नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे हैं काले बुद्ध का मंदिर (The Black Buddha Temple) के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं | यह मंदिर बोद्ध धर्म को समर्पित हैं |
काले बुद्ध जो काले रंग को दर्शाता हैं, काला रंग यानि जिसमे सारे रंग मिलें हुए हो | आपको जानकार आश्चर्य होगा की देश – विदेश से लोग इस मंदिर का दर्शन करने आते है |
तो चलिए लेख को आगे बढ़ाते हैं और काले बुद्ध के मंदिर के बारे में और भी गहराई से चर्चा करते हैं |
काले बुद्ध का मंदिर से जुड़ी कुछ जानकारियाँ
Contents
- 1 काले बुद्ध का मंदिर से जुड़ी कुछ जानकारियाँ
- 2 काले बुद्ध का मंदिर का महत्व
- 3 काले बुद्ध मंदिर की वास्तुकला
- 4 काले बुद्ध मंदिर की पौराणिक कथा
- 5 काले बुद्ध का मंदिर कैसे पहुंचे ?
- 6 काले बुद्ध का मंदिर की यात्रा का सर्वोत्तम समय
- 7 काले बुद्ध का मंदिर के लिए टिकट प्राइस
- 8 काले बुद्ध का मंदिर विज़िट करने के लिए इन बातों का रखें ख्याल-
- 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 10 निष्कर्ष
काले बुद्ध का मंदिर, बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं | इस मंदिर में विराजमान भगवान बुद्ध की प्रतिमा 7 वीं शताब्दी की हैं जिस समय नालंदा विश्वविद्यालय में देश – विदेश से छात्र शिक्षा प्राप्त करने आते थे |
यह नालंदा विश्वविद्यालय के खँड़रों के पास हैं और यह मंदिर बहुत ही शांत वातावरण में स्थित हैं | जैसे की नाम से ही पता चलता है यह मंदिर भगवान बुद्ध की हैं लेकिन यहाँ के स्थानीय लोग इन्हे “तेलिया बाबा” या “तेलिया भैरव” भी बुलाते हैं
ऐसा कहा जाता है कि
किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ्य में परेशानी या किसी भी प्रकार का कष्ट हो तो यहाँ बुद्ध जी की सच्चे मन से आराधना करने से और इन्हे तेल चढ़ाने से उनके सारे कष्ट ,परेशानियाँ दूर हो जाती हैं |
इस मंदिर में भगवान बुद्ध की काले रंग की बड़ी सी प्रतिमा है जो भूमिस्पारा मुद्रा में स्थित है और भगवान बुद्ध सात कमल के फूलों पर विराजमान हैं जिसमे से पाँच कमल के फूल मंदिर के जमीन के नीचे दबे हुए हैं |
यह प्रतिमा लगभग 9 फुट ऊंची हैं और यह ब्लैक बसाल्ट रॉक (black basalt rock) से बनाई गई हैं |
काले बुद्ध का मंदिर का महत्व
काले बुद्ध का मंदिर भारत के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं | इस प्रतिमा का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसकी खोज तब हुई थी जब नालन्दा के खंडहरों का जीर्णोद्धार किया गया था |
तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ते हैं और इसकी महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं | यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता हैं बल्कि यह आने वाले भविष्य में पीढ़ियों के लिए एक शिक्षा केंद्र के रूप में भी कार्य करता हैं |
यह मंदिर हमे भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलना सिखाता है और हमे धर्म और अहिंसा का पाठ पढ़ाता है | यह मंदिर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को प्रदर्शित करता हैं और शांति व समृद्धि को बढ़ावा देता हैं |
यह बोद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण व पवित्र स्थल हैं और इस मंदिर का संबंध नालंदा विश्वविद्यालय के साथ जुड़ा हुआ हैं | यह मंदिर एक लोकप्रिय स्थल हैं जहां देश -विदेश से कई लोग यहाँ भगवान बुद्ध की आराधना करने आते हैं |
काले बुद्ध मंदिर की वास्तुकला
दोस्तों काले बुद्ध मंदिर की वास्तुकला की बात की जाए तो आपको बता दें इसकी वास्तुकला लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है | देखने में काफी मनोरम और सुखदायक लगता है |
इस मंदिर को कई प्रकार की सामग्रियों का उपयोग कर के बनाया गया हैं जैसे ईंट, मार्बल, बालू इत्यादि |
काले बुद्ध मंदिर की पौराणिक कथा
आखिर क्या है इस काले बुद्ध मंदिर की पौराणिक कथा? क्या बख्तियार खिलजी ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा को ले जाना चाहा ? आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाओं को |
स्थानीय लोगों के अनुसार–
जब बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया तब उसने काले बुद्ध की प्रतिमा को भी अपने साथ ले जाना चाहा लेकिन वो इसमें असफल रहा क्योंकि जब वो इस प्रतिमा को सिक्कड़ से बांध कर ले जा रहे थे तो धीरे – धीरे इस प्रतिमा का निचला हिस्सा जमीन में दबने लगा और बख्तियार खिलजी इस प्रतिमा को ले जाने में असमर्थ रहे | जब बख्तियार खिलजी इस प्रतिमा को नहीं ले जा सके तो उसने इस प्रतिमा की सुंदर्ता को बिगाड़ने की कोशिश की जिस वजह से इस प्रतिमा के कुछ जगहों पर खरोंच आ गई |
काले बुद्ध मंदिर के समीप अन्य पर्यटन स्थल
काले बुद्ध मंदिर के समीप कई अन्य पर्यटन स्थल हैं जहां आप घूम सकते हैं | जैसे विश्व शांति स्तूप , नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर हॉट स्प्रिंग्स, राजगीर रोप-वे इत्यादि | जब आप यहाँ विज़िट करेंगे तो आपको एक अलग दुनिया का अहसास मिलेगा जो आपको एक आंतरिक खुशी देगा |
काले बुद्ध का मंदिर कैसे पहुंचे ?
काले बुद्ध का मंदिर, बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं | इसलिए आपको पहले नालंदा फिर नालंदा में स्थित राजगीर आना होगा और फिर राजगीर से आपको इस मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी या e – rickshaw करना होगा |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : राजगीर रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : राजगीर बस स्टेशन
काले बुद्ध का मंदिर की यात्रा का सर्वोत्तम समय
प्रिय पर्यटकों आप किसी भी समय इस काले बुद्ध का मंदिर की यात्रा करने आ सकते हैं लेकिन यहाँ का मौसम ऑक्टोबर से मार्च महीनों के बीच काफी अच्छा रहता है अतः यह आपके लिए सबसे अच्छा समय होगा |
काले बुद्ध का मंदिर के लिए टिकट प्राइस
आपको बता दें इस मंदिर का भ्रमण करने के लिए आपको कोई टिकट नहीं लगती ये बिल्कुल निः शुल्क है | आप यहाँ विज़िट कर सकते हैं तथा फोटोग्राफी के शोख रखने वाले यहाँ फोटो भी खीच सकते हैं | बस आपके मन में भक्ति भाव तथा सबके प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए |
काले बुद्ध का मंदिर विज़िट करने के लिए इन बातों का रखें ख्याल-
- मंदिर परिसर में गंदगी न फेलाएं |
- शांति बनाए रखें
- स्थानीय लोगों का सम्मान करें
- किसी की आस्था को ठेस पहुचाने का काम न करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
काले बुद्ध का मंदिर कौन सी शताब्दी का हैं ?
काले बुद्ध का मंदिर 7 वीं शताब्दी का हैं |
काले बुद्ध का मंदिर कहाँ स्थित हैं ?
काले बुद्ध का मंदिर बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं |
नालंदा विश्वविद्यालय को किसने नष्ट किया था ?
नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने नष्ट किया था |
काले बुद्ध का मंदिर किस धर्म से जुड़ा हुआ हैं ?
काले बुद्ध का मंदिर बोद्ध धर्म से जुड़ा हुआ हैं |
काले बुद्ध का मंदिर में स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा को किसने ले जाना चाहा ?
काले बुद्ध का मंदिर में स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा को बख्तियार खिलजी ने ले जाना चाहा |
निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से आपने काले बुद्ध का मंदिर के महत्व के बारे में जाना और इससे जुड़ी कई जानकारियाँ प्राप्त की | गौतम बुद्ध का यह मंदिर हमें उनके मार्ग पे चलना सिखाता हैं |
अतः आशा करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा और अगर आपके मन में इस लेख से संबंधित किसी भी प्रकार का प्रश्न हो या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं |
धन्यवाद
आपका दिन शुभ हो !