संजय कुमार
बिहारशरीफ(अपना नालंदा)। नालंदा जिले के बेन अंतर्गत खैरा पंचायत में वर्षों से चल रही विकास योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद कुमार उर्फ भोली बाबू ने पंचायत में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से अब तक खैरा पंचायत में कई दर्जन वृक्षारोपण योजनाओं पर कार्य हुआ है, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि कई स्थलों पर अब उन वृक्षों का कोई अस्तित्व नहीं है, इसके बावजूद संबंधित विभागों द्वारा नियमित रूप से वन पोषण की राशि का भुगतान जारी है।
अरविंद कुमार ने आरोप लगाया कि पंचायत में मुखिया और प्रखंड प्रमुख के कार्यकाल में सैकड़ों योजनाओं पर कार्य किया गया है, जिनमें से अधिकांश में अनियमितता की आशंका है। उन्होंने कहा कि यदि ईंट सोलिंग, मिट्टी भराई, पैन खुदाई, पीसीसी, आरसीसी, षष्टम वित्त आयोग, चौदहवीं और पंद्रहवीं वित्त आयोग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की निष्पक्ष जांच कराई जाए, तो करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हो सकता है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पंचायत में भ्रष्टाचार की जांच संभव नहीं है, क्योंकि मुखिया और प्रमुख को बिहार सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का संरक्षण प्राप्त है। अरविंद कुमार ने कहा कि इसी राजनीतिक संरक्षण के चलते ना तो मंत्री और ना ही मुख्यमंत्री इस मामले में कोई कार्रवाई कर रहे हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने पंचायत की सभी योजनाओं की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि पंचायत के विकास कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना जरूरी है, ताकि जनता का पैसा सही तरीके से खर्च हो सके।