अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल में लोकायन नदी के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि से इस्लामपुर, एकंगरसराय, करायपरशुराम और हिलसा प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों में जलजमाव से किसानों और मजदूरों को भारी जान-माल की क्षति हुई है।
इस विषय पर कांग्रेस के नालंदा जिलाध्यक्ष नरेश प्रसाद अकेला ने जिला प्रशासन से मांग की है कि प्रभावित किसानों एवं मजदूरों का समुचित आकलन कर उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और लापरवाही के चलते हिलसा अनुमंडल के लोग हर साल बाढ़ से बेघर हो जाते हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है।
स्थानीय प्रतिनिधियों की भूमिका पर उठाए सवाल
जिलाध्यक्ष ने कहा कि यहां के विधायक, मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री ने कभी इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया। केवल खानापूर्ति करते हुए सिंचाई विभाग को एक माध्यम बनाकर सरकारी योजनाओं का राजस्व लूटा जा रहा है। नदियों पर मजबूत तटबंध अब तक नहीं बने हैं, जो तथाकथित सुशासन के खोखले दावों को उजागर करता है।
कांग्रेस देगी संघर्ष का नेतृत्व
नरेश अकेला ने चेतावनी दी कि यदि प्रभावितों को राहत सामग्री, पशुओं के लिए चारा, पीने का पानी और उचित मुआवजा समय पर नहीं दिया गया, तो नालंदा जिला कांग्रेस पार्टी विस्तृत आंदोलन करेगी और सरकार को “कुंभकर्णी नींद” से जगाने का काम करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन को मदद की आवश्यकता हो तो कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के पदचिह्नों पर चलते हुए दलित, अतिपिछड़ों और आम लोगों की सेवा के लिए तैयार हैं।
इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं नंदू पासवान, कृष्ण दास, अखिलेश्वर प्रसाद कुशवाहा, पर्यवेक्षक मुकेश कुमार, राजीव कुमार मुन्ना, रमेश कुमार, अजीत कुमार, दिलीप मंडल, सरफराज मलिक, रणधीर रंजन मंटू, मोहम्मद हैदर आलम, मंजू कुमारी, धनंजय कुमार पिंटू, शाहिद समेत कई लोगों ने नरेश अकेला की बातों का समर्थन किया और प्रशासन से शीघ्र राहत कार्य शुरू करने की मांग की।