पर्यटन, शिक्षा, खेल, संस्कृति और आधारभूत संरचना ने दिलाई वैश्विक पहचान
भविष्य में राष्ट्रीय आदर्श अनुमंडल बनने की ओर अग्रसर
अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। राजगीर अनुमंडल ने आज 23 जून,सोमवार को अपने 32 वर्षों की विकास यात्रा पूरी कर ली। 23 जून 1993 को स्थापित यह अनुमंडल आज पर्यटन, शिक्षा, खेल, संस्कृति और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर चुका है। यह विकास यात्रा संघर्ष, संकल्प और सफलता की प्रेरक कहानी है, जिसने राजगीर को जिले का विकासशील हृदय बना दिया है।
संघर्ष से स्थायित्व तक की कहानी
स्थापना के शुरुआती दौर में प्रशासनिक ढांचे, आधारभूत संरचनाओं और जनसुविधाओं की कमी चुनौती बनी रही। अनुमंडल कार्यालय की शुरुआत जिला परिषद अतिथिशाला में हुई, फिर स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय केंद्र (एफडीसी) में स्थानांतरित किया गया। वर्षों के निरंतर प्रयासों से राजगीर अब पूर्ण रूप से विकसित अनुमंडल के रूप में उभर चुका है, जहां निबंधन, खाद्य आपूर्ति, श्रम, राजस्व, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, नगर परिषद सहित तमाम सरकारी विभाग संचालित हो रहे हैं।
शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां
राजगीर अनुमंडल शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से उभरा है। नालंदा विश्वविद्यालय, नव नालंदा महाविहार, बिहार खेल विश्वविद्यालय, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थान इसकी पहचान बने हैं। भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, बिहार पुलिस अकादमी, सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र, आईटीआई, पीएम श्री विद्यालय, सैनिक स्कूल, आवासीय विद्यालय आदि ने शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों को सुदृढ़ किया है।
पर्यटन को मिला नया जीवन
पर्यटन क्षेत्र में राजगीर ने अभूतपूर्व प्रगति की है। रज्जू मार्ग (रोपवे) का नवीनीकरण, नेचर और जू सफारी, ग्लास ब्रिज, गुरुद्वारा, आरआईसीसी, डायनासोर पार्क (निर्माणाधीन), जयप्रकाश उद्यान, इको पार्क, विश्व शांति स्तूप, गर्म जलकुंड, गृधकूट, ब्रह्मकुंड जैसे स्थलों का विकास हुआ है। इससे यहां आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
सांस्कृतिक पहचान को मजबूती
राजगीर महोत्सव, सारिपुत महोत्सव, सूर्य महोत्सव, विश्वशांति स्तूप वर्षगांठ, पदयात्राएं और मलमास मेला जैसे आयोजनों ने राजगीर की सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत किया है।
आधारभूत संरचना में बुनियादी बदलाव
अब राजगीर अनुमंडल में दो नेशनल हाईवे, एक स्टेट हाईवे, फोरलेन सड़कें और नदी पुलों का जाल बिछ चुका है। राजगीर-बिहारशरीफ, बिहारशरीफ-नवादा और इस्लामपुर-राजगीर-शाहपुर जैसे सड़क मार्गों से क्षेत्रीय संपर्क बेहतर हुआ है। पैमार, पंचाने और सकरी नदी पर बने पुलों ने ग्रामीण आवागमन को भी सुगम बनाया है। रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण और नई ट्रेनों का परिचालन भी क्षेत्रीय विकास को गति दे रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
100 बेड वाले बहुमंजिला अनुमंडलीय अस्पताल की योजना, टीकाकरण अभियान, मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई, एंबुलेंस और शव वाहन सेवाएं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का विकास और उपकेंद्रों की स्थापना ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है।
सामाजिक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन
हर घर नल-जल, शौचालय निर्माण, उज्ज्वला, आवास, मनरेगा, पीएम किसान निधि और जीविका जैसी योजनाएं जन-जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। महिलाओं के लिए बेबी फीडिंग रूम जैसी पहल भी सराहना पा रही है।
भविष्य की बड़ी योजनाएं
राजगीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए कई प्रस्तावित योजनाएं कार्यान्वयन की प्रतीक्षा में हैं, जिनमें इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस टर्मिनल, फिल्म सिटी, आईटी सिटी, सप्तऋषि और जैन कॉरिडोर, एलिवेटेड रोड, क्लिफ वॉक, नया ग्लास ब्रिज, ध्वनि एवं प्रकाश शो, आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान शामिल हैं।