर-दूर से पर्यटन जन और छात्र इसका अध्ययन और इसके इतिहास के बारे में जाने आते है|

चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते है और नालंदा जिला से जुड़ी आपको कई सारी बातों के बारे में बताते है |

आखिर इस जिला का नाम नालंदा क्यों रखा गया ? | Why was this district named Nalanda?

Contents

नालंदा, यह नाम सुनते ही हमारे मन में ज्ञान, संस्कृति और इतिहास की अद्भुत छवि उभरती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस स्थान का नाम “नालंदा” क्यों पड़ा? इसके पीछे कई रोचक और गहरे अर्थ छिपे हैं।

पालि अर्थकथाचार्य बुद्धघोष ने “नालंदा” शब्द की व्युत्पत्ति करते हुए कहा है:
“नालं ददाती ति नालंदा” यानी “जहाँ कमल के नाल पाए जाते हैं” या “न अलं ददाती ति नालंदा” जिसका मतलब है “जो प्रचुरता से देने वाला हो।” यह परिभाषा नालंदा की प्रकृति और समृद्धि को बखूबी दर्शाती है।

यह बात आज भी सच साबित होती है क्योंकि नालंदा के आसपास कई सुंदर तालाब (पुष्करणियाँ) हैं, जो कमल के नालों से भरे रहते हैं। प्राचीन काल में नालंदा एक समृद्ध और भव्य स्थान था, जहाँ हर तरह की सामग्री प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी।

चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपने यात्रा वृतांत में लिखा है कि

यहाँ के लोग मानते थे कि एक बड़े तालाब में “नालंदा” नामक नाग निवास करता था, और उसी के नाम पर इस स्थान का नाम रखा गया। यह कथा इस जगह के रहस्यमय और पौराणिक पहलू को उजागर करती है।

इतना ही नहीं, बौद्ध ग्रंथ मुज्झिम निकाय में भगवान बुद्ध ने नालंदा के बारे में कहा है:
“अयं नालंदा इद्ध चेव फीता च बहुजना आकिरणमनुस्सा”
अर्थात, “यह नालंदा समृद्ध है, जीवंत है, और यहां लोग खुशहाल हैं।”

इसका अर्थ है कि नालंदा न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संसाधनों के लिए प्रसिद्ध था, बल्कि यह लोगों की ज्ञान और शिक्षा की प्यास को भी तृप्त करता था।

नालंदा का यह नाम केवल एक पहचान नहीं, बल्कि इसका मतलब है – “ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक।” यह हमें हमारे इतिहास और हमारी संस्कृति की महानता की याद दिलाता है।

नालंदा जिला का इतिहास | History of Nalanda District 

नालंदा जिला के इतिहास की बात की जाए तो समय के साथ -साथ इसका संबंध तरह-तरह के भारतीय इतिहास से जुड़ा है | प्राचीन काल की बात की जाए तो, विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण कुमारगुप्त I ने करवाया था जो एक बोद्ध स्थल के रूप में था और यहाँ दूर -दूर से छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे |

कुछ समय के पश्चात बख्तियार खिलजी यहाँ आए थे और उन्होंने इस विश्वविद्यालय को नष्ट करना चाहा इसके पीछे कई सारे कारण है, इतिहास की ओर झाँके तो बख्तियार खिलजी इस्लाम धर्म को बढ़ावा देना चाहते थे और जब इन्होंने विश्वविद्यालय का भ्रमण किया तो इन्हे इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान नहीं मिल तो इन्होंने गुस्से में या कर इस विश्वविद्यालय को नष्ट किया | यह विश्वविद्यालय अब ASI के देख रेख में है और अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में है |

भगवान बुद्ध और भगवान महावीर हमेशा नालंदा आया करते थे | ऐसा माना जाता है की भगवान महावीर ने पावापुरी में मोक्ष की प्राप्ति की थी जो नालंदा जिले का ही एक पवित्र स्थल है | यहाँ भगवान बुद्ध और भगवान महावीर से जुड़ी ऐसे कई सारे एतिहासिक और धार्मिक स्थल है जहां आपको जरूर आना चाहिए |

भगवान बुद्ध और भगवान महावीर यहाँ अपने उपदेशों और जीवन के बारे में लोगों को ज्ञान दिया | यह बोद्ध, जैन, हिन्दू धर्म के साथ -साथ इस्लाम धर्म से भी जुड़े कई जगह एतिहासिक और धार्मिक स्थल है | नालंदा मानो तो ज्ञान का सागर है और यहाँ का हर क्षेत्र भारत के इतिहास के बारे में बतलाता है और छात्रों के लिए एक शिक्षा के केंद्र के रूप में भी है|

नालंदा जिला  का एतिहासिक महत्व | Historical importance of Nalanda District  

नालंदा का एतिहासिक महत्व की बात की जाए तो नालंदा भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमे हमारे भारत के प्राचीन काल के साथ जोड़ता है | नालंदा के एतिहासिक धरोदार दुनिया भर के लोगों को खींच ले आती है| यहाँ आपको करीब सभी धर्मों से जुड़ी स्थल मिलेंगे चाहे वो हिन्दू हो, बोद्ध हो, जैन हो, या इस्लाम हो |

नालंदा का तो बोद्ध धर्म से बहुत पुराना संबंध है और खासकर आपको यहाँ आधे से ज्यादा बोद्ध स्थल ही देखने को मिलेंगे | नालंदा न केवल एतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करता है बल्कि इसे शिक्षा की दृष्टिकोण से देखा जाए तो ये बहुत पुराना शिक्षा का केंद्र हुआ करता था और आज भी सभी अवशेष को संभाल कर रखा गया है |  

नालंदा जिला विश्व प्रसिद्ध क्यों है ? | Why Nalanda District is world famous ?

नालंदा जिला का विश्व प्रसिद्ध होने का कारण इसका इतिहास है खास कर यहाँ का सबसे प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय खंडर जिसे देखने दुनिया भर से लोग आते है | नालंदा जिले का अनुमंडल राजगीर जहां आपको एक से एक एडवेंचर करने को मिलेंगे साथ ही आपको कई सारे आकर्षण के केंद्र देखने को मिलेंगे | 

नालंदा जिला  के मुख्य 10 पर्यटन स्थल | Top 10 tourist places in Nalanda District 

नालंदा में ऐसे कई सारे एतिहासिक और धार्मिक स्थल है जो प्रमुख आकर्षण का केंद्र है | दुनिया भर से दूर-दूर से लोग यहाँ आते है और इन सभी जगहों का भ्रमण करते है | हालांकि नालंदा में कई जगहे है जहां आप घूम सकते है खासकर आप जब राजगीर जाएंगे तो आपको वहाँ एक से एक धरोहर देखने को मिलेंगे | अतः आपको यहाँ जरूर आना चाहिए | चलिए आपको कुछ मुख्य जगहों के बारे में बताते है – Top 10 tourist places in Nalanda District-

1. नालंदा विश्वविद्यालय खंडर | Nalanda University khandar

आप सभी को तो पता चल ही गया होगा विश्व का सबसे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में | इसका निर्माण 427 ई के आसपास कुमारगुप्त I ने करवाया था | यह एक विश्व प्रसिद्ध शिक्षा का केंद्र था | यहाँ लगभग 10,000 छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे और इस विश्वविद्यालय में 2000 से अधिक अध्यापक थे |

समय के साथ-साथ इस विश्वविद्यालय को कई बार नष्ट करने की कोशिश की गई लेकिन आज इसके अवशेष को संभाल कर रखा गया है और यह एक मुख्य पर्यटन स्थल के रूप में है | यहाँ दूर-दूर से लोग इस विश्वविद्यालय का भ्रमण करने आते है और यह एक प्रसिद्ध ज्ञान का केंद्र है जिसकी मदद से हम अपने भारत के इतिहास के बारे में समझ सकते है |

2. ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल

ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल चीनी यात्री ह्वेन त्सांग (Xuansang) की याद में बनाया गया था | यह प्रसिद्ध चीनी यात्री नालंदा छात्र थे और इन्होंने नालंदा में रह कर कई वर्षों तक बोद्ध धर्म का अध्ययन किया था | आज इनके ही याद में “ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल” बनाया गया है जो नालंदा में स्थित है |

3. सारिपुत्र स्तूप 

सारिपुत्र स्तूप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य सारिपुत्र को समर्पित है | यह स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय खंडर परिसर में ही बना हुआ है और इस स्तूप से सारिपुत्र से जुड़े अवशेष को रखा गया है |

4. नालंदा संग्रहालय

नालंदा संग्रहालय में आपको नालंदा के इतिहास के जुड़ी कई सारी अवशेष देखने को मिलेंगे | खासतोर पर जब यहाँ नालंदा विश्वविद्यालय की खुदाई हुई थी तो उसमे मिलने वाली मूर्तियाँ, बोद्ध धर्म से जुड़ी अवशेष, चित्रकलाएं इत्यादि को संभाल कर यहाँ रखा गया है |

5.विश्व शांति स्तूप 

विश्व शांति स्तूप नालंदा जिले के राजगीर में स्थित है प्रसिद्ध बोद्ध स्थल है | यह स्तूप बोद्ध धर्म का  एक प्रतीक है और यहाँ भगवान बुद्ध के जीवन और उपदेशों को प्रदर्शित किया गया है | यह स्तूप हरी-भरी हरियाली और प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा हुआ है | 

6. रोप वे 

रोप वे भी राजगीर में स्थित है और यह एक adventurous जगह है जहां आप खूब enjoy कर सकते है | यह रत्नागिरी पहाड़ पर स्थित है और यह राजगीर का एक प्रमुख आकर्षण है |

7. ब्रह्म कुंड

ब्रह्म कुंड राजगीर का प्रधान कुंड है | यह एक गरम पानी का कुंड है जहां प्राकृतिक रूप से गरम पानी आता है और ऐसा माना जाता है की कुंड के पानी में देवीय शक्तियां है जो चर्म रोग से छुटकारा प्रदान करता है और इस कुंड में स्नान करने से स्वस्थ काया की प्राप्ति होती है |

8. सोनभंडार 

सोन भंडार गुफाओं का भविष्य कई संभावनाओं और चुनौतियों से भरा हुआ है। क्योंकि रेपोर्ट्स की माने तो आज भी यहाँ खजाना है जो एक रहस्य बना हुआ है शायद भविष्य में इस रहस्य से पर्दा हटाने का प्रयास किया जाएगा |

9. सप्तपर्णी गुफ़ाएं

सप्तपर्णी गुफा राजगीर में स्थित एक महत्वपूर्ण बोद्ध स्थल है और ऐसा कहा जाता है कि पहला बोद्ध संगीति का आयोजन यहीं आयोजित हुआ था | यह स्थल आसपास की पहाड़ियों और सौन्दर्य से घिरा हुआ है जो आपको एक शांत वातावरण प्रदान करेगा |

10. घोड़ा कटोरा झील 

घोड़ा कटोरा झील एक प्राकृतिक झील है और यह राजगीर के प्रमुख आकर्षण के केंद्रों में से एक है | यह झील राजगीर के प्राचीन इतिहास से जुड़ी है | इस झील के बीचों बीच भगवान बुद्ध की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित है |

नालंदा जिला का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व | Cultural and Religious importance of Nalanda District 

दोस्तों नालंदा जिला का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व की बात की जाए तो आपको बता दें की नालंदा भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है। यह वह भूमि है, जहाँ प्राचीन समय में ज्ञान की ज्योत पूरे विश्व में फैलती थी। नालंदा विश्वविद्यालय ने शिक्षा और संस्कृति के नए आयाम स्थापित किए, जहाँ देश-विदेश से छात्र ज्ञान अर्जित करने आते थे।

यह स्थान सिर्फ बौद्ध धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि जैन धर्म के लिए भी बेहद खास है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने यहाँ कई प्रवचन दिए और महावीर स्वामी का भी इस पवित्र भूमि से गहरा जुड़ाव था। इन महान विभूतियों ने नालंदा को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति से भर दिया।

यहां के तालाब, कमल के फूल, और शांत वातावरण आज भी इस जगह को एक अनोखा आकर्षण देते हैं। चीनी यात्री ह्वेनसांग और इत्सिंग ने नालंदा की सुंदरता और इसकी संस्कृति की जमकर तारीफ की है।

नालंदा का हर कोना अपने आप में इतिहास और धर्म की कहानी सुनाता है। चाहे वह पुराने मंदिर हों, पवित्र स्थान हों, या यहाँ के स्थानीय मेले—सब कुछ इस जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि को जीवंत बनाए रखता है। यह स्थान सिर्फ एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की विरासत और गौरव का प्रतीक है।

नालंदा जिला की जनसंख्या कितनी है ? | Population of Nalanda District 

नालंदा जिला की जनसंख्या की बात की जाए तो इसकी जनसंख्या 2011 में 2,877,653 थी और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की इसकी जनसंख्या बढ़ कर 2025 में 3,570,000 हो सकती है | 

नालंदा जिला का क्षेत्रफल कितना है ? | Area of Nalanda District 

नालंदा जिला का कुल क्षेत्रफल 2,367 km sq. है जिसमे से Urban क्षेत्र 112.91 km sq. है |

नालंदा जिला से सरकार को क्या लाभ है ? What is the benefit to the government through Nalanda District?

नालंदा जिला से सरकार को कई तरह से लाभ हो सकता है चाहे वो आर्थिक लाभ हो या सामाजिक या सांस्कृतिक लाभ हो| आर्थिक लाभ की बात जाए तो नालंदा जिला एक पर्यटन स्थल है, यहाँ कई सारे धार्मिक और एतिहासिक स्थल है जो पर्यटन को बढ़ावा देती है और सरकार को राजस्व प्रदान करती है और कहीं न कहीं यह एक तरफ से रोजगार भी प्रदान करती है | 

सामाजिक लाभ की बात की जाए तो नालंदा में कई शिक्षा के केंद्र है जो सरकार को शिक्षा के केंद्र में योगदान प्रदान करता है |

आखिर आपको नालंदा जिला  क्यों आना चाहिए? | Why should you come to Nalanda District?

आप जरूर ऐसा सोच रहे होंगे की आखिर आपको नालंदा जिला क्यों आना चाहिए? तो आपको बता दे की नालंदा एक प्रमुख और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है खासकर जब आप यहाँ आने के पश्चात राजगीर, बिहारशरीफ और हिलसा को घूमने आएगए तो आपको एक से एक पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे जो एतिहासिक महत्व के साथ -साथ धार्मिक महत्व को भी प्रदर्शित करता है खासतोर पर आप राजगीर आएंगे तो आपको यहाँ करीब 100 से भी ज्यादा आकर्षण के केंद्र मिलेंगे | 

यदि आप इतिहास के बारे में जानने में रुचि रखते है या फिर आपको घूमना-फिरना या आपको एतिहासिक जगहों का भ्रमण करना पसंद है तो आपको नालंदा जरूर आना चाहिए | 

भविष्य में होने वाली संभावनाएं | Future possibilities 

नालंदा जिला काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है खासकर प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय इसका सबसे प्रमुख आकर्षण का केंद्र है जिससे यह और भी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनते जा रहा है और भविष्य में यह जिला आगे की ओर बढ़ेगा और बिहार राज्य का उज्ज्वल भविष्य बनेगा |

यात्रा गाइड | tour tips 

  • किसी भी पर्यटन स्थल में जाने से पहले उसकी जानकारी अच्छे से ले |
  • किसी भी स्थल को भ्रमण करने में कोई परेशानी न हो इसके लिए आप एक गाइड ले सकते है |
  • आसपास के स्थलों का सम्मान करे और गंदगी न फेलाएं |
  • किसी भी स्थल के rules and restrictions को फॉलो करें |
  • अपने साथ नाश्ता व पानी साथ रखे ताकि यात्रा के समय आप ऊर्जावान रहें |
  • आरामदायक कपड़े और जूते पहने और अपने सभी जरूरत के सामान को साथ रखें |
  • अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें |

नालंदा जिला कैसे पहुँचे? | How to reach Nalanda?

नालंदा जिला भारत के बिहार राज्य में स्थित है | यहाँ तक आने के लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है | 

निष्कर्ष | Conclusion 

नालंदा जिला का इतिहास न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है बल्कि यह विश्व शिक्षा और ज्ञान की धारा में भी एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है | इसका इतिहास और महत्व वास्तव में प्रेरणादायक है और यह हमे हमारे प्राचीन काल से जोड़ता है |

नालंदा अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, एतिहासिक स्थलों, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाना जाता है | नालंदा जिले के कई मुख्य पर्यटन स्थल जैसे नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर और राजगीर के अंतर्गत विभिन्न पर्यटन स्थल और ऐसे कई सारे प्रसिद्ध स्थल शामिल है |

नालंदा जिले का भविष्य प्रकाश की और है और यह जिला बिहार राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है | हम आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार की बाते या प्रश्न हो तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है | इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद |

1. नालंदा कहाँ स्थित है ?

उत्तर- नालंदा भारत के बिहार राज्य में स्थित है |

2. नालंदा पटना से कब अलग हुआ ?

उत्तर – नालंदा पटना से  9 नवंबर 1972 में अलग हुआ |

3. नालंदा इतना फेमस क्यों है ?

उत्तर- नालंदा अपने इतिहास के कारण प्रसिद्ध है |

4. नालंदा कैसे पहुँचे?

उत्तर- नालंदा पहुँचे के लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है |

5. राजगीर कहाँ है?

उत्तर- राजगीर नालंदा जिले में ही स्थित है |

6. नालंदा जिले में कितने अनुमंडल है ?

उत्तर- नालंदा जिले में कुल 3 अनुमंडल है |

7. नालंदा जिले के अनुमंडल कौन- कौन से है ?

उत्तर- नालंदा के तीन अनुमंडल है राजगीर, बिहारशरीफ और हिलसा |

8. नालंदा जिला का प्रशासनिक मुख्यालय कहाँ है?

उत्तर-  नालंदा जिला का प्रशासनिक मुख्यालय बिहारशरीफ है |

9. नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना किसने की थी?

उत्तर-  नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त I ने की थी |

10. क्या नालंदा विश्वविद्यालय बोद्ध मठ के रूप में था ?

उत्तर- हाँ, नालंदा विश्वविद्यालय बोद्ध मठ के रूप में था |

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