संत बाबा मंदिर, बिहारशरीफ: दिव्य शक्तियों का केंद्र और आस्था का प्रतीक !

Written by Subhash Rajak

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नमस्कार दोस्तों !आज हम बात करने जा रहे है संत बाबा मंदिर के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले  के बिहारशरीफ में स्थित है | संत बाबा में दैविक शक्तियां है और वो अपने समय के सबसे महान और प्रसिद्ध संत थे | असल में मंदिर उनके ही निर्वाण स्थान पर बनाया गया है

ऐसा माना जाता है की

जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से बाबा की आराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते है और बाबा की कृपा बनी रहती है |

तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए इस मंदिर के बारे में विस्तृत चर्चा करते है |

संत बाबा कौन थे?

संत बाबा का नाम तेतर दास था | उनका जन्म बिहार राज्य के नालंदा जिले के बिहारशरीफ में इमादपुर ग्राम में हुआ था | इनकी माता जी धर्मपरायण महिला थी और बाबा ने सदाचार का पाठ अपने माता पिता से ही सिख |

संत बाबा के पिताजी एक किसान थे और बाबा ने खुद खेती में सहयोग देते है और समय मिलने पर भागवत भजन किया करते थे | बाबा बचपन से ही बहादुर और भगवान के बहुत बड़े भक्त थे |

संत बाबा समाज सेवा और गौ सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानते थे | गौ माता की रक्षा करना और भगवान की भक्ति में मन लगाने के लिए प्रेरणा देते थे | 

संत बाबा ने ऑक्टोबर 2000 इशवी में अपने जीवन को त्याग दिया था और जहां उन्होंने अपने शरीर को त्यागा वही उनका एक मंदिर बनाया गया जो आज संत बाबा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है |

संत बाबा मंदिर का इतिहास 

संत बाबा का मंदिर हमे सेवा और धर्म से जोड़ता है बाब का मंदिर उन्ही के निर्वाण स्थान में बनाया गया है और इसी स्थान में वो अपना दरबार लगते थे और लोगों को धर्म और सेवा का ज्ञान देते थे |

स्थानिये लोगों और पुजारी जी के अनुसार बाबा ने ऑक्टोबर 2000 इशवी में अपने शरीर को त्याग दिया था और इसी स्थान में उनका मंदिर का निर्माण हुआ |

ऐसा कहा जाता है की बाबा की किसी ने आजतक तस्वीर नहीं ली क्योंकि वो कभी तस्वीरों में आयें ही नहीं | उनके द्वारा दी गई सीख और उनका ज्ञान आज भी लोगों में मौजूद है |

संत बाबा मंदिर का महत्व 

संत बाबा का मंदिर एक महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थल है | यह मंदिर हमे हमारे जीवन के महत्व को समझाता है | संत बाबा ने अपना पूरा जीवन सेवा और ईश्वर की भक्ति में लगाया है |

बाबा ने लोगों को धर्म और कर्म का पाठ पढ़ाया है | बाबा का मंदिर हमे बाबा से प्रेरित करता है और साथ ही हमे जीवन के तथ्य के बारे में सिखलाता है |

संत बाबा मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?

संत बाबा मंदिर की प्रसिद्धता दूर- दूर तक है | मंदिर की सबसे खास बात यह है की मंदिर परिसर में एक कुआ स्थापित है और स्थानिये लोगों और मंदिर के पुजारियों के अनुसार

किसी भी व्यक्ति को अगर सांप या बिच्छू काट ले तो उसे जीवित अवस्था में ही यहाँ लाया जाए और कुए के पानी से उस व्यक्ति को स्नान कराया जाए या उस पानी पीला दिया जाए तो वो व्यक्ति बिल्कुल ठिक हो जाता है |

मंदिर में विशेष भीड़ रविवार के दिन होती है क्योंकि रविवार के दिन ही यहाँ बाबा का दरबार लगता था और बाबा यहाँ लोगों को धर्म और सेवा का ज्ञान देते थे | 

रविवार के दिन मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ होती है और इस दिन यहाँ भजन कीर्तन और अन्य सांस्कृतिक कार्यकर्म का आयोजन होता है |

संत बाबा मंदिर की वास्तुकला 

संत बाबा मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुन्दर और अनोखी है | निर्माण में इस्तमाल किए गए सामग्री और तकनीक इसे विशेष बनाती है | मंदिर की संगरचना देख एस प्रतीत होता है जैसे यह मंदिर आधुनिक शैलीयों मिश्रण है |

मंदिर के भीतर संत बाबा की सुन्दर सी प्रतिमा स्थापित है | मंदिर परिसर हरे भरे पेड़- पोधों से घिरा हुआ है जो एक शांत वातावरण प्रदान करता है |

संत बाबा का मंदिर कैसे पहुँचे?

संत बाबा का मंदिर नालंदा के बिहारशरीफ प्रखण्ड में स्थित है | मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते है फिर आप बिहारशरीफ के लिए आगे बढ़ेंगे और इस मंदिर के दर्शन के लिए पहुँच सकेंगे |

अन्य धार्मिक स्थल 

यदि आप धार्मिक और एतिहासिक जगहों को घूमने का शौक रखते हैं और आप नालंदा के बिहार शरीफ में हैं तो आपको बता दें बिहार शरीफ में भी ऐसे कई जगह हैं

जहां आप घूम सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं | तो चलिये आपको बताते हैँ आखिर कौन- कौन से ऐसी जगह है जहां आप घूम सकते हैं –

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

संत बाबा का मंदिर कहा स्थित है ?

संत बाबा का  मंदिर  बिहार राज्य के नालंदा जिले के बिहारशरीफ में स्थित है |

संत बाबा का क्या नाम था ?

संत बाबा का नाम तेतर दास था |

संत बाबा के मंदिर में किस दिन विशेष भीड़ होती है ?

संत बाबा के मंदिर में विशेष भीड़ रविवार के दिन होती है |

संत बाबा की मृत्यु कब हुई?

संत बाबा की मृत्यु ऑक्टोबर 2000 इशवी में हुई थी |

संत बाबा के अनुसार सबसे बड़ा धर्म क्या है ?

संत बाबा के अनुसार सेवा और ईश्वर की भक्ति करना सबसे बड़ा धर्म है |

निष्कर्ष 

 इस ब्लॉग के द्वारा आपने संत बाबा के बारे में , उनके मंदिर के इतिहास , महत्व , प्रसिद्धता के बारे में जाना |संत बाबा हमे निस्वार्थ भाव और दूसरों के प्रति सेवा के लिए प्रेरित करते है | बाबा के अनुसार जीवीय सेवा ही ईश्वर की सेवा है |

हम आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आप हमे कुछ बताना चाहते है या आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

Note- संत बाबा मंदिर परिसर में स्थापित कुवाँ के बारे में हम कोई दावा नहीं करते हैं | अतः लेख में इसकी मान्यता स्थानीय लोगों और मंदिर के पुजारियों के अनुसार किया गया है | बेहतर होगा आपातकालीन के स्तिथि में अस्पताल जाएं |

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