अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर । ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध राजगीर शहर के रोपवे से घोड़ाकटोरा झील तक जाने वाली सड़क की स्थिति बेहद जर्जर हो चुकी है। उखड़ी हुई गिट्टियां, असमान सतह और गड्ढों से भरे इस मार्ग ने पर्यटकों की यात्रा को असहज और जोखिमभरा बना दिया है। यह मार्ग घोड़ाकटोरा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल को जोड़ता है, जहां इन दिनों बड़ी संख्या में सैलानी वोटिंग का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों की मानें तो सड़क की हालत लंबे समय से खराब है, लेकिन अब स्थिति और गंभीर हो गई है। टमटम यूनियन एवं अनुदानित ई-रिक्शा यूनियन के चेयरमैन अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मार्ग की उपेक्षा लगातार की जा रही है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया है, परंतु अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने चेतावनी दी कि बारिश के मौसम में यह मार्ग और खतरनाक हो जाएगा, क्योंकि कीचड़ और जलजमाव के कारण आवागमन लगभग असंभव हो जाएगा। हालांकि कुछ स्थानों पर ह्यूम पाइप डालने का काम शुरू किया गया है, लेकिन कार्य की रफ्तार काफी धीमी है और इसका कोई तात्कालिक लाभ यात्रियों को नहीं मिल रहा है।
पर्यटन पर असर की आशंका
झील की ओर जाने वाली सड़क की बदहाल स्थिति ने राजगीर की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही इस सड़क का मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया, तो सैलानियों की संख्या में गिरावट आ सकती है। इससे न केवल सरकारी राजस्व में कमी आएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
घोड़ाकटोरा झील पर उमड़ रही भीड़
घोड़ाकटोरा झील वर्तमान में सैलानियों का प्रमुख आकर्षण बना हुआ है। यहां लोग बोटिंग का आनंद लेने के साथ-साथ भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा के साथ सेल्फी लेना भी पसंद कर रहे हैं। देशी और विदेशी दोनों पर्यटक इस स्थल को देखने आते हैं, लेकिन खराब सड़क उनके अनुभव को प्रभावित कर रही है।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय नागरिकों और टमटम चालकों ने मांग की है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अविलंब इस दिशा में कार्रवाई करे और सड़क मरम्मत व पुनर्निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाए, ताकि पर्यटन और जनसुविधा दोनों को मजबूती मिल सके।