“दक्षिण-पूर्व एशियाई प्रतिनिधिमंडल ने राजगीर जू सफारी में लिया सतत पर्यटन का अनुभव, भारत-आसियान संबंधों को मिली नई दिशा”

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर।भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित मेकांग-गंगा सहयोग कार्यक्रम के तहत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के 50 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल एजेंसी प्रतिनिधिमंडल ने 10 जून को राजगीर जू सफारी और नेचर सफारी का दौरा किया। यह प्रतिनिधिमंडल कंबोडिया, लाओ पीडीआर, म्यांमार, वियतनाम और थाईलैंड से भारत आया था।

इस भ्रमण का उद्देश्य भारत और मेकांग क्षेत्र के देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और द्विपक्षीय सहयोग को प्रोत्साहित करना था।

प्रतिनिधिमंडल ने राजगीर जू सफारी एवं नेचर सफारी के प्रमुख आकर्षणों—सेल्फी प्वाइंट, इंटरप्रिटेशन सेंटर, ग्लास स्काई वॉक और सस्पेंशन ब्रिज—का अवलोकन किया। इन स्थलों ने प्रतिनिधियों को अत्यंत उत्साहित और प्रभावित किया। उन्होंने यहां की समृद्ध जैव विविधता, आधुनिक बुनियादी संरचना और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की खुले दिल से सराहना की।

भ्रमण के दौरान प्रतिनिधियों को हर्बिवोर सफारी, बियर सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी, लॉयन सफारी, एवियरी, और पर्यावरण अनुकूल ई-व्हीकल जैसी सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।

प्रतिनिधिमंडल ने राजगीर जू सफारी एवं नेचर सफारी के सतत पर्यटन मॉडल, वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन की रणनीतियों को सराहनीय बताया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोहराए जाने योग्य उदाहरण बताया।

इस भ्रमण के माध्यम से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बीच सांस्कृतिक और पर्यटनिक रिश्तों में मजबूती आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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