सारिपुत्र स्तूप | Sariputra Stupa

Written by Sanjay Kumar

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नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है सारिपुत्र स्तूप के बारे में । आपको बता दें यह स्तूप बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है । यह स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर परिसर के अंदर है ।

यह स्तूप नालंदा के मुख्य आकर्षण स्थलों में से है तथा यह बोद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है जो हमारे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक शिक्षा के केंद्र के रूप में भी कार्य करता है |

माना जाता है कि

इस स्तूप में भगवान बुद्ध के प्रमुख शिष्यों में से एक सारिपुत्र के अवशेष रखे हुए हैं।

अतः आपको भी इस स्तूप का भ्रमण करने जरूर आना चाहिए | तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हैं और सारिपुत्र स्तूप के बारे में विस्तृत जानकारी देते है |

सारिपुत्र कौन थे? | Who was Sariputra?

Contents

सारिपुत्र भगवान बुद्ध के मुख्य शिष्यों में से एक थे। मौद्गल्यायन के साथ उन्हें बुद्ध के दो प्रमुख पुरुष शिष्यों में से पहला माना जाता है |

सारिपुत्र की बुद्ध मंत्रालय में प्रमुख नेतृत्वकारी भूमिका थी और कई बौद्ध विद्यालयों में इसे बौद्ध अभिधर्म के विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है।

सारिपुत्र स्तूप इतिहास और महत्वपूर्ण जानकारी | History Of Sariputra Stupa And Important Information

सारिपुत्र स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा किया गया था | इस स्तूप का निर्माण भगवान बुद्ध के अनुयायी सारिपुत्र के सम्मान में किया गया था।

यह स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों के बीच मौजूद उल्लेखनीय उत्खननों में से एक है।

विषयमहत्वपूर्ण जानकारी
सारिपुत्र स्तूप का परिचयसारिपुत्र स्तूप नालंदा, बिहार में स्थित एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल है, जो भगवान बुद्ध के शिष्य सारिपुत्र के अवशेषों को समर्पित है।
सारिपुत्र कौन थे?सारिपुत्र भगवान बुद्ध के प्रमुख शिष्य थे और बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण शिक्षक माने जाते हैं।
सारिपुत्र स्तूप का इतिहासइस स्तूप का निर्माण मौर्य सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी में सारिपुत्र के सम्मान में करवाया था।
वास्तुकला की विशेषताएंस्तूप का आकार पिरामिड जैसा है, जिसमें चारों ओर सीढ़ियाँ हैं और किनारों पर बुद्ध की मूर्तियाँ और बौद्ध धर्म से जुड़ी कलाकृतियाँ हैं।
सारिपुत्र स्तूप का महत्वयह स्तूप बौद्ध धर्म का प्रमुख स्थल होने के साथ-साथ भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
कैसे पहुंचे सारिपुत्र स्तूपनिकटतम हवाई अड्डा: पटना, निकटतम रेलवे स्टेशन: नालंदा, निकटतम बस स्टेशन: नालंदा।
टिकट प्राइस और समयभारतीय: ₹40, विदेशी: ₹650, खुलने का समय: 9:00 AM, बंद होने का समय: 5:00 PM।
सर्वोत्तम यात्रा समयअक्टूबर से मार्च के बीच का समय यात्रा के लिए सबसे अनुकूल है।
आस-पास के पर्यटन स्थलनालंदा संग्रहालय, थाई मंदिर, काले बुद्ध का मंदिर आदि।
यात्रा गाइडेंसयात्रा के दौरान नाश्ता और पानी साथ रखें, स्थानीय स्थानों का सम्मान करें, और नियमों का पालन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नसारिपुत्र स्तूप का स्थान, इतिहास, निर्माणकर्ता, और महत्व के बारे में जानकारी।
सारिपुत्र स्तूप का एक सारांश

सारिपुत्र स्तूप की वास्तुकला | Architecture Of Sariputra Stupa

सारिपुत्र स्तूप की वास्तुकला काफी ज्यादा सुन्दर और आकर्षित है | इस स्तूप में निर्माण की कई सामग्री और तकनीक इसे विशेष बनाती है | इस स्तूप का आकार पिरामिड जैसा है जिसके सिरे से लेकर आधार तक चारों तरफ सीढ़ियाँ बनी हुई हैं।

सारिपुत्र स्तूप को एक मन्नत स्तूप माना जाता है

क्योंकि यह एक बौद्ध स्मारक है जिसमें बुद्ध से जुड़े पवित्र अवशेष रखे गए हैं।

इस स्तूप के  किनारों पर लगे पैनल प्राचीन काल की कलाकृतियों को दर्शाते हैं जिनमें भगवान बुद्ध की मूर्तियाँ और बोद्ध धर्म से जुड़ी कथाओं के दृश्य भी मौजूद हैं। 

सारिपुत्र स्तूप का महत्व | Importance Of Sariputra Stupa

सारिपुत्र स्तूप हमारे भारत के लिए एक प्रमुख एतिहासिक धरोहर है जो हमे प्राचीन काल से जोड़ता है | यह स्तूप धार्मिक महत्व के साथ साथ एक शिक्षा के केंद्र के रूप में भी कार्य करता है |

तथा यह स्तूप बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि यह सारिपुत्र की समाधि स्थल है जो भगवान बुद्ध के मुख्य  शिष्यों में से एक थे।

यह स्तूप प्राचीन भारत की वास्तुकला एक प्रमुख उदाहरण है। यह स्तूप भारतीय संस्कृति और बोद्ध विरासत के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

सारिपुत्र स्तूप नालंदा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो लोगों को प्राचीन भारत के इतिहास और बौद्ध धर्म के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।

सारिपुत्र स्तूप कैसे पहुंचे? | How To Reach Sariputra Stupa?

सारिपुत्र स्तूप बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है | यहाँ तक पहुँचने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है | यह स्तूप नालंदा रेल्वे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित है |

सारिपुत्र स्तूप टिकट प्राइस और समय | Ticket Price For Sariputra Stupa 

सारिपुत्र स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर परिसर के अंदर स्थित है इसलिए जब आप इस स्तूप का भ्रमण करने आएंगे तो आपको नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर को देखने के लिए जो टिकट लगेगी उसी मे इस स्तूप को भी आप देख सकेगे | 

नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर टिकट प्राइस | Nalanda university khandar ticket price –

  • भारतीय के लिए – 40 रुपए 
  • विदेशी के लिए – 650 रुपए 

खुलने का समय : 9:00 am 

बंद होने का समय : 5:00 pm 

यह स्तूप सप्ताह में सातों दिन खुला रहता है | अतः आप किसी भी दिन यहाँ इस स्तूप को देखने या सकते है |

सारिपुत्र स्तूप की यात्रा का सर्वोत्तम समय | Best Time To Travel Sariputra Stupa

सारिपुत्र स्तूप की यात्रा करने के लिए आप किसी भी समय आ सकते है लेकिन हमारे अनुसार आप पर्यटकों के लिए ऑक्टोबर से मार्च महीन के बीच का समय काफी comfortable रहेगा |

इन महीनों में वातावरण अनुकूल रहता है और यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय साबित होता है और आप इस स्तूप के साथ साथ कई अन्य मुख्य स्थलों का भी भ्रमण कर सकेगे |

सारिपुत्र स्तूप के पास अन्य पर्यटन स्थल | Nearby Tourist Place

सरिपुत्र स्तूप के पास कई सारे आकर्षण के केंद्र है | जैसे –

आप इन सभी मुख्य स्थलों का भ्रमण कर इसके इतिहास और महत्व के बारे में जान सकते है |

यात्रा गाइड | Travelling Guidence

  • आसपास के स्थलों का भी भ्रमण करे |
  • अपने साथ नाश्ता और पानी रखे ताकि आप यात्रा के दौरान ऊर्जावान रह सके |
  • स्थानीय जगहों का आदर करे और किसी भी नियम का उल्लंघन न करे |
  • अपना समय ले और स्थलों का भ्रमण कर आनंद ले |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सारिपुत्र स्तूप कहाँ स्थित है ?

सारिपुत्र स्तूप बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है |

सारिपुत्र स्तूप का निर्माण किसने करवाया था ?

सरिपुत्र स्तूप का निर्माण मौर्य सम्राट अशोक द्वारा किया गया था|

सारिपुत्र कौन थे ?

सारिपुत्र भगवान बुद्ध के मुख्य शिष्यों में से एक थे|

 क्या सारिपुत्र स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर परिसर के अंदर स्थित है ?

 हाँ , सारिपुत्र स्तूप नालंदा विश्वविद्यालय खंडहर परिसर के अंदर स्थित है |

सारिपुत्र स्तूप क्यों प्रसिद्ध ?

सारिपुत्र स्तूप अपनी एतिहासिक, धार्मिक और वास्तुकला के कारण प्रसिद्ध है | 

निष्कर्ष

आज हमने इस लेख के माध्यम से सारिपुत्र स्तूप के इतिहास, महत्व और कई सारी जानकारियों के बारे में चर्चा की | सारिपुत्र भगवान बुद्ध के मुख्य शिष्यों में से एक थे|

यह स्तूप हमारे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थल है | यह स्तूप शिक्षा के केंद्र के रूप में भी कार्य करता है जो हमे बोद्ध धर्म के उपदेशों के बारे मे बताता है |

आशा करते है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न हो या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

 धन्यवाद ! आपका दिन शुभ हो !

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