नमस्कार दोस्तों ! आज हम चर्चा करने जा रहे है माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित मघड़ा गाँव में है |
मघड़ा नालंदा जिले के बिहार शरीफ से कुछ ही किलोमिटर की दूरी पर परवलपुर एकंगरसराय पर स्थित एक छोटा सा गाँव है | यह प्रसिद्ध मंदिर प्राचीनकाल से ही आस्था का केंद्र है |
मान्यता है कि
शीतला माता की सच्चे मन से पूजा करने से श्रद्धालुओं के सारे रोग और कष्ट दूर हो जाते है और उन्हे एक निरोगी काया प्राप्त होती है |
अतः आपको भी यहाँ माता शीतला की पूजा अर्चना करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने जरूर आना चाहिए |
विषय | जानकारी |
स्थान | माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir), मघड़ा गाँव, नालंदा जिला, बिहार |
महत्व | रोग और कष्टों का नाश, निरोगी काया की प्राप्ति, आस्था का प्रमुख केंद्र |
पौराणिक कथा | भगवान शिव द्वारा पंचाने नदी के तट पर माता सती के अवशेष छिपाए गए, राजा वृक्षकेतु को सपने में दर्शन और प्रतिमा की प्राप्ति |
विशेष पूजाएँ | सूर्यास्त के बाद आरती, दही-चीनी से स्नान, बताशा और दही का भोग, पवित्र तालाब में स्नान |
वास्तुकला | अनोखी संरचना, 12 इंच की काले पत्थर की प्रतिमा, नौ रेखाओं वाला मुकुट, साथ में भोले बाबा और हनुमान जी के मंदिर |
कैसे पहुँचे | निकटतम हवाई अड्डा: पटना; रेलवे स्टेशन: बिहारशरीफ; बस स्टेशन: बिहारशरीफ; टैक्सी से मघड़ा गाँव |
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव | शांति बनाए रखें, चमड़े की वस्तुएं न लाएँ, नियमों का पालन करें, सफाई का ध्यान रखें |
प्रमुख दिन | मंगलवार (विशेष भीड़), रामनवमी (ध्वजा स्थापना) |
तो चलिए इस लेख को बढ़ाते हुए माता शीतला की महिमा और इस मंदिर से जुड़े इतिहास, महत्व और अन्य जानकारियों के बारे में विस्तृत चर्चा करते है |
माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) से जुड़ी पौराणिक कथाएं
Contents
- 1 माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) से जुड़ी पौराणिक कथाएं
- 2 माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) से जुड़ी अन्य रोचक बाते
- 3 माता शीतला मंदिर का महत्व | Importance of Mata Sheetala Mandir
- 4 माता शीतला मंदिर (Mata Sheetala Mandir) की वास्तुकला
- 5 माता शीतला मंदिर कैसे पहुँचे? | How To Reach Mata Sheetala Mandir
- 6 श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- 7 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- 8 निष्कर्ष
अगर हम माता शीतल मंदिर की पौराणिक कथावों की बात करें तो शीतला माँ का वर्णन स्कन्द पुराण में किया गया है |
पौराणिक कथाओं के अनुसार
जब भगवान शिव अपनी पत्नी माता सती के मृत देह को ले कर तीनों लोकों में घूम रहे थे तब पूरी सृष्टि में उथल पुथल मच गई थी |
तभी सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से अनुरोध किया और भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती की देह को खंडित कर दिए थे | जहां जहां माता सती के शरीर का खंड गिरा उस उस स्थान को शक्तिपीठ कहा गया |
कहा जाता है
भगवान शिव ने कंधे पर माता सती के देह से चिपके हुए अवशेष को एक घड़े में रख कर बिहार शरीफ के पंचाने नदी के तट पर घरती में छुपाकर ध्यान में लीन हो गए |
कुछ समय के बाद गाँव के एक वृक्षकेतु नामक राजा के सपने में माता आई | राजा के सपने में माता ने पंचाने नदी के किनारे की धरती में दबे होने की बात कही |
माता के आदेश के बाद राजा ने उस सटीक स्थान की खुदाई कराई तो वहाँ से माता की प्रतिमा मिली जिसके बाद पास में ही एक मंदिर बनाकर उन्हे स्थापित किया गया और आज यही मंदिर शीतला मंदिर (Mata Sheetala Mandir) के नाम से प्रसिद्ध है |
जिस दिन माता शीतला की प्रतिमा मिली उस दिन कृष्ण पक्ष की सप्तमी थी और अष्टमी के शुभ दिन पर स्थापना हुई थी |
माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) से जुड़ी अन्य रोचक बाते
माता शीतला मंदिर (Mata Sheetala Mandir) के पास ही स्थित एक पवित्र तालाब है | माता की पूजा अर्चना करने आने वाले श्रद्धालु इसी तालाब में स्नान करते है फिर माता की पूजा अर्चना करते है |
मान्यता के अनुसार जो भी श्रद्धालु इस तालाब मे स्नान करता है और माता की सच्चे मन से आराधना करता है उसके शरीर के सारे कष्ट दूर हो जाते है |
इस मंदिर में दिन के समय दीपक नहीं जलते और धूप, अगरबत्ती ये सब भी जलाना मना है | भगवान सूर्य के अस्त होने के बाद ही इस मंदिर में माता शीतला की आरती उतारी जाती है और हवन भी होता है|
ऐसा कहा जाता है की
माता शीतला की शरीर में लहर रहती है इसलिए धूप,दीप , अगरबत्ती ये सब जलाना मना है | सूर्यास्त के बाद सबसे पहले मंदिर के पुजारी माता की आरती उतारते है और बाद में श्रद्धालु धूप दीप जलाते है |
हर दिन सुबह माता को दही और चीनी से स्नान कराया जाता है | माता की पूजा अर्चना विशेष रूप से बताशा और दही का भोग लगाकर किया जाता है |
आप सभी को बता दे की यहाँ पशुओं की बलि देना वर्जित है | श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होने पर यहाँ बकरी के बच्चे को दान के रूप में दे सकते है किन्तु बलि देना वर्जित है इसलिए श्रद्धालु मंदिर के पुजारी को संकल्प कराकर पशुओं को दान देते है |
माता शीतला मंदिर का महत्व | Importance of Mata Sheetala Mandir
माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir)एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है | यहाँ सभी धर्म के लोग माता की पूजा अर्चना करने या सकते है | माता सभी की इच्छा पूरी करती है |
माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र है और यहाँ दूर दूर से श्रद्धालु माथा टेकने आते है | माता सबकी कष्ट दूर कर सबकी इच्छा पूरी करती है |
माता की कृपा से शरीर के रोग दूर हो जाते है और निः संतान को संतान की प्राप्ति होती है और निर्धन को धन की प्राप्ति होती है | इस मंदिर में हर मंगलवार के दिन काफी ज्यादा भीड़ होती है
और हर साल रामनवमी के अवसर पर ध्वजा स्थापित करने की परंपरा प्राचीन समय से ही चली या रही है | आप सभी माता के दरबार में जरूर आना चाहिए और माता की सच्चे मन से पूजा अर्चना करनी चाहिए |
माता शीतला मंदिर (Mata Sheetala Mandir) की वास्तुकला
इस मंदिर की वास्तुकला अनोखी और बहुत सुन्दर है | हालाकी समय के साथ इस मंदिर का नवनिर्माण कराया गया है | इस मंदिर में कई प्रकार की मूर्तियाँ स्थापित है |
शीतला माता की मंदिर(Mata Sheetala Mandir) के साथ -साथ इस मंदिर में भोले बाबा की भी मंदिर स्थापित है और हनुमान जी की भी मंदिर स्थापित है | मंदिर के हृदय स्थान में माता शीतला की सुन्दर सी प्रतिमा स्थापित है जो 12 इंच की है|
यह प्रतिमा काले पत्थर से बनी है और इस प्रतिमा के मुकुट के ऊपर नौ रेखाएं बनी हुई है जो नौ देवियों की प्रतीक हैं | माता शीतल की चार भुजाएं हैं | माता शीतल की दाईं ओर सूर्य है और बाईं ओर चंद्र हैं |
माता शीतला मंदिर कैसे पहुँचे? | How To Reach Mata Sheetala Mandir
माता शीतला मंदिर(Mata Sheetala Mandir) बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित मघड़ा गाँव में है | मघड़ा नालंदा जिले में बिहार शरीफ से कुछ ही किलोमिटर की दूरी पर पर्वलपुर एकंगरसराय पर स्थित एक छोटा सा गाँव है |
यहाँ तक आने के लिए सबसे पहले आपको नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग का भी चयन कर सकते है | नालंदा आने के बाद आप बिहार शरीफ आएंगे फिर आप टैक्सी के माध्यम से मघड़ा गाँव तक पहुँच सकते है |
- निकटतम हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा , पटना
- निकटतम रेल्वे स्टेशन : बिहारशरीफ़ रेल्वे स्टेशन
- निकटतम बस स्टेशन : बिहारशरीफ़ बस स्टेशन
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- हड़बड़ाये नहीं , भीड़ होने पर लाइन में खड़े रहे |
- शांति बनाए रखे |
- चमड़े के बेल्ट या कोई भी वस्तु ना ले के जाए जो चमड़े से बने हो |
- नियमों का पालन करे |
- साफ सफाई का ध्यान रखे |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शीतला मंदिर कहाँ स्थित है ?
शीतला मंदिर बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित मघड़ा गाँव में है |
क्या मघड़ा गाँव की पहचान सिद्धपीठ के रूप में की जाती है?
हाँ , मघड़ा गाँव की पहचान सिद्धपीठ के रूप में की जाती है|
शीतला माता के मंदिर में किस दिन ज्यादा भीड़ होती है?
शीतला माता के मंदिर में हर मगलवार के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है |
निष्कर्ष
आज हमने इस लेख के माध्यम से माता शीतला मंदिर (Mata Sheetala Mandir) के बारे में जाना | माता शीतल की महिमा अपरंपार है | यहाँ जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है माता उनके सारे कष्ट दूर कर देती है|
यहाँ केवल हिन्दू नहीं बल्कि अन्य धर्म के भी लोग यहाँ आ कर माता की आराधना कर सकते माता सबकी इच्छा पूरी करती है |अतः आशा है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं |
धन्यवाद
आपका दिन शुभ हो !