नमस्कार दोस्तों ! हम बात करने जा रहे हैं वीरायतन जैन संग्रहालय की , वीरायतन जैन संग्रहालय या जिसे लोग ब्राह्मी काला मंदिरम संग्रहालय के नाम से भी जानते हैं यह बिहार राज्य के राजगीर में स्थित एक आकर्षित स्थल हैं |
ये संग्रहालय जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर हैं | यहाँ का सौन्दर्य और शांत वातावरण लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता हैं | अतः आपको भी यह स्थल जरूर घूमना चाहिए |
वीरायतन जैन संग्रहालय से जुड़ी कुछ रोचक बातें
Contents
- 1 वीरायतन जैन संग्रहालय से जुड़ी कुछ रोचक बातें
- 2 वीरायतन जैन संग्रहालय प्रसिद्ध क्यों हैं ?
- 3 वीरायतन जैन संग्रहालय का महत्व
- 4 वीरायतन जैन संग्रहालय वास्तुकला
- 5 वीरायतन जैन संग्रहालय घूमने के लिए सर्वोत्तम समय
- 6 वीरायतन जैन संग्रहालय टिकट
- 7 वीरायतन जैन संग्रहालय कैसे पहुंचे?
- 8 पर्यटकों के लिए सुझाव
- 9 निष्कर्ष
वीरायतन जो दो शब्दों से बना हैं “वीर” जिसका अर्थ हैं भगवान महावीर और “आयतन” जिसका अर्थ हैं पवित्र स्थान जो भारत में जैन धर्म के सिद्धांतों पर आधारित एक धार्मिक स्थल हैं |
इस लेख के माध्यम से आज हम वीरायतन जैन संग्रहालय के बारे में जानेगे जो बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित हैं और काफी प्रसिद्ध और लोगों को आकर्षित करने वाला केंद्र हैं |
ये संग्रहालय करीब 50 एकड़ क्षेत्र में फेला हुआ हैं जो राजगीर के प्रसिद्ध स्थानों में से एक हैं | यह संग्रहालय वैभव गिरी पहाड़ की तलहटियों में स्थित हैं जिस वजह से इस संग्रहालय में बहुत ही शांत वातावरण हैं |
भगवान महावीर की कठिन यात्रा को दर्शाने वाला यह एक सुन्दर संग्रहालय हैं | विभिन्न स्थितियों और स्थानों पर उन्हे चित्रित करने वाली सभी सुन्दर कलाकृतियों के साथ कोई भी उनकी सलाह और कार्यों से सीख ले सकता हैं |
यह जैन संग्रहालय जैन धर्म को समर्पित हैं और इसमे जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों को संबोधित संग्रहणीय वस्तुएं हैं |
यहाँ एक छोटी सी आर्ट गॅलरी हैं जहां कपड़े,टूटे हुए आभूषण के साथ कई अन्य प्रकार की कलाकृतियाँ बनाते हुए देखने को मिलेगी |
वीरायतन जैन संग्रहालय प्रसिद्ध क्यों हैं ?
वीरायतन जैन संग्रहालय अपनी सांकृतिक , धार्मिक और सौन्दर्य के कारण प्रसिद्ध हैं | यह संग्रहालय, जैन धर्म को समर्पित हैं और यहाँ की कलाकृतियाँ लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं |
दोस्तों अगर बार करें इस संग्रहालय की प्रसिद्धता की तो आपको बता दें की,
इस संग्रहालय की दीर्घाओं में 50 से भी ज्यादा त्रि – आयामी मॉडल शामिल हैं जो जैन तीर्थंकरों के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाता हैं |
यहाँ के सभी मॉडल्स को धातुओं और लकड़ियों की मदद से बनाए जाते हैं जिसके कारण ये कलाकृतियाँ बिल्कुल यथार्थवादी स्वरूप मे लगती हैं |
इस संग्रहालय में प्रदर्शित सभी कलाकृतियां हस्तनिर्मित हैं जो आचार्य श्री चंदना जी द्वारा डिजाइन किया गया हैं |
संग्रहालय में एक विस्तृत मूर्तिकला गैलरी हैं जिसमे विभिन्न प्रकार के कालखंडों और क्षेत्रों की जैन मूर्तियाँ प्रदर्शित हैं |
मूर्तिकला दीर्घाये हैं जिसमे विभिन्न क्षेत्रों और अवधियों में जैन धर्म की कलात्मक और संस्कृतिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालती हैं , जो जैन कला और प्रतिमा विज्ञान के विकास में एक अनोखा अंतर्दृष्टि प्रदान करता हैं |
कलाकृतियाँ , पांडुलिपियाँ और मूर्तियों के व्यापक संग्रह के साथ , संग्रहालय अनुसंधान , शिक्षा और आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में हैं |
इसके संरक्षण प्रयास और जैन विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता इसे भारत में एक महत्वपूर्ण संस्थान बनती हैं |
यह संग्रहालय जैन अनुसंधान और शिक्षा के केंद्रों में से एक हैं , जो दुनिया भर के विद्वान और छात्रों को आकर्षित करता हैं |
वीरायतन जैन संग्रहालय का महत्व
वीरायतन जैन संग्रहालय सांस्कृतिक और एतिहासिक महत्व रखता हैं व यह संग्रहालय जैन धर्म को समर्पित हैं | आइए देखते है कि यह संग्रहालय किस क्षेत्र में कितना महत्व रखता है –
1. जैन विरासत का संरक्षण
यह संग्रहालय जैन धर्म से जुड़ी कई कलरीतियाँ और मूर्तियों को प्रदर्शित करता हैं और यह जैन धर्म की संस्कृति और धार्मिक विरासत को संरक्षित करता हैं |
2. सामुदायिक जुड़ाव
यह संग्रहालय स्थानीय जैन समुदायक के साथ जुड़कर उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओ को बढ़ावा देता हैं |
3. एतिहासिक महत्व
इस संग्रहालय से जैन धर्म का इतिहास जुड़ा हुआ हैं , इसके विकास और भारतीय समाज में जैन धर्म के बारे में जानकारी प्रदान करता हैं |
4. आध्यात्मिक महत्व
यह संग्रहालय जैन धर्म के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र हैं , जो आध्यात्मिक विकास और आत्मा – प्रतिबिंब के लिए शांतिपूर्ण और चिंतनशील वातावरण प्रस्तुत करता हैं |
5. सांस्कृतिक महत्व
यह संग्रहालय भारतीय संस्कृति , कला और वास्तुकला में जैन धर्म के योगदान पर प्रकाश डालता हैं |
6. अनुसंधान और शिक्षा
यह संग्रहालय अनुसंधान केंद्र और शैक्षणिक संस्था के रूप में प्रस्तुत हैं जो जैन धर्म से जुड़े अध्ययन और समझ को प्रेरणा देता हैं |
7. दुर्लभ कलाकृतियाँ
यह संग्रहालय में कई प्रकार के दुर्लभ कलाकृतियाँ , मूर्तियाँ और पांडुलिपियाँ का एक बड़ा संग्रह हैं जिससे भविष्य में आने वाले पीड़ियों को जैन धर्म के इतिहास के बारे में कई जानकारियाँ मिलेगी और इसके महत्व को समझ पाएंगे |
वीरायतन जैन संग्रहालय वास्तुकला
इस संग्रहालय की वास्तुकला आधुनिक और पारंपरिक तत्वों का मिश्रण हैं जिससे यह संग्रहालय की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं |
साफ- सुथरी रेखाओं , न्यूनतम अलंकरण और कार्यक्षमता पर जोर के साथ समकालीन शैली मे डिजाइन किया गया हैं |
प्राचीन जैन वास्तुकला से प्रेरित यह संग्रहालय को तैयार किया गया हैं, इस संग्रहालय को प्राकृतिक सामग्रियों के इस्तमाल से बनाया गया हैं
जैसे बलुआ पत्थर , संगमरमर और लकड़ी जैसे कई अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का इस्तमाल किया गया हैं | इस संग्रहालय के डिजाइन में वर्षा जल संचयन और सौर पैनल जैसे पर्यावरण अनुकूल विशेषताएं हैं |
वीरायतन जैन संग्रहालय घूमने के लिए सर्वोत्तम समय
प्रिय पर्यटकों , इस संग्रहालय में विज़िट करने का सबसे अच्छा समय ऑक्टोबर से मार्च महीनों के बीच हैं | इस समय के दौरान वातावरण अनुकूल रहता हैं व आप पर्यटकों के लिए यात्रा के लिए काफी आरामदायक समय साबित होता हैं ,
पहाड़ों के स्थल पर यह संग्रहालय आपके मन को मंत्रमुग्ध कर देगा | यह संग्रहालय के खुलने का समय 9:00 बजे सुबह को हैं और बंद होने का समय 7:00 बजे शाम को हैं| (9:00 am – 7:00 pm) और यह संग्रहालय हर दिन खुला रहता हैं| ( सप्ताह में सातों दिन )
वीरायतन जैन संग्रहालय टिकट
आप सभी को यह जान कर आश्चर्य होगा कि यह संग्रहालय कि टिकट की कीमत काफी बजट फ़्रेंडली हैं | 3 वर्ष से 10 वर्ष के बच्चों के लिए मात्र 20 रुपये हैं और 10 वर्ष व उससे अधिक वर्ष वाले युवकों के लिए मात्र 30 रुपए हैं | आप आराम से बिना कोई चिंता किए इस संग्रहालय का भ्रमण कर सकते हैं |
वीरायतन जैन संग्रहालय कैसे पहुंचे?
यह संग्रहालय बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित हैं और इस संग्रहालय तक पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको नालंदा जिला आना होगा जो आप हवाई मार्ग, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते हैं |
नालंदा पहुँचने के पश्चात आपको राजगीर आना पड़ेगा जिसके लिए आप ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते हैं और बस या टैक्सी के माध्यम से वीरायतन जैन संग्रहालय तक पहुँच जाएंगे और फिर आप बड़े ही आराम से संग्रहालय विज़िट कर सकेंगे
- निकटतम हवाई अड्डा: जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना
- निकटतम रेलवे स्टेशन: राजगीर रेलवे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : राजगीर बस स्टेशन
पर्यटकों के लिए सुझाव
आप पर्यटकों की सुविधा के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित प्रस्तुत हैं –
1. प्रदर्शनियों और जैन धर्म के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्दर्शित यात्रा का चयन करे |
2. अपने साथ पानी और नाश्ता ले कर आए इससे आप ऊर्जावान रहेगे |
3. अपने समान की सुरक्षा स्वयं करे |
4. कलाकृतियों और मूर्तियों को छूने से बचे क्योंकि ये अत्यंत नाजुक और मूल्यवान हैं |
5. आसपास के मंदिरों और एतिहासिक जगहों का भ्रमण करे |
निष्कर्ष
वीरायतन जैन संग्रहालय, जैन विरासत , संस्कृति और आध्यात्मिकता को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए एक विशेष संस्थान हैं , जो इसे आगंतुकों और शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनाता हैं |
कुल मिलाकर वीरायतन जैन संग्रहालय जैन सांकृतिक विरासत का खजाना हैं , जो इसे जैन धर्म , भारतीय संस्कृति और इतिहास मे रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक जरूरी गंतव्य बनाता हैं |
आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा अतः इस लेख से संबंधित आपके मन में कोई और प्रश्न चल रहा हो या आप हमे कुछ बताना चाहते हैं तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं |
धन्यवाद
आपका दिन शुभ हो !
भारत का सबसे बड़ा संग्रहालय कौन सा हैं?
भारतीय संग्रहालय , कोलकाता भारत का सबसे बड़ा संग्रहालय हैं |
वीरायतन जैन संग्रहालय किस धर्म से जुड़ा हुआ हैं ?
जैन धर्म से |
वीरायतन जैन संग्रहालय किस राज्य में हैं ?
बिहार राज्य में |
वीरायतन जैन संग्रहालय क्यों प्रसिद्ध हैं ?
वीरायतन जैन संग्रहालय अपनी सांकृतिक और एतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध हैं |
वीरायतन जैन संग्रहालय में क्या विशेष हैं ?
इस संग्रहालय की वास्तुकला और कलाकृतियाँ |