राजगीर में ट्रैफिक नियमों की खुलेआम अनदेखी, लापरवाही से बढ़ रहा हादसों का खतरा

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शासन द्वारा बनाए गए कड़े नियम भी यहां प्रभावहीन साबित हो रहे हैं। स्थानीय पुलिस-प्रशासन, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण यातायात नियमों का पालन केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है।

राजगीर की सड़कों पर प्रतिदिन बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाते लोग आसानी से देखे जा सकते हैं। स्थिति यह है कि ट्रिपल राइडिंग तो सामान्य हो गई है, यहां चार-चार लोगों को भी एक ही बाइक पर बेधड़क चलते देखना आम बात है। हैरानी की बात यह है कि इन नियमों की अनदेखी सिर्फ आमजन ही नहीं, बल्कि कई सरकारी वाहनों में भी खुलेआम हो रही है, लेकिन किसी अधिकारी की जिम्मेदारी नजर नहीं आती।

ट्रैफिक पुलिस नदारद, कानून बेअसर
अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन शहर होने के बावजूद राजगीर में कहीं भी ट्रैफिक पुलिस की सक्रिय मौजूदगी नहीं दिखती। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, हेलमेट न पहनने, सीट बेल्ट न लगाने और ट्रिपल राइडिंग पर एक हजार रुपये का जुर्माना निर्धारित है। इसके बावजूद यहां नियमों का उल्लंघन आम हो चुका है और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बना हुआ है।

सुरक्षा की अनदेखी, कानून का भय खत्म
जेब्रा क्रॉसिंग की अनदेखी, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना भी यहां की बड़ी समस्या है। नियमों के अनुसार इनका उल्लंघन करने पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना है, लेकिन राजगीर में शायद ही कभी किसी को ऐसा दंडित किया गया हो। इस वजह से स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को सड़क पार करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गलत पार्किंग से हर दिन जाम
गलत पार्किंग राजगीर की यातायात व्यवस्था को और अधिक बिगाड़ रही है। मुख्य चौक-चौराहों, मंदिरों, होटलों, बैंकों और पर्यटक स्थलों के आस-पास अव्यवस्थित वाहन खड़े करना आम हो चुका है। इसके कारण हर दिन जाम की स्थिति उत्पन्न होती रहती है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।

स्थानीय संगठनों ने जताई चिंता
प्रकृति संस्था के अध्यक्ष नवेंदु झा और संस्कृति संस्था के सचिव परीक्षित नारायण सुरेश ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाले शहर में ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे सकती है। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से अपील की कि ट्रैफिक पुलिस को सक्रिय किया जाए, नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए और आम लोगों को यातायात के प्रति जागरूक किया जाए।

वैश्विक छवि को हो रहा नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि इस लचर व्यवस्था के कारण राजगीर की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच रहा है। यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो पर्यटकों की संख्या पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

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