बोर्ड-निगम में उपेक्षा को लेकर कुरैशी बिरादरी ने जताया ऐतराज, 2025 के चुनाव में बड़ा फैसला लेने की चेतावनी

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैश (रजिस्टर्ड) के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद मुमताज कुरैशी, डॉ. मोहम्मद अरशद कुरैशी, मुन्ना कुरैशी, मोहम्मद चामू कुरैशी, मोहम्मद इफ्तिखार कुरैशी, मोहम्मद फिरोज कुरैशी सहित अन्य नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर बिहार सरकार द्वारा विभिन्न बोर्ड एवं निगमों के गठन में कुरैशी बिरादरी की अनदेखी पर गहरी नाराजगी जताई।

नेताओं ने कहा कि पूरे देश में ऑल इंडिया स्तर पर सिर्फ दो-तीन पंजीकृत मुस्लिम संगठन सक्रिय हैं, जिनमें ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैश का विशेष स्थान है। इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी सिराजुद्दीन कुरैशी हैं, जिन्हें देश-विदेश में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कुरैशी समाज अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) में आता है, लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस समुदाय को चुनाव में टिकट देने या प्रतिनिधित्व देने की गंभीर पहल नहीं की है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2005 में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे, तब कुरैशी समाज के लोगों ने गांव-गांव जाकर समर्थन जुटाया और चुनाव में एनडीए को मजबूती दी थी। इसके बदले में उस समय मुख्यमंत्री ने समाज के एक नेता को 15 सूत्री अल्पसंख्यक कल्याण समिति का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद दोबारा न तो उन्हें मौका दिया गया और न ही किसी अन्य समिति—सिवाय हज कमेटी—में प्रतिनिधित्व मिला।

कुरैशी नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आगामी दिनों में बन रहे बोर्ड और निगमों में कुरैशी समाज के नेताओं को राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं दी जाती है, तो यह समाज 2025 के विधानसभा चुनाव में कोई ठोस और निर्णायक फैसला लेगा।

उन्होंने बिहार सरकार और एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेताओं से अपील की कि कुरैशी बिरादरी के लोगों को भी उचित प्रतिनिधित्व देते हुए बोर्ड-निगम में स्थान दिया जाए।

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