नमस्कार दोस्तों ! आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से चर्चा करने जा रहे है हिरण्य पर्वत के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिला के बिहारशरीफ अनुमंडल में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल हैं |
इस पर्वत को “बड़ी पहाड़ी “ के भी नाम से जाना जाता हैं | हिरण्य पर्वत के एक छोर पर मकबरा है तो दूसरी छोर पर काफी पुराना हनुमान मंदिर स्थित है और पास ही में भगवान शिव की मंदिर स्थापित है जो हाल में ही बनाया गया हैं |
यह पर्वत बिहारशरीफ के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है | आपको इस पर्वत को देखने जरूर आना चाहिए | तो चलिए इस ब्लॉग को आगे बढ़ाते हुए इस पर्वत के बारे में विस्तार से चर्चा करते है|
हिरण्य पर्वत का इतिहास और क्यूँ है एकता का प्रतीक !
Contents
- 1 हिरण्य पर्वत का इतिहास और क्यूँ है एकता का प्रतीक !
- 2 हिरण्य पर्वत की प्राकृतिक सौन्दर्य और शांति
- 3 हिरण्य पर्वत का धार्मिक महत्व
- 4 हिरण्य पर्वत पर क्या-क्या देखने को मिलेगा ?
- 5 हिरण्य पर्वत क्यों प्रसिद्ध हैं ?
- 6 हिरण्य पर्वत कैसे पहुंचे ?
- 7 हिरण्य पर्वत टिकट प्राइस
- 8 हिरण्य पर्वत की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय
- 9 हिरण्य पर्वत के लिए वर्तमान समय में सरकार क्या कर रही है ?
- 10 पर्यटकों के लिए सुझाव
- 11 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 11.1 हिरण्य पर्वत किस राज्य में स्थित हैं ?
- 11.2 क्या हिरण्य पर्वत पर हिन्दू मंदिर स्थापित है?
- 11.3 क्या हिरण्य पर्वत में पार्क हैं ?
- 11.4 क्या हिरण्य पर्वत का संबंध बोद्ध धर्म से जुड़ा है ?
- 11.5 हिरण्य पर्वत में किस सूफी संत को दफनाया गया था ?
- 11.6 इब्राहीम बया का मखबरा कहाँ स्थित है ?
- 11.7 हिरण्य पर्वत का अन्य नाम क्या है ?
- 12 निष्कर्ष
हिरण्य पर्वत जिसे आप बड़ी पहाड़ी के नाम से भी जानते हैं दोस्तों इसके इतिहास का बात करें तो इसके आसपास के पत्थरों की दशा देख ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह पर्वत भगवान बुद्ध के कालखंड से जुड़ा हुआ हैं |
यह पर्वत एक बोद्ध धर्म का स्थल है और ऐसा माना जाता है भगवान बुद्ध ने अपने जीवनकाल में कई बार यहाँ ध्यान और तपस्या किए थे| इस पर्वत का इतिहास इब्राहीम बया से भी जुड़ा है |
इब्राहीम बया एक प्रसिद्ध सूफी संत – योद्धा थे और इनकी मृत्यु होने के बाद इनके देह को यहाँ इसी पर्वत में दफनाया गया था और इसी पर्वत के एक छोर पर उनका मकबरा का निर्माण किया गया था जो आज भी मौजूद है |
अतः आप गौर करेंगे तो आपको एक इसी पर्वत पर बोद्ध धर्म, हिंदू धर्म तथा मुस्लिम धर्म का मिसाल देखने को मिल गया | इसलिए इसे हम एकता का भी प्रतीक कह रहे हैं |
हिरण्य पर्वत की प्राकृतिक सौन्दर्य और शांति
हिरण्य पर्वत का प्राकृतिक सौन्दर्य और शांति पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है | इस पर्वत की वादियों का दृश्य बड़ा ही मनोरम और सुखद होता है |
हाल ही में यहाँ पर्वत पर एक पार्क का भी निर्माण कराया गया है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है तथा सैकड़ों लोग यहाँ इस पार्क का आनंद लेने आते हैं |
यहाँ के हरे – भरे जंगल , शांत वातावरण और ताजगी भरी हवाएँ यहाँ की यात्रा को एक विशेष अनुभव कराती हैं | यह पर्वत ध्यान और योग करने के लिए उपयुक्त स्थल हैं | अतः आप भी अगर है प्रकीर्तिक प्रेमी तो इस जगह का आनंद जरूर लें |
हिरण्य पर्वत का धार्मिक महत्व
जेसे की हमारी लेख से पता चल ही गया होगा की हिरण्य पर्वत बोद्ध धर्म से जुड़ा हुआ एक पवित्र स्थल है | साथ ही साथ यहाँ हनुमान जी का मंदिर है तो बाबा भोलेनाथ जी का मंदिर है और वहीं बगल में एक माता जी का मंदिर है
तो दूसरी छोर पर इब्राहीम बया का मकबरा भी और सिर्फ इब्राहीम बया का नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार का मकबरा है | इसलिए यह पर्वत सर्वधर्म के लिए फेमस है अतः इस पर्वत से हमे हमारे अतीत के बारे में पता चलता है |
हमे और हमारे आने वाले पीढ़ियों के लिए एक धार्मिक स्थल के साथ – साथ यह एक शिक्षा का केंद्र के रूप में भी कार्य करता है क्योंकि इससे हमे भारत के इतिहास के बारे में पता चलता है साथ ही साथ सबको मिल जुलकर रहने की प्रेरणा देता है और उस काल खंड के महान संतों से हमे प्रेरित करता हैं |
हिरण्य पर्वत पर क्या-क्या देखने को मिलेगा ?
हिरण्य पर्वत पर आपको कई जगह देखने को मिलेंगी | यहाँ आपको एक पुराना हनुमान जी की मंदिर स्थापित मिलेंगी और हाल ही में बनाया गया भगवान शिव की मंदिर स्थापित मिलेंगी | साथ ही साथ बगल में माता जी का मंदिर भी देखने को मिलेगा |
दूसरी छोर की बात की जाए तो इस पर्वत पर इब्राहीम बया मकबरा भी मौजूद है और यहाँ आपको एक पार्क भी देखने को मिलेगा |
हिरण्य पर्वत क्यों प्रसिद्ध हैं ?
हिरण्य पर्वत अपनी इतिहास और अपने सौन्दर्य के कारण प्रसिद्ध हैं | यह पर्वत बिहार राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं |
यह पर्वत एक धार्मिक स्थल के रूप में भी हैं और यहाँ एक पार्क भी स्थित है | पर्वत के एक छोर पर मकबरा तो दूसरी छोर पर हनुमान जी की मंदिर स्थापित हैं और वही पास में भगवान शिव की भव्य मंदिर स्थापित हैं |
पर्वत के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है और यहाँ आप ट्रैकिंग और एडवेंचर कर सकते है | साथ ही साथ यदि आप बॉडी बनाने का शोकिन हैं तो आपके लिए यहाँ जिम भी है |
हिरण्य पर्वत कैसे पहुंचे ?
हिरण्य पर्वत बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित हैं | यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई मार्ग , ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते हैं |
नालंदा आने के पश्चात आप बिहारशरीफ के लिए प्रस्थान करेगे फिर आप टैक्सी या ई – रीक्शा के माध्यम से पर्वत तक पहुँच सकते हैं |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : बिहारशरीफ़ रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : बिहारशरीफ़ बस स्टेशन
हिरण्य पर्वत टिकट प्राइस
प्रिय पर्यटकों आप सभी को बता दे की इस पर्वत का भ्रमण करने के लिए कोई पैसे नहीं देने पड़ते हैं लेकिन यदि आप इस पर्वत पर स्थितः पार्क के अंदर जाना चाहेंगे तो आपसे पार्क का टिकट लेना पड़ेगा जो काफी बजट फ़्रेंडली है |
आप इस पार्क का भ्रमण मात्र 10 रुपये के टिकट में (विभिन्न परिस्थितियों पर निर्भर ) कर सकते हैं | आप यहाँ पे स्थित मंदिरों , मकबरा आदि फ्री में घूम घूम सकते हैं |
नोट : पार्किंग के लिए आपको अलग से पैसे लगते हैं जो की मात्र 10 रुपये हैं |
हिरण्य पर्वत की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय
हिरण्य पर्वत की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय ऑक्टोबर से मार्च महीने के बीच है | इस समय वातावरण काफी अनुकूल और आप पर्यटकों के लिए सुखदायक होता हैं | हिरण्य पर्वत का गेट खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से है और बंद होने का समय शाम 6:00 बजे हैं |
हिरण्य पर्वत के लिए वर्तमान समय में सरकार क्या कर रही है ?
वर्तमान समय में सरकार हिरण्य पर्वत को और भी प्रमुख बनाने का कार्य कर रही हैं | इस पर्वत को और भी ज्यादा मुख्य पर्यटन स्थल में बदलने के लिए कई सारी व्यवस्थाओ का प्रबंध कर रही है |
आपको जानकारी दे दें की पर्वत की देख रेख के लिए तथा इसे ओर अधिक टुरिस्ट फ़्रेंडली बनाने के लिए कभी वार्ड पार्षद तो कभी अन्य नेता द्वारा, तो गणमान्य लोगों द्वारा बजट दिया जाता है |
पर्यटकों के लिए सुझाव
- आरामदायक कपड़े और जूते पहने इससे आपको पर्वत का भ्रमण करने में कठिनाई नहीं होंगी |
- अपने साथ नाश्ता और पानी रखे ताकि आप यात्रा के दौरान ऊर्जावान रहे |
- यदि आप फोटोग्राफी का शौक रखते हैं तो आप जरूर अपने साथ कैमरा ला सकते है और यहाँ की यादों को कैप्चर सकते है |
- यदि आप इस पर्वत का आनंद लेना चाहते है तो सुबह या शाम का समय चुने क्योंकि इस समय महोल काफी सुहाना रहता है |
![hiranya parwat's nature view](https://apnanalanda.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG_8520-683x1024.jpg)
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![biharsharif smart city from hiranya parwat](https://apnanalanda.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG_8658-1024x683.jpg)
![hiranya parwat](https://apnanalanda.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG_8659-1024x683.jpg)
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![देवी माँ की प्रतिमा](https://apnanalanda.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG_8674-683x1024.jpg)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हिरण्य पर्वत किस राज्य में स्थित हैं ?
हिरण्य पर्वत भारत के बिहार राज्य में स्थित हैं |
क्या हिरण्य पर्वत पर हिन्दू मंदिर स्थापित है?
हाँ , हिरण्य पर्वत पर हिन्दू मंदिर स्थापित हैं | यहाँ आपको एक पुराना हनुमान जी की मंदिर देखने को मिलेगी और पास ही में भगवान शिव की मंदिर स्थापित मिलेंगी |
क्या हिरण्य पर्वत में पार्क हैं ?
हाँ , हिरण्य पर्वत में एक पार्क स्थित है
क्या हिरण्य पर्वत का संबंध बोद्ध धर्म से जुड़ा है ?
हाँ , हिरण्य पर्वत का संबंध बोद्ध धर्म से जुड़ा हैं |
हिरण्य पर्वत में किस सूफी संत को दफनाया गया था ?
हिरण्य पर्वत में प्रसिद्ध सूफी संत इब्राहीम बया को दफनाया गया था |
इब्राहीम बया का मखबरा कहाँ स्थित है ?
इब्राहीम बया का मखबरा बिहार शरीफ़ स्थित हिरण्य पर्वत पर है |
हिरण्य पर्वत का अन्य नाम क्या है ?
हिरण्य पर्वत को बड़ी पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है |
निष्कर्ष
हिरण्य पर्वत न केवल अपनी धार्मिक और एतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि यह पर्वत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है |
यहाँ की यात्रा न केवल आपको शांति और सुकून प्रदान करती हैं बल्कि यह आपको एक अद्भुत अनुभव भी कराती हैं |आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा
और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं |धन्यवाद
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