नालंदा का औंगारी सूर्य मंदिर जानें क्या है खास !

Written by Subhash Rajak

Updated on:

नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है औंगारी सूर्य मंदिर के बारे में | दरअसल यह सूर्य मंदिर नालंदा जिले के औंगारी नामक स्थान पर स्थित है इसलिए इसे औंगारी सूर्य मंदिर के नाम से जाना जाता है |

यह सूर्य मंदिर बिहार की कला और सांकृतिक का प्रतीक है | इस मंदिर सबसे खास बात यह है की यह मंदिर की गर्भ गृह पश्चिममुखी है जो दुनिया भर के अन्य सूर्य मंदिरों से अलग है | तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए सूर्य मंदिर के बारे में विस्तृत चर्चा करते है |

औंगारी सूर्य मंदिर का इतिहास 

औंगारी सूर्य मंदिर का निर्माण तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व में हुआ था | भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा साम्ब द्वारा देश के 12 जगहों पर सूर्यपीठ की स्थापना की थी जिसमे से दो नालंदा में स्थित है |

औंगारी सूर्य मंदिर का इतिहास बड़गाँव की तरह ही है जो राजा साम्ब से जुड़ा है | कहा जाता है की राजा साम्ब ने कुष्ठ रोग से मुक्ति पाने के लिए यहाँ पूजा की थी |

औंगारी सूर्य मंदिर का महत्व 

औंगारी सूर्य मंदिर अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है | मान्यताओं के अनुसार जो भी श्रद्धालु यहाँ सच्चे मन से सूर्य भगवान की पूजा अर्चना करता है उसके सारे रोग दूर हो जाते है |

सूर्य मंदिर के पास स्थित तालाब में स्नान करने से लोगों को निरोगी काया की प्राप्ति होती है | हर साल देश भर से लाखों श्रद्धालु यहाँ छठ महापर्व मनाने आते है और अपनी मन्नत मांगते है |

यहाँ हर दिन विशेष पूजा होती है लेकिन रविवार के दिन को सबसे विशेष माना गया है और श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है |

औंगारी सूर्य मंदिर की वास्तुकला 

औंगारी सूर्य मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुन्दर और आकर्षित है | मंदिर के पास स्थित एक तालाब है | इस मंदिर का द्वार पश्चिम की ओर है | मंदिर के हृदय स्थान में भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है और साथ में भगवान विष्णु की भी प्रतिमा विराजमान है |

औंगारी सूर्य मंदिर कैसे पहुंचे ?

औंगारी सूर्य मंदिर नालंदा के औंगारी नामक स्थान में स्थित है | यहाँ तक आने के लिए सबसे पहले आपको नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई , ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है | नालंदा के बाद आप औंगारी आएंगे और आप इस मंदिर का दर्शन कर सकेगे |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भगवान सूर्य की विशेष पूजा कब होती है ?

भगवान सूर्य की विशेष पूजा रविवार के दिन होती है |

औंगारी सूर्य मंदिर का निर्माण कब हुआ था ?

औंगारी सूर्य मंदिर का निर्माण तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व में हुआ था |

सूर्य मंदिर की स्थापना किसने की थी ?

सूर्य मंदिर की स्थापना राजा साम्ब ने की थी |

राजा साम्ब ने सूर्य मंदिर की स्थापना क्यों की थी ?

 राजा साम्ब ने कुष्ठ रोग से मुक्ति पाने के लिए सूर्य मंदिर की स्थापना की थी |

निष्कर्ष

इस ब्लॉग के माध्यम से अपने नालंदा के औंगारी सूर्य मंदिर के बारे में जाना | यह मंदिर और तालाब धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के धरोहर हैं | यहाँ की परम्पराएं और आयोजन इस स्थान को विशेष बनाती हैं |

जो भी श्रद्धालु यहाँ सच्चे मन से भगवान सूर्य की आराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते है और उन्हे सुख की प्राप्ति होती है |

हम आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आप हमे कुछ बताना चाहते है या आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न हो तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

धन्यवाद 

आपका दिन शुभ हो!

Leave a Comment