Latest News from Nalanda: Top Headlines and Updates You Need to Know | नालंदा की ताज़ा खबरें: प्रमुख हेडलाइंस और महत्वपूर्ण अपडेट्स

Written by Subhash Rajak

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नालंदा इंटरमीडिएट परीक्षा 2025: कहां कैसी रही छात्रों की उपस्थिति, जानें परीक्षा केंद्रों की दिलचस्प स्थिति

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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के नालंदा जिले के परीक्षा केंद्रों से प्राप्त आंकड़े छात्रों और अभिभावकों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन आंकड़ों में न केवल छात्रों की उपस्थिति बल्कि उनकी परीक्षा देने की प्रवृत्ति और अनुशासन का भी दिलचस्प विश्लेषण सामने आया है। आइए जानते हैं कि किस केंद्र पर कैसी स्थिति रही और कौन सा केंद्र बना बेहतर उपस्थिति का उदाहरण।

गौतम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल में अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण
गौतम इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल का प्रदर्शन बेहद प्रशंसनीय रहा। इस केंद्र पर कुल 508 छात्रों का पंजीकरण हुआ था, जिनमें से 499 ने पहली पाली की परीक्षा दी। केवल 9 छात्र अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली में सभी छात्रों ने बिना किसी बाधा के परीक्षा दी। यहां किसी भी छात्र के निष्कासन की सूचना नहीं मिली, जो अनुशासन और परीक्षा संचालन की सफलता को दर्शाता है।

आरबी स्कूल हिलसा बना सबसे बड़ी उपस्थिति वाला केंद्र
अगर सबसे बड़ी उपस्थिति की बात करें तो आरबी स्कूल हिलसा ने सबका ध्यान खींचा। इस केंद्र पर कुल 1611 छात्रों का पंजीकरण हुआ था, जिनमें से 1587 ने पहली पाली में परीक्षा दी। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों का उपस्थित होना दर्शाता है कि परीक्षा की तैयारियों को लेकर छात्रों में कितना उत्साह था। दूसरी पाली में भी छात्रों की उपस्थिति बेहतर रही।

अनुशासन में अव्वल रहे नालंदा के परीक्षा केंद्र
पूरे जिले के परीक्षा केंद्रों में सबसे खास बात यह रही कि निष्कासन की कोई घटना दर्ज नहीं हुई। यह नालंदा के परीक्षा संचालन के उच्च मानकों को दर्शाता है।

कुछ अन्य दिलचस्प आंकड़े

  • एमवी कॉलेज हिलसा: पहली पाली में 738 छात्रों में से 734 ने परीक्षा दी।
  • सु कॉलेज हिलसा: 867 पंजीकृत छात्रों में से 855 ने परीक्षा दी।
  • पटेल कॉलेज माई हिलसा: कुल 853 छात्रों में से 830 ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
  • उम्स गांधी आश्रम, राजगीर: यहां भी उपस्थिति का प्रदर्शन शानदार रहा, कुल 281 पंजीकृत छात्रों में से 274 ने परीक्षा दी।

क्या कहते हैं कुल आंकड़े?
जिले के 26670 पंजीकृत छात्रों में से 26093 छात्रों ने पहली पाली की परीक्षा दी। अनुपस्थित छात्रों की संख्या 577 रही, जबकि दूसरी पाली में 1892 पंजीकृत छात्रों में से 1833 ने परीक्षा दी।

क्यों खास है यह परीक्षा आयोजन?
नालंदा में इस बार परीक्षा आयोजन बेहद अनुशासित और सुचारू रहा। निष्कासन जैसी घटनाओं की अनुपस्थिति ने इस परीक्षा को सकारात्मक रूप से यादगार बना दिया। छात्रों और अभिभावकों ने भी प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की।

परीक्षा की यह तस्वीर यह साबित करती है कि जब प्रशासन और छात्रों का समर्पण एक साथ होता है, तो हर परीक्षा सफल बन सकती है। उम्मीद है कि आने वाले परिणाम भी नालंदा जिले के इस अनुशासित प्रयास की तस्वीर को और बेहतर बनाएंगे।


राजद प्रवक्ता दीपक कुमार सिंह ने केंद्र सरकार के बजट को बताया ‘झूठ का पुलिंदा’, कहा – “बिहार को फिर किया गया नजरअंदाज”

बिहारशरीफ। केंद्रीय बजट पेश होने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के जिला प्रवक्ता दीपक कुमार सिंह ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मोदी सरकार के बजट को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने इसे ‘झूठ का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों, युवाओं और बिहार की जनता के साथ धोखा है।

Deepak Kumar Singh

बिहार को नहीं मिला उसका हक?

दीपक कुमार सिंह ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन इस बजट में भी केंद्र ने इस पर कोई चर्चा तक नहीं की। बिहार को न तो कोई विशेष पैकेज मिला और न ही कोई ऐसी योजना जिसका सीधा लाभ यहां की जनता को मिल सके। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बिहार में भाजपा की सरकार थी, तब भी केंद्र ने इस राज्य की अनदेखी की और अब फिर वही कहानी दोहराई जा रही है।

पुरानी घोषणाओं का दोहराव, नई उम्मीदें फिर टूटीं

राजद प्रवक्ता ने बजट को ‘पुरानी घोषणाओं का दोहराव’ करार दिया और कहा कि सरकार सिर्फ आंकड़ों का खेल दिखा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले बजट में बोधगया-राजगीर एक्सप्रेसवे की घोषणा की गई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी इसका कोई ठोस काम नहीं हुआ। इस बार फिर से वही घोषणाएं दोहराई गईं, जिससे साफ है कि सरकार केवल जुमलेबाजी कर रही है।

किसानों, युवाओं और मजदूरों के लिए क्या है बजट में?

दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ ठोस नहीं किया गया है। महंगाई की मार झेल रहे किसानों को राहत देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। न ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने की दिशा में कोई ठोस पहल हुई है। उन्होंने कहा कि बजट को देखकर ऐसा लगता है कि सरकार केवल दिवा स्वप्न दिखा रही है, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

“बिहार की जनता से किया गया विश्वासघात”

राजद प्रवक्ता ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को निराशाजनक करार दिया और इसे बिहार की जनता के साथ एक और विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा कि नालंदा जिला राष्ट्रीय जनता दल परिवार इस बजट की घोर निंदा करता है और इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए जनता को जागरूक करेगा।

क्या इस बजट से बिहार को सच में कोई लाभ मिलेगा, या फिर यह सिर्फ एक और चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा? यह सवाल जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।


इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर प्रशासन सख्त, डीएम और एसपी ने किया औचक निरीक्षण

नालंदा | बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 को स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में शनिवार, 1 फरवरी 2025 को नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था और परीक्षा संचालन की तैयारियों का गहन जायजा लिया।

inspection of colleges by nalanda dm and sp

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी और एसपी किसान कॉलेज, सोहसराय / राजकीयकृत कन्या उच्च विद्यालय, सोहसराय / सदरे आलम मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल, कागजी मोहल्ला / देवशरण महिला कॉलेज, सोहसराय सहित कई प्रमुख परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं का बारीकी से अवलोकन किया और केंद्राधीक्षकों को परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


42357 परीक्षार्थी होंगे शामिल, 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए

इस वर्ष जिले में 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें बिहारशरीफ में 32, राजगीर में 4 और हिलसा में 5 परीक्षा केंद्र शामिल हैं। परीक्षा में कुल 42,357 परीक्षार्थी भाग लेंगे, जिनमें 22,541 छात्र और 19,816 छात्राएं शामिल हैं। छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 18 परीक्षा केंद्र केवल उनके लिए निर्धारित किए गए हैं।


सख्त नियम: न जूते-मोजे, न मोबाइल, न देरी से एंट्री

परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए प्रशासन ने इस बार भी कई कड़े नियम लागू किए हैं:

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूर्ण प्रतिबंध – परीक्षार्थी किसी भी तरह का मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, ब्लूटूथ डिवाइस या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट परीक्षा केंद्र में नहीं ले जा सकेंगे।
जूते-मोजे पहनकर प्रवेश वर्जित – परीक्षार्थियों को केवल चप्पल पहनकर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति होगी, जिससे नकल की संभावनाओं को कम किया जा सके।
समय से पहले प्रवेश अनिवार्य
प्रथम पाली: परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू होगी, लेकिन परीक्षार्थियों को सुबह 9:00 बजे तक परीक्षा केंद्र में प्रवेश करना अनिवार्य होगा।
द्वितीय पाली: परीक्षा दोपहर 2:00 बजे शुरू होगी, लेकिन प्रवेश 1:30 बजे तक ही मिलेगा।
➡ विलंब से पहुंचने वाले परीक्षार्थियों को किसी भी परिस्थिति में परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।


परीक्षा केंद्रों की 500 गज की सीमा में निषेधाज्ञा लागू

शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रों से 500 गज के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा 163) लागू कर दी गई है। इस क्षेत्र में अनावश्यक भीड़ जुटाने, बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश और संदिग्ध गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

जिलाधिकारी ने यातायात पुलिस उपाधीक्षक को परीक्षा केंद्रों के आसपास ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि परीक्षार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो।


निरीक्षण के दौरान कई अधिकारी रहे मौजूद

इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), संबंधित केंद्राधीक्षक, दंडाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।

परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। क्या इस बार परीक्षा नकलमुक्त और पूरी तरह अनुशासित होगी? यह देखने वाली बात होगी।


सरस्वती पूजा 2025 : बिहारशरीफ में यातायात नियंत्रण के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान लागू

बिहारशरीफ में आगामी सरस्वती पूजा 2025 को लेकर शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। नगर निगम क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के उद्देश्य से अनुमंडल पदाधिकारी, बिहारशरीफ एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, बिहारशरीफ द्वारा संयुक्त ट्रैफिक रेगुलेशन प्लान जारी किया गया है। यह प्लान 01 फरवरी 2025 से 05 फरवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और पूजा उत्सव शांतिपूर्ण व व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।

यातायात प्रतिबंध एवं नो-एंट्री क्षेत्र

पूरे बिहारशरीफ शहर में कुछ खास स्थानों पर बड़े व्यवसायिक वाहनों, ऑटो, टैक्सी, एवं निजी चारपहिया वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में वाहन प्रवेश पूर्णतः निषेध कर दिया गया है:

  1. ट्रैक्टर, ट्रक, बस एवं अन्य भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
  2. बिचली खंदक से पूल तक सभी प्रकार के तीनपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए प्रवेश व परिचालन निषिद्ध रहेगा।
  3. धनेश्वर घाट से कुमार सिनेमा तक तीनपहिया और चारपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
  4. भरावपर से गांधी मैदान एवं मुख्य डाकघर से पूल तक सभी चारपहिया वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
  5. भरावपर से लहेरी थाना तक दोनों ओर से तीनपहिया और चारपहिया वाहनों का परिचालन निषिद्ध रहेगा।
  6. नदी मोड़ से मणिराम बाबा अखाड़ा मोड़ तक सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

वैकल्पिक मार्ग (Alternative Routes)

यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कुछ वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है:

  1. मामू भगिना से शहर में तीनपहिया व चारपहिया वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। यह मार्ग One-Way के रूप में खुला रहेगा, यानी हॉस्पिटल चौक से वाहनों का परिचालन मामू भगिना की ओर होगा।
  2. शहर के अंदर जाने के लिए मामू भगिना से पहाड़ तल्ली होते हुए सिंगारहाट (मोगलकुआं) मार्ग का उपयोग किया जाएगा।
  3. हॉस्पिटल चौक से आने वाले वाहन शहर से बाहर जाने के लिए एतवारी बाजार, सोहसराय होते हुए NH-17 की ओर जाएंगे।
  4. भरावपर से मछली मंडी होकर सोहनकुआं एवं लहेरी थाना की ओर वाहन परिचालित किए जाएंगे।

ड्रॉप गेट (Checkpoints for Vehicle Restriction)

यातायात को नियंत्रित करने के लिए दो प्रमुख स्थानों पर ड्रॉप गेट बनाए गए हैं:
11. नदी मोड़ से कटरा की ओर जाने वाले मार्ग पर।
12. लहेरी थाना के पास।

पार्किंग व्यवस्था

भारी भीड़ को देखते हुए वाहनों की पार्किंग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है:
13. P1 – श्रम कल्याण मैदान
14. P2 – सोगरा कॉलेज मैदान

प्रशासन की अपील

प्रशासन ने सभी नागरिकों, श्रद्धालुओं और वाहन चालकों से अपील की है कि वे इस ट्रैफिक प्लान का पालन करें और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में सहयोग दें। उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

शहर के प्रमुख चौकों एवं पूजा स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। पूजा के दौरान सीसीटीवी कैमरों से निगरानी भी रखी जाएगी, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

आइए, इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व को अनुशासन और सौहार्द्र के साथ मनाएं!


नगर निगम की राजस्व वसूली पर सख्त रुख, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

बिहारशरीफ। बिहारशरीफ नगर निगम की राजस्व वसूली को लेकर नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा ने सख्त रुख अपनाते हुए शनिवार को समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उप नगर आयुक्त शम्स रजा, राजस्व पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, सहायक राजस्व पदाधिकारी अनिल रविदास सहित सभी कर-संग्राहक एवं राजस्व कर्मी उपस्थित थे। बैठक के दौरान विभिन्न कर मदों में वसूली की स्थिति की समीक्षा की गई और कम राजस्व संग्रह वाले वार्डों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।

नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा

प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में तेजी, फिर भी कुछ वार्डों की स्थिति चिंताजनक

नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 9.47 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी टैक्स वसूली हो चुकी है, जो कि कुल 89.68 प्रतिशत है। हालांकि, वार्ड संख्या 04, 25, 34 और 37 में अपेक्षाकृत कम वसूली दर्ज की गई है। इन वार्डों के कर-संग्राहकों से नगर आयुक्त ने स्पष्टीकरण मांगा है और उन्हें चेतावनी दी गई है कि जल्द से जल्द वसूली में सुधार करें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, नगर निगम क्षेत्र के सभी सरकारी विभागों को पुनः पत्राचार करने का निर्देश दिया गया है ताकि वे जल्द से जल्द अपना बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा करें।

अनधिकृत होर्डिंग्स पर होगी कड़ी कार्रवाई

बैठक के दौरान यह पाया गया कि नगर क्षेत्र में कई स्थानों पर बिना अनुमति के होर्डिंग, बैनर और पर्चे लगाए गए हैं, जो न सिर्फ सौंदर्यीकरण को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि यातायात व्यवस्था को भी बाधित करते हैं। नगर आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन सभी अनधिकृत होर्डिंग्स को अविलंब हटाया जाए। यदि किसी स्थान से हटाए गए होर्डिंग्स दोबारा लगाए जाते हैं, तो लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और संबंधित व्यक्तियों पर जुर्माना एवं प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

कर-संग्राहकों को 10 फरवरी तक लक्ष्य पूरा करने के निर्देश

नगर आयुक्त ने सभी कर-संग्राहकों को निर्देश दिया कि 10 फरवरी, 2025 तक निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई कर-संग्राहक वसूली में लापरवाही करता है या लक्ष्य को गंभीरता से नहीं लेता, तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

“सबके लिए आवास योजना 2.0” के तहत सर्वे का आदेश

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “सबके लिए आवास योजना 2.0” के तहत नगर क्षेत्र में गृहविहीन लोगों का वार्डवार सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे की जिम्मेदारी वार्ड पार्षदों, कर-संग्राहकों, सुपरवाइजरों और निगम कर्मियों को सौंपी गई है। सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि यह सर्वे 08 फरवरी 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए, ताकि जरूरतमंद लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।

नगर निगम प्रशासन सख्त, वसूली और स्वच्छता पर रहेगा विशेष ध्यान

नगर आयुक्त ने बैठक के अंत में सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राजस्व वसूली में और अधिक सुधार किया जाए, अनियमितताओं पर सख्ती बरती जाए और शहर की स्वच्छता व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। नगर निगम प्रशासन अब सुस्त कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं करेगा, और लापरवाह कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

निगम की कार्यवाही से बढ़ी जागरूकता, जनता की भी जिम्मेदारी

नगर निगम की इस सक्रियता से जहां शहर में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था की उम्मीद जगी है, वहीं आम जनता से भी अपील की गई है कि वे अपने प्रॉपर्टी टैक्स का समय पर भुगतान करें, अनधिकृत होर्डिंग्स को न बढ़ावा दें और नगर निगम द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में सहयोग करें।

क्या यह पहल शहर को बेहतर बनाएगी? क्या राजस्व वसूली में सुधार आएगा? जनता की भागीदारी कितनी प्रभावी होगी? इन सवालों के जवाब आगामी महीनों में देखने को मिलेंगे।


सकरी नदी में अवैध बालू खनन, पुलिस की दबिश से मचा हड़कंप, ट्रैक्टर जब्त और दो पर एफआईआर

कतरीसराय। सकरी नदी में अवैध रूप से बालू खनन करने वालों के खिलाफ पुलिस और खनन विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। रविवार को दरवेशपुरा गांव के पास पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग नदी से अवैध रूप से बालू निकाल रहे हैं। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मौके पर छापा मारा और बालू से लदा एक ट्रैक्टर जब्त कर लिया। हालांकि, पुलिस के पहुंचते ही बालू माफिया अंधेरे और नदी के किनारों का फायदा उठाकर फरार हो गए।

खनन विभाग की जांच में बड़ा खुलासा, भारी भरकम जुर्माना लगाया गया

घटना की सूचना मिलते ही खनन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जब्त किए गए ट्रैक्टर तथा नदी में किए गए खनन की जांच की। जांच में पता चला कि सकरी नदी में गहरे गड्ढे कर बड़े पैमाने पर अवैध रूप से बालू निकाला गया था। अधिकारियों ने खनन क्षेत्र का माप-जोख कर 1 लाख 24 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

इसके अलावा, ट्रैक्टर में ओवरलोडिंग पाए जाने के कारण अतिरिक्त 1 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका गया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में खलबली मच गई और अवैध खनन में लिप्त लोगों ने खुद को बचाने के लिए अलग-अलग जगहों पर शरण लेनी शुरू कर दी।

एफआईआर दर्ज, पुलिस के डर से भूमिगत हुए आरोपी

कतरीसराय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने बताया कि पुलिस के पहुंचते ही बालू चोर मौके से फरार हो गए, लेकिन उनका ट्रैक्टर जब्त कर लिया गया। ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर दरवेशपुरा गांव के अधिक यादव और विभीषण यादव को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। दोनों के खिलाफ अवैध खनन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है, लेकिन आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।

अवैध खनन पर पुलिस और प्रशासन की पैनी नजर, आगे होगी और कड़ी कार्रवाई

पुलिस और खनन विभाग लगातार अवैध खनन गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस इलाके में बालू माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं और प्रशासन अब इस गोरखधंधे को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी में है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में बड़े स्तर पर बालू खनन किया जाता है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। प्रशासन अब ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रख रहा है और आने वाले दिनों में अवैध खनन में लिप्त लोगों पर और भी सख्त कार्रवाई होने की संभावना है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या यह कार्रवाई अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगा पाएगी? या फिर बालू माफिया नए तरीकों से इस गोरखधंधे को जारी रखेंगे? यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए आगे क्या कदम उठाएगा।


प्रिय लक्ष्मी बनीं कृषि पदाधिकारी, BPSC परीक्षा में 68वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम किया रोशन

बिहारशरीफ। सफलता किसी एक दिन की मेहनत का परिणाम नहीं होती, यह सतत प्रयास, संघर्ष और समर्पण की कहानी होती है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी लिखी है प्रिय लक्ष्मी ने, जिन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा में 68वीं रैंक हासिल कर कृषि पदाधिकारी के रूप में चयनित होने का गौरव प्राप्त किया है। नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर गांव की बेटी प्रिय लक्ष्मी की इस शानदार उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरा जिला गर्व महसूस कर रहा है।

प्रिय लक्ष्मी

कैसे तय किया सफलता का सफर, प्रिय लक्ष्मी ने खुद सुनाई कहानी

प्रिय लक्ष्मी का सफर आसान नहीं था, लेकिन संघर्ष की तपिश में तपकर ही सोना निखरता है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि के पीछे लगातार मेहनत, अनुशासन और माता-पिता के समर्थन को सबसे बड़ा कारण बताया।

“मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मेरी माँ ने हर मुश्किल समय में मुझे हिम्मत दी, और पापा ने शिक्षा को ही सबसे बड़ा धन बताया। आज जो भी हूं, उन्हीं की वजह से हूं,” प्रिय लक्ष्मी ने भावुक होकर कहा।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल, नालंदा से पूरी की और इसके बाद कृषि विज्ञान में स्नातक किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यह ठान लिया था कि वह कुछ अलग करेंगी, और अपने क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेंगी।

बेटियों को भी चाहिए खुला आसमान, प्रिय लक्ष्मी ने दिया संदेश

प्रिय लक्ष्मी मानती हैं कि अगर बेटियों को सही अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती हैं। उनका मानना है कि समाज में अब भी कई लोग बेटियों को कम आंकते हैं, लेकिन यदि लड़कियां खुद पर भरोसा रखें और कड़ी मेहनत करें, तो सफलता निश्चित है।

“अगर लड़कियां अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, तो कोई भी बाधा उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। बस जरूरत है आत्मविश्वास और लगातार मेहनत की,” प्रिय लक्ष्मी ने कहा।

पिता की शिक्षा के प्रति जागरूकता बनी सफलता की नींव

प्रिय लक्ष्मी के पिता नंद किशोर प्रसाद ने हमेशा शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना और अपने बच्चों को इसी दिशा में प्रेरित किया। उनकी बेटी की इस उपलब्धि से वे बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।

“मैंने हमेशा यही चाहा कि मेरे बच्चे शिक्षा को सबसे बड़ी संपत्ति समझें। प्रिय लक्ष्मी ने मेरी इस सोच को सही साबित कर दिया। मैं चाहता हूं कि हर माता-पिता अपनी बेटियों को भी बेटों की तरह सपने देखने और उन्हें पूरा करने का अवसर दें,” उन्होंने कहा।

गांव में जश्न का माहौल, हर कोई दे रहा बधाई

प्रिय लक्ष्मी की इस उपलब्धि से पूरा मोहनपुर गांव जश्न के माहौल में डूब गया है। परिवार, रिश्तेदार, और गांव के लोग मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।

उनके चाचा शिवनंदन प्रसाद उर्फ शिव जी, जो मोहनपुर मत्स्य हैचरी के संचालक और बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहयोग संघ के निदेशक हैं, ने कहा, “प्रिय लक्ष्मी बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थी। उसे शुरू से ही कृषि क्षेत्र में गहरी रुचि थी। आज उसने अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है, और यह साबित किया कि कृषि क्षेत्र में भी करियर की अपार संभावनाएं हैं।”

कृषि क्षेत्र में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएं

कृषि क्षेत्र को अक्सर पारंपरिक समझा जाता है, लेकिन आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक शोधों के कारण इसमें अपार संभावनाएं हैं। प्रिय लक्ष्मी की इस उपलब्धि ने यह संदेश दिया है कि यदि युवा इस क्षेत्र को अपनाएं, तो वे न केवल खुद का बल्कि देश का भी विकास कर सकते हैं।

प्रिय लक्ष्मी बनीं बेटियों के लिए मिसाल

प्रिय लक्ष्मी की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि संघर्ष और मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। उन्होंने अपने जिले का नाम रोशन किया है और अब वे उन लाखों छात्राओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जो किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रिय लक्ष्मी अपने नए पद पर कृषि क्षेत्र में कैसे नए बदलाव लाती हैं और इस क्षेत्र को और आगे कैसे ले जाती हैं। उनकी सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज की सफलता है, जो यह दर्शाती है कि बेटियां भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं, बस उन्हें सही मार्गदर्शन और समर्थन की जरूरत है।


केवीके में वैज्ञानिकों एवं कर्मियों का धरना प्रदर्शन, विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर उठाए गंभीर सवाल

हरनौत (नालंदा)। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा लिए गए अनैतिक एवं असंवैधानिक फैसलों के खिलाफ कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने कलमबंद आक्रोश और धरना प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन केवीके के प्रशासनिक भवन के समक्ष आयोजित किया गया, जहां वैज्ञानिकों और कर्मियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमाने फैसले लेने और नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

कलमबंद आक्रोश और धरना प्रदर्शन

प्रोन्नति रद्द और वेतन वसूली का फरमान बना आक्रोश की वजह

केवीके के प्रधान सह वरीय वैज्ञानिक डॉ. सीमा कुमारी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने वैज्ञानिकों की वैधानिक प्रोन्नति को अचानक रद्द कर दिया और पहले से किए गए वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी कर दिया। इस निर्णय से वैज्ञानिकों और कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है, क्योंकि यह उनके आर्थिक और मानसिक स्थिरता पर सीधा असर डालता है।

बिना सूचना अचानक थमाया सेवानिवृत्ति पत्र

धरना प्रदर्शन कर रहे वैज्ञानिकों और कर्मियों ने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत केवीके के वैज्ञानिकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है। लेकिन प्रशासन ने 31 जनवरी की संध्या में सात वैज्ञानिकों को पत्र भेजकर अचानक उनकी सेवा समाप्ति की सूचना दे दी। यह निर्णय बिना किसी पूर्व सूचना के लिया गया, जबकि नियमों के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को कम से कम दो माह पूर्व सूचना दी जाती है, ताकि उनके बकाया भुगतान और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा सकें।

वैज्ञानिकों और परिवारों में बढ़ी अनिश्चितता और भय

कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला न केवल नियमों की अवहेलना है, बल्कि तानाशाही रवैये का भी परिचायक है। इससे न केवल सेवानिवृत्त किए गए वैज्ञानिकों, बल्कि उनके परिवारों में भी भारी असुरक्षा और चिंता व्याप्त हो गई है। कई वैज्ञानिकों ने इसे “आजीविका पर सीधा प्रहार” करार दिया है और इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से गुहार

धरने पर बैठे वैज्ञानिकों और कर्मियों ने बिहार के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और राज्यपाल से अपील की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिए गए प्रोन्नति रद्द करने और सेवानिवृत्ति आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि सभी वैज्ञानिकों को उनकी वैधानिक सेवाओं का लाभ दिया जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख वैज्ञानिक और कर्मी

धरना प्रदर्शन में मृदा विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ. यू.एन. उमेश, गृह विभाग की वैज्ञानिक डॉ. ज्योति सिन्हा, पशु एवं चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ. विद्याशंकर सिन्हा, उद्यान विभाग की वैज्ञानिक कुमारी विभा रानी, प्लांट एंड पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की वैज्ञानिक डॉ. आरती कुमारी सहित कई अन्य वैज्ञानिक और कर्मचारी शामिल रहे।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बिहार सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस विरोध प्रदर्शन पर कोई संज्ञान लेता है या नहीं।


केवीके में मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण संपन्न, युवाओं को मिला आत्मनिर्भर बनने का मार्ग

हरनौत (नालंदा)। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर आयोजित छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस प्रशिक्षण में जिले के 28 नवयुवक और युवतियों ने भाग लिया, जिन्हें मशरूम उत्पादन की आधुनिक तकनीकों और उनके मूल्यवर्धन के गुर सिखाए गए।

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण

प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को मिला स्वरोजगार का अवसर

गृह विज्ञान विभाग की वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. ज्योति सिन्हा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त बनाना था। उन्होंने बताया कि ओयस्टर मशरूम की खेती सरल और कम लागत में की जा सकती है, जबकि बटन मशरूम का उत्पादन नियोजित तरीकों से करने पर यह अच्छा मुनाफा देता है।

प्रशिक्षण में क्या सिखाया गया?

इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को मशरूम की खेती की शुरुआत, सही वातावरण, देखभाल, उत्पादन तकनीक, बाजार में बिक्री और प्रसंस्करण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।

  • ओयस्टर मशरूम उत्पादन: कम लागत में सरल तकनीक से किया जा सकता है।
  • बटन मशरूम उत्पादन: इसके लिए थोड़ा अधिक तकनीकी ज्ञान आवश्यक है, लेकिन बाजार में इसकी मांग अधिक है।
  • मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण: मशरूम से विभिन्न उत्पाद बनाकर उनकी बिक्री से आय बढ़ाई जा सकती है।

प्रशिक्षण प्रमाण पत्र से बढ़ेगा आत्मविश्वास

प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जिससे उन्हें भविष्य में स्वरोजगार, बैंक लोन, सरकारी योजनाओं एवं अन्य व्यावसायिक अवसरों का लाभ उठाने में सहायता मिलेगी।

युवाओं के लिए स्वरोजगार का सुनहरा अवसर

डॉ. ज्योति सिन्हा ने कहा, “मशरूम उत्पादन न केवल एक लाभदायक कृषि व्यवसाय है, बल्कि यह बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का एक बेहतरीन अवसर भी प्रदान करता है। जो युवा मेहनत और लगन से इस कार्य को अपनाएंगे, वे निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।”

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस प्रशिक्षण से प्रेरित युवा मशरूम उत्पादन को बड़े स्तर पर अपनाकर किस तरह अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते हैं।


हिलसा के पाँच परीक्षा केंद्रों पर इंटरमीडिएट परीक्षा का शांतिपूर्ण आगाज, छात्राओं में दिखा उत्साह

हिलसा (नालंदा)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा का शुभारंभ शनिवार को हिलसा के पाँच प्रमुख परीक्षा केंद्रों पर हुआ। परीक्षा का पहला दिन शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त माहौल में संपन्न हुआ। खास बात यह रही कि इन सभी केंद्रों को बालिका परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित किया गया था, जिससे यह परीक्षा महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

परीक्षा केंद्रों पर उमड़ी भीड़, पुलिस ने संभाली व्यवस्था

सुबह नौ बजे जैसे ही परीक्षार्थी अपने-अपने केंद्रों पर पहुँचना शुरू हुए, परीक्षा केंद्रों के बाहर अभिभावकों और विद्यार्थियों की भारी भीड़ जमा हो गई। इससे यातायात व्यवस्था थोड़ी बाधित हुई, लेकिन पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी के कारण जल्द ही स्थिति सामान्य कर दी गई।

इन प्रमुख परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा

हिलसा के जिन पाँच प्रमुख केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई, वे हैं:

  • रामबाबू उच्च विद्यालय
  • महंत विद्यालंद इंटर कॉलेज
  • उच्च विद्यालय, मई
  • सरदार पटेल महाविद्यालय
  • एस.यू. कॉलेज

अनुमंडल पदाधिकारी ने किया निरीक्षण, परीक्षा रही कदाचार मुक्त

परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) प्रवीण कुमार ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। प्रशासन की सख्ती और बेहतर प्रबंधन के कारण परीक्षा के दौरान कहीं से भी कदाचार या अनुशासनहीनता की कोई खबर नहीं आई।

छात्राओं में दिखा आत्मविश्वास, माता-पिता ने जताई उम्मीदें

परीक्षा केंद्रों के बाहर छात्राओं के माता-पिता और अभिभावक बड़ी बेसब्री से परीक्षा समाप्त होने का इंतजार करते नजर आए। कई अभिभावकों ने उम्मीद जताई कि उनकी बेटियाँ परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी और अपने परिवार व जिले का नाम रोशन करेंगी।

कैसा रहेगा आगे का परीक्षा क्रम?

परीक्षा के पहले दिन कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई, लेकिन अगले कुछ दिनों में परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ने से प्रशासन के लिए चुनौती और बढ़ सकती है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन किस तरह इस परीक्षा को शुचिता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराता है।


हरनौत से श्रद्धालुओं का जत्था पहुँचा महाकुंभ, संगम में लगाई आस्था की डुबकी

हरनौत (नालंदा)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले की दिव्यता और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करने के लिए हरनौत नगर पंचायत (नपं) क्षेत्र से लगभग 80 श्रद्धालुओं का एक समूह पवित्र यात्रा पर निकला। इस दल में नगर पंचायत की मुख्य पार्षद बबीता देवी, उनके प्रतिनिधि धीरज कुमार उर्फ पल्लू सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष दिलीप सिंह सहित कई गणमान्य लोग शामिल थे।

journey to mahakumbh

तीर्थयात्रा का आध्यात्मिक सफर: हरनौत से प्रयागराज तक

श्रद्धालु हरनौत से गया के रास्ते होते हुए उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर पहुँचे। सबसे पहले वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए, जहाँ शिव की महिमा का आनंद उठाया। इसके बाद विंध्याचल धाम की देवी के दर्शन कर प्रयागराज के महाकुंभ मेले की ओर बढ़े।

प्रयागराज में पहुँचकर श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मान्यता है कि संगम में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हर 12 वर्ष में होने वाला दिव्य आयोजन

मुख्य पार्षद प्रतिनिधि धीरज कुमार उर्फ पल्लू सिंह ने बताया कि महाकुंभ मेला हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालु और साधु-संत एकत्र होते हैं। यह मेला देवताओं और राक्षसों के बीच अमृत मंथन से उत्पन्न दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

श्रद्धालुओं का उत्साह, पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान

महाकुंभ मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना, हवन और मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। इस यात्रा के दौरान गया के विष्णुपद मंदिर में भी दर्शन किए गए, जहाँ पिंडदान और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएँ की गईं।

श्रद्धालु इस यात्रा को आध्यात्मिक जागृति का अनुभव मान रहे हैं। व्यापार मंडल के अध्यक्ष दिलीप सिंह, रिंकु पांडेय, मनीष कुमार, मनथन कुमार समेत अन्य श्रद्धालुओं ने इस यात्रा को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि महाकुंभ मेले की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा को शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है।

आस्था का महासंगम: हरनौत के श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय क्षण

श्रद्धालुओं ने बताया कि महाकुंभ मेले में पहुँचकर देशभर से आए संत-महात्माओं, नागा साधुओं और अन्य धार्मिक संतों के दर्शन का सौभाग्य मिला। मेले की विशालता, दिव्यता और आध्यात्मिक माहौल ने सभी को अभिभूत कर दिया।

यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक जागरण का अवसर थी। श्रद्धालुओं ने कामना की कि हर कोई अपने जीवन में कम से कम एक बार इस दिव्य महाकुंभ का हिस्सा जरूर बने।


25वीं बिहार राज्य स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप का हुआ भव्य उद्घाटन, नालंदा के खिलाड़ियों ने जीते कई मेडल

हरनौत (नालंदा)। बिहार में खेलों के प्रति बढ़ते हुए उत्साह और युवाओं के जोश को देखते हुए शनिवार को पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स स्टेडियम, पटना में 25वीं बिहार राज्य स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का आयोजन हुआ। यह दो दिवसीय प्रतियोगिता शनिवार और रविवार को आयोजित की जा रही है, जिसमें नालंदा जिले के दर्जनों खिलाड़ी अपनी कड़ी मेहनत और संकल्प के साथ भाग लेने पहुंचे।

25 वां बिहार राज्य स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप

खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण ने जीते मेडल

प्रतियोगिता के पहले दिन नालंदा जिले के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विभिन्न स्पर्धाओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते। हरनौत के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिस्पर्धा में जो उमंग और उत्साह दिखाया, उसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिले के पारा खिलाड़ियों ने भी अपनी कड़ी मेहनत से मेडल जीते, जिससे यह साबित हुआ कि खेलों में किसी भी प्रकार की शारीरिक अक्षमता के बावजूद, आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता प्राप्त की जा सकती है।

उद्घाटन समारोह में शामिल विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में डॉ. शिवाजी कुमार और संदीप कुमार सहित कई अन्य वक्ताओं ने खिलाड़ियों को संबोधित किया। वक्ताओं ने अपने भाषण में खास तौर से दिव्यांग जनों के अधिकारों और खेलों में उनके योगदान की बात की। उन्होंने कहा, “विदेशों में दिव्यांग जनों को वही सुविधाएँ मिलती हैं जो वीआईपी व्यक्तियों को मिलती हैं, लेकिन भारत में आज भी दिव्यांगों को उस तरह की सुविधाओं से वंचित रखा जाता है।” उन्होंने यह भी बताया कि दिव्यांग जन अब हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहे हैं और खेलकूद में भी वे अपने परचम लहरा रहे हैं।

खेलों में बदलाव और प्रोत्साहन की दिशा में बिहार सरकार का कदम

वक्ताओं ने यह भी कहा कि बिहार सरकार ने खेलों में प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके तहत खिलाड़ियों को अधिकारी स्तर की नौकरी दी जा रही है। इसके अलावा, इस तरह के कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को अपनी क्षमताओं को साबित करने का अवसर प्रदान करते हैं।

मशाल जलाकर किया गया उद्घाटन

समारोह का विधिवत शुरुआत एक विशेष और अद्वितीय कार्यक्रम से हुई, जब मशाल जलाकर 25वीं बिहार राज्य एथलेटिक्स चैंपियनशिप का उद्घाटन किया गया। इसके बाद आयोजकों ने बताया कि, “राज्य स्तरीय खेलों में पदक जीतने के बाद यही खिलाड़ी नेशनल स्तर के खेलों में भी भाग लेंगे।”

प्रतियोगिता का महत्व और आने वाले अवसर

इस प्रतियोगिता का आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए एक प्रतिस्पर्धा का मंच है, बल्कि यह नई पीढ़ी को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है। बिहार के युवा अब खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर बढ़ रहे हैं।

इस अवसर पर डॉ. रूबी कुमारी, अपर आयुक्त निष्कत्ता, लक्ष्मीकांत सहाय, संतोष कुमार सिंहा, चंदा सिंह, सुगंध नारायण, मो. गौहर, वैभव कुमार, हिमांशु कुमार, हरदेव प्रसाद, प्रवीण कुमार मिश्रा, हरिओम, सोनी, विमल जैन, कुंदन कुमार पांडे, रंजीत कुमार, अंजलि, खुशी, आस्था, सार्थक राज, खुशी, सौम्या शरद चंद्र सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

यह आयोजन न केवल बिहार की खेल संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि यह भी साबित कर रहा है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।


आगामी 5 फरवरी को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मी

हरनौत (नालंदा)। आगामी 5 फरवरी को बिहार के संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे। यह धरना प्रदर्शन उनकी लंबित और महत्वपूर्ण मांगों के समर्थन में किया जाएगा, जिनमें वेतन संरचना को निर्धारित कर नियमित भुगतान की मांग, बकाया अनुदान राशि का एकमुश्त भुगतान, उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का बकाया भुगतान, और अन्य कई अहम मुद्दे शामिल हैं।

मांगों को लेकर गहरा आक्रोश

इस आंदोलन में शामिल होने वाले शिक्षाकर्मियों का कहना है कि वे वेतन से लेकर प्रबंधन की गलत नीतियों तक, कई गंभीर मुद्दों पर अपनी आवाज उठाएंगे। उनका प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किए गए आदेशों का सही तरीके से पालन हो और विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को उनका उचित हक मिले।

उदाहरण के लिए, आंतरिक स्रोत की राशि का 70 प्रतिशत वेतन मद में भुगतान सुनिश्चित करना और शासन निकाय सदस्य के रूप में विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों को मनोनीत करना, जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें इन शिक्षाकर्मियों ने उठाया है। इसके अलावा, चयन समिति गठित कर शेष शिक्षाकर्मियों के सेवा अनुमोदन की भी उनकी एक मुख्य मांग है।

महासंघ के पदाधिकारियों का संयुक्त बयान

बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब), पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय शाखा के अध्यक्ष डॉ. रामनरेश प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ. मणिन्द्र कुमार, महासचिव डॉ. रविकांत सिंह, सचिव डॉ. प्रमोद कुमार और प्रो. सत्येन्द्र शर्मा ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया कि राज्य महासंघ की समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 5 फरवरी को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में होने वाले धरना-प्रदर्शन में राज्य महासंघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

इसके साथ ही, महासंघ ने यह भी घोषणा की कि 10 फरवरी से 14 फरवरी तक पटना में राज्य स्तरीय आंदोलन होगा, जिसमें मगध विश्वविद्यालय शाखा के सदस्य भी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है

इस आंदोलन की तैयारी से यह साफ है कि विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के बीच आक्रोश का माहौल लगातार बढ़ता जा रहा है। उनकी मांगों के निवारण के लिए वे अब सड़क पर उतरने के लिए तैयार हैं। यह धरना-प्रदर्शन महज एक कदम नहीं, बल्कि उनकी जमीन से जुड़ी समस्याओं को विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

अब देखना यह होगा कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और राज्य सरकार इस आंदोलन के बाद इन शिक्षाकर्मियों की मांगों पर कितनी तेजी से ध्यान देती है और इस स्थिति का समाधान कैसे निकाला जाता है।


इंटर परीक्षा के पहले दिन बिहारशरीफ में छात्राओं का विरोध, देर से पहुंचने पर प्रवेश से वंचित किया गया

बिहारशरीफ। शनिवार को बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा का पहला दिन था, और इस दिन कुछ अप्रत्याशित घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने परीक्षा केंद्रों पर हलचल मचा दी। करीब दो दर्जन छात्र-छात्राएं जो निर्धारित समय पर परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच सके थे, उन्हें परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर छात्रों ने परीक्षा केंद्रों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी जाहिर की।

बिहारशरीफ में छात्राओं का विरोध

किसान कॉलेज में छात्राओं का गुस्सा फूटा

किसान कॉलेज में क़रीब एक दर्जन छात्राएं परीक्षा देने के लिए निर्धारित समय पर नहीं पहुंच पाईं। छात्रों का आरोप था कि वे समय पर पहुंचे थे, लेकिन फिर भी परीक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। यह फैसला उनके लिए बेहद निराशाजनक था, जिसके कारण वे गुस्से में आ गईं। छात्राओं ने स्कूल के पास सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया और नारेबाजी करते हुए केंद्राधीक्षक से परीक्षा में प्रवेश देने की मांग की। उनका कहना था कि उन्हें स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया गया कि देर से पहुंचने के बावजूद उन्हें परीक्षा में क्यों नहीं बैठने दिया गया। सड़क पर बैठकर विरोध करने के कारण कुछ समय तक यातायात बाधित रहा।

कैरियर पब्लिक स्कूल और अन्य केंद्रों पर भी विरोध

इसी प्रकार, कैरियर पब्लिक स्कूल में भी आधे दर्जन छात्राएं कुछ मिनटों की देरी से पहुंची थीं। हालांकि, उनके अनुसार, वे समय पर पहुंचने की पूरी कोशिश कर रही थीं, लेकिन फिर भी उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया। छात्राओं ने प्रदर्शन करते हुए केंद्र के अधिकारियों से परीक्षा में शामिल होने की अपील की। उनका कहना था कि उन्हें गलत तरीके से परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया गया।

वहीं, गर्ल्स हाई स्कूल बिहारशरीफ में भी नौ छात्राएं देर से पहुंचने के कारण परीक्षा में नहीं बैठ पाईं। इन छात्राओं ने भी विरोध जताते हुए सड़क पर बैठकर नारेबाजी की, जिसके कारण वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ। इसके अलावा, सोहसराय स्थित कन्या मध्य विद्यालय में भी आधे दर्जन छात्राओं को निर्धारित समय से बाद में पहुंचने के कारण परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया।

छात्राओं का आरोप और अधिकारियों से अपील

छात्राओं का आरोप था कि वे समय पर परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई थीं, फिर भी उन्हें परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने अधिकारियों से यह अपील की कि उनके मामले पर पुनर्विचार किया जाए और उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए।

केंद्राधीक्षक की प्रतिक्रिया

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्राधीक्षक ने स्पष्ट किया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो छात्र या छात्राएं परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से देरी से पहुंचते हैं, उन्हें परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाता है। उनका कहना था कि यह नियम सभी परीक्षा केंद्रों पर समान रूप से लागू किया जाता है ताकि परीक्षा की पारदर्शिता और समय का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

हालांकि, परीक्षा केंद्र पर इस तरह की घटनाओं ने छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन इस पर कोई हल निकाल पाता है या फिर परीक्षा प्रणाली के खिलाफ और भी विरोध का सामना करना पड़ेगा।


बिहार के लिए ऐतिहासिक बजट घोषणाएं: भवानी सिंह ने किया सराहना

हरनौत, 1 फरवरी: जदयू जिला महासचिव और मुख्य प्रवक्ता भवानी सिंह ने शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे भारतीय जनता के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में जो घोषणाएं की गई हैं, वे न केवल देश की आम जनता के सपनों को समझने की कोशिश हैं, बल्कि विकास की गति को हर क्षेत्र में तेज करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी हैं। खासकर, मध्यम वर्ग के लिए यह बजट एक नई उम्मीद की किरण जैसा है, क्योंकि सरकार ने 12 लाख तक की वार्षिक आय को कर मुक्त कर दिया है, जो कि ऐतिहासिक कदम है। इससे उन लाखों परिवारों को राहत मिलेगी, जो अपने जीवन स्तर को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

भवानी सिंह

भवानी सिंह ने विशेष रूप से बिहार के संदर्भ में बजट की सराहना की, जहां सरकार ने कई घोषणाएं की हैं, जो राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटना में आईआईटी के विस्तार के अलावा, एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण और मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना, यह सब बिहार के लिए ऐतिहासिक घोषणाएं हैं। इसके साथ ही, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) की स्थापना और पश्चिम कोशी सिंचाई परियोजना जैसे कदम बिहार के समग्र विकास को एक नई दिशा देंगे।

भवानी सिंह ने इस बजट को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम बताया। किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तीय सहायता बढ़ाने के साथ-साथ शहरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की पहल, यह बजट देश की समावेशी विकास की दिशा में एक अहम कदम है।

उन्होंने कहा, “यह बजट न केवल बड़े उद्योगों और शहरों के विकास के बारे में सोचता है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह विशेष रूप से महिलाओं, छोटे उद्योगों, किसानों, युवाओं और गरीबों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, इस बजट में बुनियादी ढांचे के लिए अधिक निवेश किया गया है, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।”

इस बजट को लेकर भवानी सिंह ने अपनी संतुष्टि जताते हुए कहा कि यह बजट न केवल भारत के समग्र विकास को गति देगा, बल्कि यह देश को आत्मनिर्भर बनने के रास्ते पर मजबूती से ले जाएगा।


हरनौत में महाकवि सम्मेलन की तैयारियाँ जोरों पर, साहित्य प्रेमियों का उत्साह बढ़ा

हरनौत (नालंदा), 1 फरवरी: हरनौत में 23 फरवरी को होने वाले महाकवि सम्मेलन की तैयारी अब अपने अंतिम चरण में है। इस विशेष आयोजन को लेकर शनिवार को गायत्री मंदिर के प्रांगण में साहित्य प्रेमियों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता मशहूर कवि और साहित्यकार उदय शंकर उर्फ कवि जी ने की, जिन्होंने आयोजन की दिशा और उद्देश्य पर अपनी विचारधारा साझा की।

हरनौत में महाकवि सम्मेलन की तैयारियाँ

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि समाज को बदलते वक्त की मांग के अनुसार एक नई दिशा देने के लिए एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल साहित्य की दुनिया से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें साझा करना है, बल्कि समाज में सांस्कृतिक और साहित्यिक चेतना को भी जागरूक करना है। सभी उपस्थित लोगों ने इस प्रस्ताव को पूरी सहमति से पारित किया, और आयोजन को सफल बनाने के लिए आपस में सहयोग करने का संकल्प लिया।

बैठक में कई प्रमुख साहित्यिक शख्सियतें मौजूद थीं, जिनमें श्रवण कुमार, मिथिलेश कुमार यादव, चन्द्र उदय कुमार, सुरेश सिंह, संजय कुमार, ललन सिंह, संतोष कुमार, इतवारी पंडित, रणवीर कुमार, रंजीत कुमार, प्रदीप कुमार, कृष्णनंदन प्रसाद, राजेश कुमार, रामप्रवेश सिंह, रामनंदन, सौरभ, परशुराम समेत कई अन्य साहित्यिक व्यक्ति शामिल थे।

इस महाकवि सम्मेलन को लेकर आयोजकों में गहरी उत्सुकता है और यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के बीच एक नई ऊर्जा का संचार करेगा। हर कोई अब इंतजार कर रहा है कि इस कवि सम्मेलन में कौन सी नई और प्रभावशाली कविताएं सामने आएंगी, जो न केवल दर्शकों के दिलों को छूएं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश भी दें।


इस्लामपुर में लूट की जांच के दौरान पुलिस टीम पर हमला, दो पुलिसकर्मी घायल

इस्लामपुर (नालंदा), 1 फरवरी 2025: शनिवार की सुबह इस्लामपुर थाना क्षेत्र के नौरंगा गाँव में पुलिस टीम पर हुआ जानलेवा हमला इलाके में एक गंभीर घटना के रूप में सामने आया है। पुलिस द्वारा लूट की एक घटना की तफ्तीश के दौरान ग्रामीणों ने ईंट-पत्थर और धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। साथ ही, पुलिस की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस हमले ने न केवल पुलिसकर्मियों के लिए खतरे की घंटी बजाई, बल्कि ग्रामीणों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर किया है।

islampur police were attacked

घटना के बारे में जानकारी देते हुए स्थानीय थानाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि शनिवार की सुबह रेलवे स्टेशन इस्लामपुर के पोर्टर बबलू कुमार के साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने गाली-गलौज की और उनका मोबाइल फोन और लगभग 1300 रुपये नकद छीन लिए थे। बबलू कुमार ने इस घटना की शिकायत स्थानीय थाने में की थी, जिसके बाद पुलिस ने लूट की घटना की जांच शुरू की।

पुलिस टीम ने नौरंगा गाँव में छापेमारी की योजना बनाई और कुछ संदिग्ध युवकों से पूछताछ करने के लिए खंधा क्षेत्र में पहुंची। जैसे ही पुलिस टीम ने युवकों से सवाल-जवाब करना शुरू किया, दो युवक भागने लगे। पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में पुलिसकर्मी जितेन्द्र कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।

ग्रामीणों का आरोप है कि जितेन्द्र कुमार ने ही गाँव के असामाजिक तत्वों की पहचान की थी, जिसके कारण उन्होंने पुलिस पर इस तरह का हमला किया। हमले के बाद पुलिस टीम को वहां से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त बल भेजा और गाँव में सघन छापेमारी की। इस छापेमारी में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और निर्दोष लोगों को जल्दी ही छोड़ दिया जाएगा। घायल पुलिसकर्मी जितेन्द्र कुमार और अमोद कुमार को उपचार के लिए स्थानीय निजी चिकित्सक के पास भेजा गया है। पुलिस ने इस हमले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच तेज कर दी है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर दबाव बनाने और विरोध करने का एक नया स्वरूप सामने आया है। यह घटना इस्लामपुर इलाके में पुलिस की सुरक्षा और कार्यों के प्रति बढ़ते असंतोष को भी दर्शाती है। इस हमले के बाद, अब यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस को गांवों और शहरों में अपनी सुरक्षा और रणनीतियों को बदलने की जरूरत है?


थरथरी में छात्र मोहित कुमार की मौत: विधि आयोग ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश

बिहारशरीफ। 13 वर्षीय छात्र मोहित कुमार की मौत के मामले में थरथरी प्रखंड के अस्ता मध्य विद्यालय में गहरा विवाद उत्पन्न हो गया है। मोहित की मौत 3 जनवरी 2025 को विद्यालय में करंट लगने से हुई थी, और इस मामले ने अब एक नया मोड़ लिया है। विधि आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसे गंभीरता से लिया है और अब बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने इसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) से जांच कराने के आदेश दिए हैं।

इस आदेश के बाद, बिहार के जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक नितेश कुमार ने मामले की जांच प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सीडब्ल्यूसी को पत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है और इसे बहुत जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

मोहित की मौत को लेकर गाजियाबाद के प्रसिद्ध राइट्स एक्टिविस्ट राजहंस बंसल ने भी सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। बंसल ने भारत सरकार और बिहार सरकार को पत्र भेजकर इस मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया है, ताकि मृतक छात्र के परिवार को न्याय मिल सके और मौत के असली कारणों का खुलासा हो सके। इसके साथ ही उन्होंने नाबालिग के परिवार को मुआवजा और आर्थिक सहायता देने की भी मांग की है।

मोहित कुमार की मौत के बाद यह मामला और भी जटिल हो गया है, जब परिजनों ने आरोप लगाया कि विद्यालय के शिक्षक ने मोहित को छड़ी लाने के लिए भेजा था, और इस दौरान वह बिजली प्रवाहित तार के संपर्क में आ गया। हालांकि, विद्यालय प्रबंधन का दावा है कि स्कूल में बाउंड्री दीवार नहीं होने के कारण छात्र ने खुद ही स्कूल से भागने का प्रयास किया था। इस स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या स्कूल प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभा रहा था, और क्या छात्रों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की गई थी?

यह घटना न केवल एक नाबालिग के परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे समाज के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। यह केस शिक्षा संस्थाओं की सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। इस मामले की गहराई से जांच कर यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इस दुखद घटना के पीछे का सच क्या है, और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।

अब सभी की नजरें इस मामले की जांच पर टिकी हुई हैं, और यह देखना होगा कि सरकार और संबंधित संस्थाएं दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।


नालंदा पुलिस का ऐतिहासिक कदम: ‘शेरनी दल’ का गठन, मनचलों के लिए अब नहीं बचने का कोई रास्ता

नालंदा। 1 फरवरी 2025: नालंदा पुलिस ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस ने ‘शेरनी दल’ का गठन किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य सड़क पर महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और अन्य अवैध हरकतों को रोकना है। इस विशेष दल की टीम अब उन मनचलों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए मैदान में उतरी है, जो अक्सर सड़कों पर लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं और उन्हें परेशान करते हैं।

‘शेरनी दल’ का गठन उन लड़कों और युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए किया गया है, जो किसी भी लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हैं और उन्हें तंग करते हैं। नालंदा पुलिस ने यह घोषणा की है कि सड़क पर तैनात इस विशेष दल की टीम मनचलों के खिलाफ एक प्रभावी मुहिम चलाएगी। इस दल के गठन के पीछे एक प्रमुख उद्देश्य यह है कि जिले की महिलाओं को अब बिना किसी डर और चिंता के सड़कों पर चलने की स्वतंत्रता मिले।

वर्तमान में, कई युवा लड़के महिलाओं के साथ सड़क पर अभद्रता करते हैं, जो लड़कियों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है। नालंदा पुलिस ने यह कदम उठाकर यह सुनिश्चित किया है कि अब ऐसे मनचले कहीं भी नजर आएंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ‘शेरनी दल’ का गठन महिलाओं के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करेगा, जिससे वे सड़क पर चलते हुए बेखौफ महसूस करेंगी।

इस दल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना है। अब नालंदा जिले में किसी भी स्थान पर अगर कोई लड़का गलत हरकत करता हुआ पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और उसे कड़ी सजा दिलवाने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे।

नालंदा पुलिस ने वादा किया है कि महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी। ‘शेरनी दल’ के गठन से यह सुनिश्चित होगा कि जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आएगी और उनके अधिकारों का सम्मान होगा। अब नालंदा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया अध्याय शुरू हो रहा है, और पुलिस इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है।


बिहारशरीफ में अवैध वसूली करने वाला जालसाज पकड़ा गया, ट्रैफिक पुलिस बनकर कर रहा था ठगी

बिहारशरीफ, 1 फरवरी 2025: बिहार पुलिस ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए ट्रैफिक पुलिस के रूप में एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो आमजनों से अवैध रूप से पैसे वसूल रहा था। यह मामला बिहारशरीफ बस स्टैण्ड के पास घटित हुआ, जब एक अज्ञात व्यक्ति ने अपने आप को ट्रैफिक पुलिस बता कर परीक्षा देने जा रहे एक छात्र को धोखाधड़ी का शिकार बना लिया।

विपिन कुमार, जो इस्लामपुर का निवासी है, सुबह लगभग 07:00 बजे अपनी परीक्षा के लिए जा रहा था, तभी उस अज्ञात व्यक्ति ने उसे रोका और गाड़ी के कागजात चेक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। जब सभी कागजात सही पाए गए, तो जालसाज ने एक नया आरोप लगाया कि गाड़ी का किस्त गिरा हुआ है और इसे ठीक करने के लिए 15,000 रुपये का चालान कटेगा।

विपिन कुमार ने स्थिति को समझते हुए केवल 500 रुपये उस व्यक्ति को दिए, लेकिन बाकी 14,500 रुपये ऑनलाइन मंगाने का दबाव बनाया गया। इस दौरान लहेरी पुलिस की गस्ती गाड़ी पास आ गई, जिससे आरोपी घबरा गया और विपिन कुमार ने तुरंत शिकायत की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अपराधी को पकड़ लिया और उसके पास से कुल 18,000 रुपये बरामद किए गए।

इस संदर्भ में लहेरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। गिरफ्तार अपराधी का नाम संतोष कुमार है, जो नोसरा गांव, थाना नूरसराय, जिला नालंदा का निवासी है। संतोष कुमार के खिलाफ लहेरी थाना और अन्य संबंधित थाना क्षेत्रों में अपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है।

इस गिरफ्तारी से बिहार पुलिस ने अवैध वसूली करने वाले इस गिरोह के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है और यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने इस घटना को लेकर अपनी तत्परता और कार्यवाही की सराहना की है, और आमजनों से अपील की है कि वे किसी भी ऐसे व्यक्ति से सावधान रहें जो बिना अधिकार के उनसे पैसे मांगने की कोशिश करें।


बिहारशरीफ में इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर हंगामा, नियमों की अवहेलना

बिहारशरीफ, 1 फरवरी 2025: बिहारशरीफ के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन कुछ परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों द्वारा परीक्षा के नियमों की अवहेलना और हंगामा करने की घटना सामने आई है। यह घटना शहर के प्रमुख परीक्षा केंद्रों जैसे एस.एस. बालिका उच्च विद्यालय कचहरी रोड, सदरे आलम मेमोरियल विद्यालय कागजी मुहल्ला, +2 कन्या उच्च विद्यालय सोहसराय, किसान कॉलेज सोहसराय, और देवशरण महाविद्यालय सोहसराय में घटी।

दरअसल, कुछ परीक्षार्थी देर से परीक्षा केंद्र पहुंचे, जिसके कारण परीक्षा केंद्र प्रशासन ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया। इस पर न सिर्फ परीक्षार्थी, बल्कि उनके अभिभावक भी परीक्षा केंद्र पर हंगामा करने लगे। उन्होंने सड़क पर बैठकर सरकारी आदेश की अवहेलना की और जबरदस्ती परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने का प्रयास किया। इस अप्रत्याशित व्यवहार के कारण परीक्षा केंद्र पर माहौल तनावपूर्ण हो गया।

बिहारशरीफ पुलिस ने इस घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है।

नालंदा पुलिस ने परीक्षार्थियों से आग्रह किया है कि वे समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचे और शांति और अनुशासन के साथ परीक्षा में भाग लें। साथ ही, अभिभावकों और आम जनता से भी अनुरोध किया गया है कि वे परीक्षा के दौरान कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने में सहयोग करें, ताकि छात्रों को बिना किसी विघ्न के अपनी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का अवसर मिले।

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