नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरु नानक शीतल कुंड (Rajgir Gurudwara, Shri Guru Nanak Sheetal Kund)बारे में जो नालंदा जिले के राजगीर में स्थित है | यह शीतल कुंड राजगीर के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक है |
आपको भी इस शीतल कुंड का भ्रमण करने और इसके महत्व को समझने के लिए जरूर आना चाहिए | तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरु नानक शीतल कुंड के बारे में विस्तृत चर्चा करते है |
गुरुनानक देव जी और शीतल कुंड, राजगीर गुरुद्वारा | Guru Nanak Dev Ji and Sheetal Kund, Rajgir Gurudwara
Contents
- 1 गुरुनानक देव जी और शीतल कुंड, राजगीर गुरुद्वारा | Guru Nanak Dev Ji and Sheetal Kund, Rajgir Gurudwara
- 2 गुरुनानक देव जी का संदेश | Guru Nanak Dev Ji’s message
- 3 राजगीर के 22 कुंड और वैज्ञानिक तथ्य | Rajgir’s 22 ponds and scientific facts
- 4 गुरुनानक देव जी की कृपा से बना राजगीर का ‘शीतल कुंड’ | Rajgir’s ‘Sheetal Kund’ built by the grace of Guru Nanak Dev Ji
- 5 राजगीर गुरुद्वारे का प्रबंधन और सेवा | Management and service of Rajgir Gurudwara
- 6 राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरुनानक शीतल कुंड की तस्वीरें | Photos of rajgir gurudwara, shree gurunanak sheetal kund
- 7 राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरु नानक शीतल कुंड कैसे पहुँचे? | How to reach Rajgir Gurudwara, Shri Guru Nanak Sheetal Kund?
- 8 गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड के पास अन्य धार्मिक स्थल
- 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 9.1 गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड कहाँ स्थित है ?
- 9.2 क्या गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन होता है ?
- 9.3 क्या गुरुद्वारा में अन्य धर्म के लोग जा सकते है ?
- 9.4 गुरु नानक शीतल कुंड कहाँ स्थित है और इसका क्या महत्व है?
- 9.5 गुरु नानक देव जी ने राजगीर में क्या उपदेश दिया था?
- 9.6 गुरु नानक शीतल कुंड की देखरेख कौन करता है?
- 10 निष्कर्ष
गुरुनानक देव जी महाराज 1563 विक्रमी संवत, अर्थात 1507 ईस्वी में अपनी पहली उदासी के दौरान राजगृह (वर्तमान राजगीर) आए थे। उस समय यह स्थान हिंदुओं के 68 प्रमुख तीर्थों में से एक माना जाता था।
लोगों की मान्यता थी कि इस तीर्थ स्थल के पवित्र कुंड में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस आस्था के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करने आते थे।
गुरुनानक देव जी का संदेश | Guru Nanak Dev Ji’s message
जब गुरुनानक देव जी यहां पहुंचे तो उन्होंने इस प्रथा का विरोध किया। उन्होंने समझाया कि केवल स्नान करने से पाप नहीं मिटते। यदि ऐसा होता तो जल में रहने वाले मेंढक और मछलियां पहले ही मोक्ष प्राप्त कर चुके होते।
उन्होंने लोगों को सच्ची भक्ति और ईश्वर के नाम का सुमिरन करने का उपदेश दिया। उन्होंने मार्गदर्शन किया कि जब तक व्यक्ति परमात्मा का नाम नहीं जपेगा, तब तक उसके पापों का नाश नहीं होगा।
राजगीर के 22 कुंड और वैज्ञानिक तथ्य | Rajgir’s 22 ponds and scientific facts
राजगीर में 22 कुंड स्थित हैं, जो सभी गर्म जल के स्रोत हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से यह पहाड़ों में गंधक (सल्फर) की अधिकता के कारण होता है, जिससे जल गर्म रहता है।
यहां की मिट्टी लगभग ढाई फुट तक है, लेकिन उसके नीचे 100 फुट तक पत्थर की परतें हैं। इस कारण से जलस्रोत से निकलने वाला पानी गरम होता था। सौ वर्ष पूर्व यहां पानी के बोरिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी, और गर्मी के मौसम में यह पानी पीने योग्य नहीं होता था।
गुरुनानक देव जी की कृपा से बना राजगीर का ‘शीतल कुंड’ | Rajgir’s ‘Sheetal Kund’ built by the grace of Guru Nanak Dev Ji
गुरुनानक देव जी के आगमन पर स्थानीय लोगों ने उनसे प्रार्थना की कि चारों ओर गर्मी और नीचे गर्म जल होने से उनकी प्यास नहीं बुझती।
गुरुजी ने कुंड की ओर इशारा किया और सहज वचन किया कि “सभी कुंड गर्म हैं, परंतु यह कुंड शीतल रहेगा।” गुरुजी के वचन से यह कुंड ठंडा हो गया और तब से इसे ‘गुरुनानक शीतल कुंड’ कहा जाने लगा।
आज भी इस कुंड का जल ठंडा है, और लोग इसे अमृत के समान मानते हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से इस पवित्र कुंड का दर्शन करने आते हैं।
राजगीर गुरुद्वारे का प्रबंधन और सेवा | Management and service of Rajgir Gurudwara
इस क्षेत्र में सिख समुदाय की संख्या बहुत कम है, इसलिए पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरिमंदिर जी गुरुद्वारे के माध्यम से इसका संचालन किया जाता है। इस स्थान के पुनर्निर्माण और सेवा कार्यों में गुरुनानक निष्काम सेवक जत्था, यूके के बाबा महिंदर सिंह जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
इसके अतिरिक्त, फौजी बाबा अजेब सिंह जी (लुधियाना, पंजाब) ने 1965 में इस स्थान पर आकर 50 वर्षों तक सेवा की। जब वे यहां आए, तब इस पवित्र स्थल की स्थिति अत्यंत दयनीय थी, और लोगों को इसके इतिहास की जानकारी भी नहीं थी। उन्होंने सेवा भाव से कार्य किया, संघर्ष किया, और गुरुग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया। उनके अथक प्रयासों के कारण यह स्थान आज इतना विकसित हो सका है।
राजगीर गुरुद्वारा में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं | Facilities for devotees in Rajgir Gurudwara
गुरुद्वारे में संगत के ठहरने के लिए 26 कमरे बनाए गए हैं। यहां लंगर सेवा भी उपलब्ध है, जहां हर किसी को नि:शुल्क भोजन मिलता है। साथ ही, श्रद्धालु यहां शीतल कुंड के दर्शन कर सकते हैं और गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस पवित्र स्थान पर आते हैं।
राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरुनानक शीतल कुंड की तस्वीरें | Photos of rajgir gurudwara, shree gurunanak sheetal kund




















राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरु नानक शीतल कुंड कैसे पहुँचे? | How to reach Rajgir Gurudwara, Shri Guru Nanak Sheetal Kund?
राजगीर गुरुद्वारा, श्री गुरु नानक शीतल कुंड नालंदा जिले के राजगीर में स्थित है | यहाँ तक आने के लिए सबसे पहले आपको सबसे पहले नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है | नालंदा आने के बाद आप राजगीर आएंगे और आप शीतल कुंड तक पहुँच सकेगे |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : राजगीर रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : राजगीर बस स्टेशन
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड के पास अन्य धार्मिक स्थल
राजगीर में आपको कई अन्य धार्मिक स्थल देखने को मिलेंगे | आप इन सभी जगहों को घूम सकते है और इसके इतिहास के बारे में जान सकते है |
- विश्व शांति स्तूप
- करंदा टैंक
- वीरायतन जैन संग्रहालय
- काले बुद्ध का मंदिर
- ब्रह्म कुंड
- मखदूम कुंड
- पांडु पोखर
- मनियार मठ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड कहाँ स्थित है ?
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड नालंदा जिले के राजगीर शहर में स्थित है |
क्या गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन होता है ?
हाँ, गुरुद्वारा में लंगर का आयोजन होता है |
क्या गुरुद्वारा में अन्य धर्म के लोग जा सकते है ?
हाँ, गुरुद्वारा में अन्य धर्म के लोग भी जा सकते है |
गुरु नानक शीतल कुंड कहाँ स्थित है और इसका क्या महत्व है?
गुरु नानक शीतल कुंड बिहार के राजगीर में स्थित है। यह 22 कुंडों में से एकमात्र ठंडा कुंड है, जिसे गुरु नानक देव जी के वचनों के कारण शीतलता प्राप्त हुई। इसे एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां लोग स्नान करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गुरु नानक देव जी ने राजगीर में क्या उपदेश दिया था?
गुरु नानक देव जी ने यहां लोगों को यह संदेश दिया कि केवल तीर्थ स्नान से पाप समाप्त नहीं होते, बल्कि सच्चे मन से परमात्मा का नाम जपने और सही मार्ग पर चलने से ही मोक्ष प्राप्त हो सकता है।
गुरु नानक शीतल कुंड की देखरेख कौन करता है?
गुरु नानक शीतल कुंड का संचालन तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब द्वारा किया जाता है। इसके अलावा, गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था (UK) और अन्य संगतें भी सेवा कार्यों में सहयोग करती हैं।
निष्कर्ष
गुरुद्वारा श्री गुरु नानक शीतल कुंड राजगीर का मुख्य धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है | आपको इस लेख के माध्यम से शीतल कुंड के बारे में कुछ जानकारियाँ मिली होंगी | हम आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है | धन्यवाद आपका दिन शुभ हो!