माँ आशापुरी मंदिर: आखिर क्यों महिलाओं का प्रवेश है वर्जित !

Written by Sanjay Kumar

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नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है माँ आशापुरी मंदिर के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले के घोसरावा गाँव में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है |

माँ आशापुरी शब्द का अर्थ है की आशा को पूरा करना इसलिए माँ किसी भी भक्त को निराश नहीं करती | जो भी श्रद्धालु माता की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है और जो भी आस लेके आता है, माता उनकी हर इच्छा पूर्ण करती है |

तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में विस्तृत चर्चा करते है |

विषयजानकारी
स्थानमाता आशापुरी मंदिर, घोसरावा गाँव, नालंदा जिला, बिहार
महत्वहर इच्छा पूर्ण होना , आस्था का प्रमुख केंद्र
रोचक बातें300-350 साल पुराना , नवरात्र के दिनों में महिलाओं के प्रवेश में रुकावट, नवरात्र के दिनों में तांत्रिक पूजा
वास्तुकलाअनोखी संरचना, बड़ी प्रतिमा , अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमा स्थापित
कैसे पहुँचेनिकटतम हवाई अड्डा: पटना; रेलवे स्टेशन:नालंदा ; बस स्टेशन:नालंदा ;
श्रद्धालुओं के लिए सुझावशांति बनाए रखें, नियमों का पालन करें, सफाई का ध्यान रखें
माता आशापुरी मंदिर से जुड़ी विषय और जानकारी एक चार्ट में |

माँ आशापुरी मंदिर से जुड़ी रोचक बातें 

माँ आशापुरी मंदिर नालंदा जिले के घोसरावा गाँव में स्थित है | यह मंदिर लगभग 300-350 साल पुराना है | यह मंदिर की महिमा न केवल जिले में है बल्कि दूर- दूर तक फैली हुई है |

इस मंदिर सबसे खास बात यह है कि यहाँ नवरात्रि में दस दिनों तक महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकती है क्योंकि नवरात्रि के दौरान यहाँ तांत्रिक पूजा होती है |

कहा जाता है

नवरात्र के दौरान तांत्रिक यहाँ पर दस दिनों तक सिद्धि करते है | यह परंपरा सदियों से चली आ रही है इसलिए यहाँ के पुजारी और गाँव वाले इस बात का विशेष ध्यान रखते है 

माँ आशापुरी मंदिर का महत्व 

माँ आशापुरी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है | इस मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है इसलिए इस स्थान का नाम आशा थान भी रखा गया है |

यह मंदिर हमे प्राचीन रीति रिवाजों और नियमों से जोड़ता है | दूर- दूर तक माता की महिमा फैली हुई है जो भी भक्त माता के दरबार में सच्चे मन से माथा टेकता है उनकी हर इच्छा पूरी होती है |

नवरात्र के दिनों में यहाँ तांत्रिक पूजन होती है जिसमे तांत्रिक दस दिनों तक सिद्धि करते है इस वजह से नवरात्र के दौरान महिलाओं का इस मंदिर में आना वर्जित है |

माँ आशापुरी मंदिर की वास्तुकला 

आशापुरी मंदिर की वास्तुकला काफी ज्यादा सुन्दर और आकर्षित है | मंदिर के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री और तकनीक इसे विशेष बनाती है |

मंदिर को देख ऐसा प्रतीत होता है जैसे इस मंदिर का निर्माण प्राचीन और आधुनिक शैलियों का मिश्रण है | मंदिर के हृदय स्थान में माता की सुन्दर सी प्रतिमा स्थापित है | इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमा स्थापित है |

अन्य धार्मिक स्थल 

नालंदा में आपको माता आशापुरी मंदिर के साथ – साथ कई अन्य धार्मिक स्थल देखने को मिलेंगे | आप इन सभी जगहों के दर्शन करने हेतु जा सकते है | जैसे –

1. जल मंदिर पावापुरी 

2. काले बुद्ध का मंदिर 

3. थाई मंदिर 

4. सूर्य मंदिर 

माँ आशापुरी मंदिर कैसे पहुँचे?

आशापुरी मंदिर नालंदा जिले के घोसरावा गाँव में स्थित है | इस मंदिर तक आने के लिए सबसे पहले आपको नालंदा आना होगा फिर आप घोसरावा गाँव तक पहुँच सकेंगे |

श्राद्धलुओं के लिए सुझाव 

  • हड़बड़ाये नहीं , भीड़ होने पर लाइन में खड़े रहे |
  • शांति बनाए रखे |
  • नियमों का पालन करे |
  • साफ – सफाई का ध्यान रखे |

निष्कर्ष 

इस ब्लॉग के माध्यम से आपने माँ आशापुरी की महिमा और मंदिर के बारे में जाना | यह एक मुख्य धार्मिक और महत्वपूर्ण स्थल है | यहाँ जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है माता उनके सारे कष्ट दूर कर देती है | 

अतः आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

माँ आशापुरी मंदिर कहाँ स्थित है ?

माता आशापुरी मंदिर नालंदा जिले के घोसरावा गाँव में स्थित है | 

क्या  माँ आशापुरी मंदिर में नवरात्रि के दिनों में महिलाओं का आना वर्जित है ?

हाँ , माता आशापुरी मंदिर में नवरात्रि के दिनों में महिलायों का आना वर्जित है |

नवरात्रि के दिनों में महिलायों का आना वर्जित क्यों है ?

नवरात्रि के दिनों में महिलायों का आना वर्जित इसलिए है क्योंकि नवरात्रि के दिनों में मंदिर में तांत्रिक पूजा होती है |

माँ आशापुरी मंदिर कितने साल पुराना है ?

माता आशापुरी मंदिर लगभग 300-350 साल पुराना है |

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