बाबा अभयनाथ मंदिर (बुढ़वा महादेव मंदिर) हिलसा: नालंदा जिले का आध्यात्मिक रत्न

Written by Subhash Rajak

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नमस्कार दोस्तों ! आज हमलोग बात करने जा रहे हैं नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल में स्थित बाबा अभयनाथ मंदिर की जी हाँ दोस्तों जिसे बुढ़वा महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है 

इस मंदिर की बात की जाए तो यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का एक अद्वितीय स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के प्रति आस्था का केंद्र है और इसे पांडवों की पूजा से जोड़कर देखा जाता है। 

यहां का वातावरण भक्तों को अद्वितीय शांति और ऊर्जा प्रदान करता है। तो चलिये लेख को आगे बढ़ाते हैं और आपको इस मंदिर से जुड़ी सारी जानकारी देते हैं की आखिर कैसे यह पांडवों से जुड़ा है |

बाबा अभयनाथ मंदिर का इतिहास और पौराणिकता

बाबा अभयनाथ मंदिर का इतिहास क्या है? बाबा अभयनाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा बोला जाता है कि जब पांडव “जुए” में सब कुछ हार गए और उन्हें वनवास मिला, 

तब वे इस मार्ग से गुजरे और भगवान शिव की पूजा की। इस पवित्र स्थल पर उनकी पूजा के प्रमाण के रूप में एक शिवलिंग प्राप्त हुआ, जिसे बाद में ग्रामीणों ने खुदाई के दौरान पाया। 

इसी शिवलिंग के चारों ओर इस मंदिर का निर्माण हुआ। पहले तो मंदिर को एक छोटा रूप दिया गया लेकिन बाद में हिलसा के पूर्व SDM चंद्रशेखर जी के निगरानी में 2013 में एक भव्य मंदिर में तब्दील किया गया |

बाबा अभयनाथ मंदिर की संरचना और वास्तुकला

दोस्तों बाबा अभयनाथ मंदिर की संरचना की बात की जाए तो यहाँ तीन प्रमुख मंदिर स्थित हैं:

  1. बड़ा मंदिर (भगवान शिव का मंदिर): तालाब के बीचोंबीच स्थित यह शिव मंदिर अपनी अद्वितीयता और आकर्षकता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ स्थित शिवलिंग का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।
  1. मां दुर्गा का मंदिर: इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा होती है, और यहां के स्थानीय भक्त नियमित रूप से मां की आराधना करते हैं।
  1. हनुमान जी का मंदिर: राम भक्त हनुमान जी के इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं।

बाबा अभयनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व और उत्सव

बाबा अभयनाथ मंदिर में क्या है खास? बाबा अभयनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है। 

सावन और शिवरात्रि के समय यहां विशेष महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस अवसर पर मंदिर परिसर में मेला लगता है, जो धार्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक आनंद का भी माध्यम है। 

बाबा अभयनाथ मंदिर में है धर्मसाला और कई  सुविधाएँ

दोस्तों बाबा अभयनाथ मंदिर की सबसे खास चीज यह है की इस मंदिर परिसर में धर्मसाला की व्यवस्था भी की गई है, जो बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सुविधाजनक है। 

इसके अलावा, मंदिर में शादी के मौसम में भी बहुत भीड़ रहती है, और यहां शादियाँ कराई जाती है, जो इस स्थल के धार्मिक और सामाजिक महत्व को और बढ़ाती है। 

बाबा अभयनाथ मंदिर के आसपास घूमने के पर्यटक स्थल

बाबा अभयनाथ मंदिर के आसपास घूमने के पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं, जो आपकी यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं। 

जैसे नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर, राजगीर के पहाड़ और पावापुरी जहां आप घूम सकते हैं, जो ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।

कैसे पहुंचे बाबा अभयनाथ मंदिर?

हिलसा, नालंदा जिले में स्थित यह मंदिर बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। आप यहां सड़क मार्ग, रेल या निजी वाहन से आसानी से पहुंच सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन हिलसा है, और पटना से भी सीधा कनेक्शन उपलब्ध है। 

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

बाबा अभयनाथ मंदिर का इतिहास क्या है?

बाबा अभयनाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने वनवास के दौरान इस स्थल पर भगवान शिव की पूजा की थी।

बाबा अभयनाथ मंदिर में क्या है खास?

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह मंदिर चारों तरफ से बाग बगीचों से घिरा हुआ है जो इसे एक अद्वितीय आकर्षण प्रदान करता है। इसके अलावा, सावन और शिवरात्रि के महोत्सव में यहां का वातावरण बेहद धार्मिक और आनंदमय होता है।

बाबा अभयनाथ मंदिर के आसपास घूमने के पर्यटक स्थल कौन से हैं?

बाबा अभयनाथ मंदिर के आसपास नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर, राजगीर के पहाड़, और पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जिन्हें देखा जा सकता है।

बाबा अभयनाथ मंदिर में कैसे पहुंचें?

हिलसा, नालंदा जिले में स्थित बाबा अभयनाथ मंदिर बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। आप सड़क मार्ग, रेल या निजी वाहन से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

निष्कर्ष

बाबा अभयनाथ मंदिर, जिसे बुढ़वा महादेव मंदिर भी कहा जाता है, नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। 

इसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक पूजनीय बनाता है। सावन और शिवरात्रि के महोत्सव में यहाँ की भव्यता देखने लायक होती है। 

यदि आप आध्यात्मिक शांति की तलाश में हैं, तो यह मंदिर आपके लिए एक अनूठा अनुभव हो सकता है। आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा | 

और जब आप यहाँ विज़िट करेंगे तो आपने क्या अनुभव किया यहाँ शेयर करेंगे ताकि आपके अनुभव को हर कोई जान सके और अपनी यात्रा को और मनभावक बना सके | धन्यवाद |

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