बिहारशरीफ की बड़ी दरगाह : साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक 

Written by Subhash Rajak

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नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं बिहारशरीफ की बड़ी दरगाह का जो  एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है जो नालंदा जिले के बिहारशरीफ में स्थित है। 

यह दरगाह सूफी संत मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी की मजार है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। तो चलिये लेख को आगे बढ़ाते हैं और आपको एक विस्तृत जानकारी देते हैं |

बड़ी दरगाह का इतिहास

बिहारशरीफ़ में स्थित बड़ी दरगाह का आखिर क्या है इतिहास ? दोस्तों इतिहास की बात की जाए तो इतिहासकारों का कहना है इसकी  स्थापना 14वीं शताब्दी में हुई थी। 

यह दरगाह मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी द्वारा बनाई गई थी, जो एक प्रसिद्ध सूफी संत थे। उनकी धार्मिक शिक्षाओं और चमत्कारों के कारण यह स्थान महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन गया।

बड़ी दरगाह का महत्व

अगर हम बड़ी दरगाह की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व की बात करें तो आपको बता दें यह दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी एक श्रद्धास्थल है। 

यहां पर सभी धर्मों के लोग आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए हमेशा यह चर्चा का विषय बना रहता है 

यदि आप भी कोई अन्य धर्म को मानते हैं तो उससे किसी को कोई आपत्ति नहीं है | आप भी यहाँ आकर अपनी श्रद्धा दिखा सकते हैं |

बड़ी दरगाह क्यों प्रसिद्ध है

यदि आप जानना चाहते हैं की बड़ी दरगाह क्यों फेमस है? तो आपको बता दें यह अपनी धार्मिक महत्ता, सांस्कृतिक धरोहर और सूफी संत मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी की शिक्षाओं के कारण प्रसिद्ध है। 

यहाँ पर मनाए जाने वाले उर्स और मेलों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे यह स्थान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

हिंदू बड़ी दरगाह में प्रवेश कर सकते हैं?

जी हाँ बेझिझक बड़ी दरगाह में सभी धर्मों के लोग प्रवेश कर सकते हैं। यह दरगाह साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है और यहाँ पर किसी भी धर्म या जाति के प्रति कोई भेदभाव नहीं किया जाता। 

चाहे आप हिन्दू हो, सिख हो ईसाई हो या कोई अन्य धर्म को मानने वाले यहाँ आप बिना कोई परेशानी के प्रवेश कर सकते हैं |

बड़ी दरगाह में उर्स उत्सव

यदि आपको सूफी संगीत, कव्वाली का लुफ़्त उठाना हो तो आप उर्स उत्सव पर बिहारशरीफ़ में स्थित इस बड़ी दरगाह में विज़िट कर सकते हैं  

हर साल बड़ी दरगाह में उर्स उत्सव मनाया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। और बड़ी धूम धाम से यह सारा कार्यक्रम चलता है |

बड़ी दरगाह की स्थापत्य कला

बड़ी दरगाह की स्थापत्य कला काफी ज्यादा सुंदर है। यहाँ की इमारतें प्राचीन मुस्लिम स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इसलिए तो यहाँ का मजार और मस्जिद का निर्माण बेहद खूबसूरती से किया गया है।

बड़ी दरगाह के पास के पर्यटक स्थल

बड़ी दरगाह के पास कई अन्य महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी हैं, जैसे नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर और पावापुरी जैन मंदिर। 

इन स्थानों की यात्रा करके आप धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। और यहाँ आप जब विज़िट करेंगे तो आपको एक अलग दुनिया देखने को मिलेगा जो काफी मनोरम, विशेष, सुखद होगा |

बड़ी दरगाह की यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय

बड़ी दरगाह की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय उर्स उत्सव के दौरान होता है, जब यहाँ पर विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। 

अतः जब उर्स उत्सव यहाँ मनाई जाएगी आप विज़िट कर सकते हैं और उत्सव का हिस्सा बन सकते हैं |

निष्कर्ष

बिहारशरीफ की बड़ी दरगाह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता का प्रतीक है। 

यहाँ पर सभी धर्मों के लोग आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं और यह स्थान सूफी संत मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी की शिक्षाओं को जीवित रखता है। 

आशा करते हैं आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा | अतः इस ब्लॉग से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है या हमें कुछ बताना चाहते हैं तो हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते हैं | धन्यवाद

बिहारशरीफ की बड़ी दरगाह कब और किसके द्वारा बनाई गई?

बिहारशरीफ की बड़ी दरगाह 14वीं शताब्दी में सूफी संत मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी द्वारा बनाई गई थी।

बड़ी दरगाह का महत्व क्या है?

बड़ी दरगाह का धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह स्थान सभी धर्मों के लोगों के लिए श्रद्धा का केंद्र है।

बड़ी दरगाह क्यों प्रसिद्ध है?

बड़ी दरगाह अपनी धार्मिक महत्ता, सांस्कृतिक धरोहर और सूफी संत मखदूम शाह शरफुद्दीन याहिया मनेरी की शिक्षाओं के कारण प्रसिद्ध है।

क्या हिंदू बड़ी दरगाह में प्रवेश कर सकते हैं?

हाँ, बड़ी दरगाह में सभी धर्मों के लोग प्रवेश कर सकते हैं। यहाँ पर किसी भी धर्म या जाति के प्रति कोई भेदभाव नहीं किया जाता।

बड़ी दरगाह में कौन-कौन से उत्सव मनाए जाते हैं?

बड़ी दरगाह में प्रमुख रूप से उर्स मनाया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं

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