नमस्कार दोस्तों आप जानेंगे राजगीर मे कितने कुंड हैं? (Rajgir Kund), यह पोस्ट हम खास उन लोगों के लिए लेकर आए है जिन्हे घूमने का बहुत शोक होता है इसमे हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएँगे जो की अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है
तथा ये भी बताएंगे की राजगीर मे कितने कुंड हैं , लोग दूर दूर से इस जगह को देखने के लिए आते है यहाँ आपको प्रकृति के खूबसूरत नजारों को देखने का मौका मिलता है यदि आप भी घूमने का शोक रखते है
तो आपको भी इस जगह अपनी जिंदगी में एक बार Rajgir Kund जरूर जाना चाहिए तो चलिए जानते है इस जगह के बारे में |
विशेषता | जानकारी |
स्थान | राजगीर, नालंदा जिला, बिहार |
कुंडों की संख्या | 22 कुंड और 52 धाराएँ |
कुंडों के नाम | देवी-देवताओं, ऋषि-मुनि, और नदियों के नाम पर |
ब्रह्म कुंड की खासियत | पानी सर्दियों में भी गर्म रहता है, तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक; स्नान से रोगों से मुक्ति मिलती है |
महाभारत काल का संबंध | राजगीर का तापदा इलाका; विभर पहाड़ से उष्ण झरने, जिसमें सबसे गर्म ब्रह्म कुंड है |
गुरु नानक देव जी का जुड़ाव | गुरु नानक देव जी 1506 ईस्वी में राजगीर आए; ब्रह्म कुंड के पास गुरुद्वारा शीतल कुंड उनकी स्मृति में स्थित |
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व | हिंदू, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म के लिए महत्वपूर्ण; धार्मिक स्थलों के साथ-साथ कारोबार का केंद्र |
राजगीर के अन्य टूरिस्ट स्पॉट | जू सफारी, घोड़ा कटोरा झील, स्काई ग्लासवॉक ब्रिज, बाबा सिद्धनाथ मंदिर, शांति स्तूप |
राजगीर, बिहार के नालंदा में स्थित है –
Contents
बिहार का नालंदा जिला धर्म, अध्यात्म और अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए काफी प्रसिद्ध है यहाँ पर हर साल लाखों लोग घूमने के लिए आते है
नालंदा स्थित राजगीर बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म सभी के लिए खास है यहां तीनों धर्मों से जुड़े धार्मिक स्थल मौजूद हैं | हालांकि इन सबसे खास है Rajgir Kund, यदि बात की जाए की राजगीर में कितने कुंड है?
तो आपको बता दे की यहां 22 कुंड और 52 धाराएं हैं इसकी खास बात ये हैं कि सभी के नाम देवी-देवताओं, ऋषि-मुनि और नदियों के नाम पर रखे गए है हालांकि इनमें से कुछ कुंडों का पानी अब सूख गया है |
Rajgir Kund के बारे में मान्यता –
राजगीर घूमने वाले पर्यटक के लिए Rajgir Kund बहुत ही खास है यहाँ के बारे में लोगों की अलग अलग मान्यता है उन्मे से एक ऐसी मान्यता है कि इसका निर्माण भगवान ब्रह्मा ने करवाया था |
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक
बह्मा के मानस पुत्र बसु ने यहां एक यज्ञ करवाया था जिसके दौरान देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में जब दिक्कत होने लगी तब भगवान बह्मा ने कुंड का निर्माण करवाया था |
इस कुंड की खास बात यह है की इस कुंड का पानी सर्दियों के मौसम में भी गर्म रहता है जिसका तापमान करीब 45 डिग्री सेल्सियस तक होता है ऐसा भी माना जाता है यहां डुबकी लगाने से पुरानी बीमारिया भी जड़ से खत्म हो जाती है |
इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि
मलमास के दौरान दुनियां में कहीं भी पुण्य कार्य या कर्म कांड राजगीर के अलावा और कहीं नहीं होता है यही नहीं इस दौरान Rajgir Kund के गर्म जल में स्नान करना धार्मिक रूप से विशेष फलदाई माना जाता है |
इस कुंड के गरम जल की कई खासियत देखने को मिलती है इसका जल पीने और स्नान योग्य तो है ही साथ ही में उदर, वात, त्वचा रोग, विकलांगता, कुष्ट जैसे रोगों से छुटकारा भी दिलाता है|
वायु पुराण में भी लिखा हुआ है कि इस कुंड में स्नान से परम आनंद मिलता है वैसे तो सर्दियों में जल कुंड में स्नान करने वालों की भीड़ ज्यादा होती है लेकिन भीषण गर्मी में भी लोग यहां जमकर स्नान करते हैं।
महाभारत काल से जुड़े है रहस्य –
ऐसा माना जाता है की
महाभारत काल में राजगीर के इस इलाके को तापदा भी कहा जाता था ।
आज भी राजगीर में विभर पहाड़ के निचले हिस्से में पहाड़ों से निकलने वाले कई उष्ण प्रकृति के झरने मौजूद है यहाँ के झरनों में सबसे अधिक गर्म ब्रह्म कुंड है जिसका पानी 45 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहता है
ब्रह्मकुंड में उतरने से पहले उपर कई झरने बने हुए हैं जिनमें शेर की मुखाकृति से पानी गिरता दिखाई देता है ब्ह्म कुंड में स्नान से पहले लोग इसमें स्नान करने जाते हैं इन कुंड का पानी ब्रह्म कुंड के पानी से कम गर्म होता है
गुरु नानक देव जी भी रुके थे इस जगह –
यह जगह सिर्फ हिन्दू और बौद्ध के लिए ही नहीं बल्कि सिक्खों के लिए भी बहुत खास है गुरु नानक देव जी जो की सीखो के पहले गुरु थे
1506 ई में अपने लंबे सफर के दौरान विक्रम संवत में राजगीर आए थे यह भी कहा जाता है कि रजौली से भागलपुर जाने के क्रम में गुरु जी राजगीर में बौद्ध और जैन संतों के साथ
चर्चा के लिए इस इलाके में रुके भी थे और उन्होंने इस कुंड में स्नान भी किया था उनकी याद में ब्रह्म कुंड के पास एक गुरूद्वारा भी बनाया गया है ।
देश भर से सिक्ख श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं राजगीर में गर्म जलकुंड के पास ही गुरुद्वारा शीतल कुंड स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है कि गुरुनानक देव जी ने धरती पर तीर मारकर यहां से पानी की धार निकाली थी।
यहाँ पर बड़ी संख्या में सिक्ख श्रद्धालु भी आते हैं और शीतल कुंड गुरुद्वारा में मत्था टेकते हैं इस तरह से राजगीर का यह इलाका सिखों के पहले गुरु की स्मृतयो से भी जुड़ा हुआ है जिस कारण से राजगीर के इस कुंड का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है
Rajgir Kund कारोबार का है मुख्य केंद्र –
Rajgir Kund कारोबार का भी मुख्य केंद्र माना जाता है क्योंकि यहां आने वाले सैलानियों या यात्रियों के कारण ही यहां के होटल रिक्शा, तांगा, समेत कई धंधों से जुड़े लोगों का कारोबार चलता रहता है ।
इस तरह यह ब्रह्म कुंड ना केवल लोगों की आस्था से जुड़ा है बल्कि उनकी रोजी-रोटी का एक स्रोत भी बना हुआ है
राजगीर के अन्य टूरिस्ट स्पॉट
आपको Rajgir Kund के अलावा भी कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट मिलेंगे जैसे यहा आपको घूमने के लिए जू सफारी, घोड़ा कटोरा झील, स्काई ग्लासवॉक ब्रिज, बाबा सिद्धनाथ मंदिर और शांति स्तूप समेत कई टूरिस्ट स्पॉट मिलते हैं। इन स्थानों पर हमेशा पर्यटकों की भीड़ होती है
Conclusion –
आशा करते है की आप सभी लोगों को हमारा यह आर्टिकल और इसमे दी गई सारी जानकारी पसंद आई होगी यदि आप इसके बारे में हमसे कुछ पूछना चाहते है तो नीचे दिए गए कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकते है
राजगीर में कुल कितने कुंड है?
राजगीर में कुल 22 कुंड और 52 धाराएँ है
Rajgir Kund की क्या खासियत है?
राजगीर के कुंड का पानी सर्दियों में भी गर्म रहता है इसके साथ ही यहा सन्न करने से इंसान कई रोगों से मुक्त हो जाता है
मान्यता के अनुसार Rajgir Kund का निर्माण किसने करवाया था?
मान्यता के अनुसार इस कुंड का निर्माण भगवान ब्रह्म ने करवाया था