नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है पावापुरी जल मंदिर के बारे में जो भगवान महावीर को समर्पित हैं | यह पवित्र स्थल वही है जहां भगवान महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया था |
यह मंदिर बिहार राज्य के नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित हैं | पावापुरी नालंदा जिले के राजगीर शहर से लगभग 18-19 km की दूरी पर स्थित हैं | यह मंदिर जैन धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थस्थल हैं |
यह मंदिर भगवान महावीर के जैन धर्म के धार्मिक उपदेशकों को समर्पित हैं और यहीं भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थीं | भगवान महावीर ने 527 ईशा पूर्व यहीं पावापुरी में निर्वाण प्राप्त की थी |
यह मंदिर महावीर के बड़े भाई राजा नंदिवर्धन द्वरा बनाया गया था और यह पावापुरी के पाँच प्रमुख मंदिरों में से एक हैं | इस मंदिर में भगवान महावीर की बहुत पुरानी चरण पादुका हैं |
दुनिया भर से लोग यहाँ इस मंदिर का भ्रमण करने आते है और ये नालंदा के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक हैं | अतः आपको भी यह मंदिर के भ्रमण करने जरूर आना चाहिए |
तो चलिए इस ब्लॉग को आगे बढ़ाते हैं और इस मंदिर के इतिहास, महत्व , वास्तुकला और कई सारी चीजों के बारे में चर्चा करते हैं |

पावापुरी जल मंदिर कहाँ स्थित हैं ?
Contents
- 1 पावापुरी जल मंदिर कहाँ स्थित हैं ?
- 2 पावापुरी जल मंदिर का इतिहास
- 3 पावापुरी जल मंदिर का धार्मिक महत्व
- 4 पावापुरी जल मंदिर की वास्तुकला
- 5 पावापुरी जल मंदिर कैसे पहुँचे ?
- 6 पावापुरी जल मंदिर के पास अन्य पर्यटन स्थल
- 7 पावापुरी जल मंदिर की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय
- 8 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 9 निष्कर्ष
दोस्तों पावापुरी जल मंदिर, भारत के बिहार राज्य के नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित है जो नालंदा जिला के राजगीर शहर में है | इतिहास का पन्ना उठा के देखेंगे तो आपको पता चलेगा
राजगीर का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है | तो चलिये लेख को आगे बढ़ाते हैं और आपको जल मंदिर के इतिहास को बताते हैं |
पावापुरी जल मंदिर का इतिहास
पावापुरी जल मंदिर भगवान महावीर को समर्पित हैं | यह मंदिर जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र तीर्थस्थल हैं | यह मंदिर बिहार राज्य के नालंदा जिले में पावापुरी में स्थित हैं |
किंवदंती के अनुसार
जब भगवान महावीर ने पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था तब उनके दाह संस्कार का स्थान एक पवित्र तीर्थस्थल बन गया |
जब बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों ने उस स्थान से बहुत ज्यादा मात्रा में मिट्टी निकाली तो उस मिट्टी को भगवान महावीर के राख के समान पवित्र माना जाता था
और इस प्रकार से तीर्थयात्रियों ने काफी बड़ा गड्ढा बनाया जो पानी से भर गया और एक तालाब बन गया और भगवान महावीर के निर्वाण स्थल की स्मृति में इसी तालाब में मंदिर बनाया गया था जिसे जल मंदिर के नाम से जाना जाता है |
जल मंदिर की स्थापना लगभग 528 ईशा पूर्व में हुई थी और मंदिर का निर्माण महावीर के बड़े भाई राजा नंदिवर्धन द्वारा किया गया था |

पावापुरी जल मंदिर का धार्मिक महत्व
पावापुरी जल मंदिर हमारे धार्मिक स्थलों में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल हैं | यह मंदिर भगवान महावीर के जैन धर्म के धार्मिक उपदेशों का प्रतीक है जो हमे धर्म , सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाता हैं |
यह मंदिर जैन धर्म के मुख्य स्थलों मे से एक है और यहाँ लोग भगवान महावीर की पूजा करने और उनके जीवन के बारे में जानने आते हैं |
ऐसा माना जाता है की
इस मंदिर में पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं | इस मंदिर शांत और वातावरण श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और ध्यान का अनुभव कराता हैं |
यह मंदिर हमारे आने वाले पीढ़ियों के लिए एक प्रमुख ज्ञान का केंद्र हैं जो आने वाले भविष्य में सभी को भगवान महावीर के उपदेशों के बारे में जान सकेगे और उनसे प्रेरणा ले सकेगे |
पावापुरी जल मंदिर की वास्तुकला
पावापुरी जल मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय और आकर्षित हैं | इसका सौन्दर्य और इसमे उपयोग किए गए सामग्रियाँ और तकनीक इस मंदिर को बेहद खूबसूरत बनाती है |
यह मंदिर कमल के फूलों से भरी तालाब के बीच में स्थित हैं | इस जल मंदिर में भगवान महावीर की प्रतिमा स्थापित है जो सफेद संगमरमर से बनी है और काफी बड़ी हैं और भगवान महावीर की प्रतिमा को ध्यान मुद्रा में दर्शाया गया हैं |
यह जल मंदिर तालाब में स्थित हैं जो 84 बीघा का हैं | मंदिर सफेद संगमरमर से बनाया गया हैं| यह मंदिर रथ के रूप में दिखाई देती हैं और पत्थर से बना 600 फुट लंबा एक पुल है जो तालाब के किनारे से जुड़ी हुई हैं |
चाँदनी रात में यह मंदिर चमकीला और बेहद खूबसूरत दिखाई देता हैं |

पावापुरी जल मंदिर कैसे पहुँचे ?
पावापुरी जल मंदिर बिहार राज्य के नालंदा जिले के पावापुरी में स्थित हैं | आपको सबसे पहले नालंदा आना होगा नालंदा आने के बाद आपको राजगीर सहर आना होगा और फिर आप राजगीर से जल मंदिर तक आ पाएंगे |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : राजगीर रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : राजगीर बस स्टेशन
पावापुरी जल मंदिर के पास अन्य पर्यटन स्थल
प्रिय पर्यटकों आप पावापुरी जल मंदिर का भ्रमण करने के आयें तो इसके साथ साथ कई अन्य स्थलों का भी आनंद ले | नालंदा में कई आकर्षण के केंद्र स्थित हैं
जैसे नालंदा विश्वविद्यालय , विश्व शांति स्तूप , राजगीर हॉट स्प्रिंग्स , घोड़ा कटोरा झील, नालंदा संग्रहालय इत्यादि | आप इन सब जगहों का आनंद ले सकत हैँ और इसक ऐतिहास के बारे में जान सकते हैं |
पावापुरी जल मंदिर की यात्रा करने का सर्वोत्तम समय
प्रिय पर्यटकों आप पावापुरी जल मंदिर की यात्रा किसी भी समय में कर सकते है लेकिन हमारी सलाह के अनुसार ऑक्टोबर से मार्च महीने के बीच आप पर्यटकों के लिए सर्वोत्तम समय रहेगा क्योंकि इस समय वातावरण अनुकूल और सुखदायक रहता हैं |



अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जल मंदिर पावापुरी कहाँ स्थापित है ?
जल मंदिर पावापुरी बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थापित है |
जल मंदिर पावापुरी किस धर्म से जुड़ा हैं ?
जल मंदिर पावापुरी जैन धर्म से जुड़ा हैं |
पावापुरी में किसने निर्वाण प्राप्त किया था ?
भगवान महावीर ने पावापुरी में निर्वाण प्राप्त किया था |
पावापुरी का अर्थ क्या होता है ?
पावापुरी का अर्थ होता है “पाप रहित शहर” यानि जिस शहर में पाप न हो |
जल मंदिर पावापुरी क्यों प्रसिद्ध है ?
जल मंदिर पावापुरी इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह जैन धर्म के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं| और ये मंदिर हमे भगवान महावीर के मार्ग पर चलना सिखाता हैं |
महावीर स्वामी के बड़े भाई का नाम क्या था ?
महावीर के बड़े भाई का नाम नंदिवर्धन था |
निष्कर्ष
आज हमने इस ब्लॉग के माध्यम से पावापुरी जल मंदिर के इतिहास , धार्मिक महत्व , वास्तुकला और कई अन्य जानकारियों के बारे में चर्चा की | यह मंदिर सत्य, अहिंसा और धर्म का प्रतीक है |
यह हमे भगवान महावीर के उपदेशों पर चलना सिखाता हैं | आशा करते है आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न हो या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं | धन्यवाद ,आपका दिन शुभ हो !