अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।मंगलवार की देर शाम सोहसराय के शंखनाद साहित्यिक मंडली के तत्वावधान में किसान कॉलेज, सोहसराय के संस्थापक सचिव स्व. रामजी प्रसाद की 108वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार प्रो. डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने की, जबकि संचालन शंखनाद के मीडिया प्रभारी व शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह, शंखनाद के महासचिव राकेश बिहारी शर्मा और प्रो. डॉ. सच्चिदानंद प्रसाद वर्मा द्वारा स्व. रामजी प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में विषय प्रवेश कराते हुए महासचिव राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि किसान कॉलेज के संस्थापक रामजी प्रसाद जी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो अलख जगाई, वह आज भी प्रेरणास्पद है। उन्होंने उन्हें समाजसेवी, दानवीर, दलित-पिछड़ा वर्ग के मसीहा, स्वतंत्रता सेनानी, और प्रगतिशील विचारों वाले किसान के रूप में याद किया। उन्होंने बताया कि रामजी बाबू का जन्म 6 मई 1917 को सलेमपुर गांव में हुआ था और उन्होंने जीवन भर गांधीजी के विचारों को आत्मसात कर जनसेवा को ही अपना धर्म माना।
शंखनाद के अध्यक्ष प्रो. डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि रामजी बाबू त्रिवेणी संघ की उस परंपरा के वाहक थे, जिसने सामाजिक उत्थान और पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा व बुनियादी सुविधाओं के निर्माण का कार्य निस्वार्थ भाव से किया। उन्होंने किसान कॉलेज को केवल शिक्षण संस्था नहीं बल्कि एक जनआंदोलन बताया, जो आज भी क्षेत्र में शिक्षा का दीप जला रहा है।
जनवादी नेता मकसूदन शर्मा ने कहा कि किसान कॉलेज की वर्तमान सफलता का श्रेय रामजी प्रसाद के अथक प्रयासों को जाता है। उन्होंने ही इस कॉलेज की नींव रखी, जो आज शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।
प्रो. डॉ. सच्चिदानंद प्रसाद वर्मा ने कहा कि बाबू रामजी प्रसाद एक युगपुरुष थे। उनके प्रयास से जो छात्र इस कॉलेज से पढ़कर निकले, उन्होंने न केवल देश बल्कि विदेश में भी नाम रोशन किया है।
शंखनाद के कोषाध्यक्ष सरदार भाई वीर सिंह ने कहा कि रामजी बाबू ने किसानों से भूमि दान लेकर कॉलेज की स्थापना करवाई ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी शिक्षा से जुड़ सकें।
समारोह में योगगुरु रामजी प्रसाद यादव, शायर तंग अय्युवी, कवयित्री सविता बिहारी, हरिलाल दास, अनिता देवी, अंजित कुमार, अमर सिंह, जितेन्द्र कुमार मेहता, मनुशेखर कुमार, रणजीत कुमार सिंहा, सुरेश प्रसाद, प्रमोद कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।