नमस्कार दोस्तों ! आज हम बात करने जा रहे है तेलहरा के भग्नावशेष के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है | यह भारत के एतिहासिक और धार्मिक स्थलों में से एक है |
तेलहरा प्राचीन भारत में एक बोद्ध मठ का स्थल था और यह पहली शताब्दी ईस्वी पूर्व का है | तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए इस स्थल के बारे में विस्तृत जानकारी देते है |
तेलहरा के भग्नावशेष से जुड़ी जानकारी
Contents
तेलहरा बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखण्ड का एक गाँव है | तेलहरा पहली शताब्दी ईस्वी पूर्व का है जो एक बोद्ध मठ स्थल था |
चीनी यात्री ह्वेन त्सांग जिन्होंने 7 वीं शताब्दी में इस स्थान का भ्रमण किया था | ह्वेन त्सांग के लेखन में इसका उल्लेख “तेलधाका” के रूप में किया गया है |
तेलहरा के भग्नावशेष का महत्व
तेलहरा के भग्नावशेष ऐतिहासिक महत्व के साथ- साथ धार्मिक महत्व भी रखता है । तेलहारा मुख्य रूप से बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र था, और इसने बौद्ध शिक्षाओं के विकास और प्रचार – प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस स्थल पर कई सारी प्राचीन कलाकृतियां है जिससे हमे उस समय की कलात्मक और स्थापत्य उपलब्धियों के बारे में पता चलता है । अतः इस स्थान हमारे प्राचीन भारत से जुड़े इतिहास और धार्मिक शिक्षाओं को प्रदर्शित करता है ।
तेलहरा के भग्नावशेष कैसे पहुंचे?
तेलहरा के भग्नावशेष बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है | यहाँ तक पहुँचने के लिए आप हवाई मार्ग, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : नालंदा रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : नालंदा बस स्टेशन
वर्तमान समय में इस स्थान की क्या परिस्थिति है ?
वर्तमान समय में ये स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी में है और आशा है कि इस स्थान से जुड़े इतिहास के कई अन्य जानकारियाँ सामने आएगी |
भविष्य में होने वाली संभावनए
यह स्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देख – रेख में है तो भविष्य में इससे जुड़ी कई अन्य प्राचीन तथ्य मिलेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –
तेलहरा के भग्नावशेष कहां स्थित है ?
तेलहरा के भग्नावशेष बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है ।
तेलहरा के भग्नावशेष किस धर्म से जुड़ा है ?
तेलहरा के भग्नावशेष बौद्ध धर्म से जुड़ा है ।
चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इस स्थान का भ्रमण कब किया था ?
चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने 7 वीं शताब्दी में इस स्थान का भ्रमण किया था ।
ह्वेन त्सांग के लेखन में इसका उल्लेख किस रूप में किया गया है ?
ह्वेन त्सांग के लेखन में इसका उल्लेख तेलधाका के रूप में किया गया है |
तेलहरा किस समय का है?
तेलहरा पहली शताब्दी ईस्वी पूर्व का है।
निष्कर्ष
तेलहरा के भग्नावशेष हमारे प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण स्थल है । यह स्थान बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है। यह स्थान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निगरानी में है तो इससे जुड़े हमे कई अन्य ऐतिहासिक तथ्य सामने आएंगे ।
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