अपना नालंदा संवाददाता
एकंगरसराय । बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ (गोप गुट) के आह्वान पर नालंदा जिले के सभी राजस्व कर्मचारी अपनी 17 सूत्री मांगों के समर्थन में 7 मई से सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इसके चलते अंचल स्तर पर जमीन से जुड़े विभिन्न कार्य ठप हो गए हैं, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छात्रों के जाति व ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने का कार्य, किसानों के भूमि परिमार्जन संबंधी कार्य, जमीन अतिक्रमण से जुड़े मामलों की सुनवाई, भूमि की मापी तथा दाखिल-खारिज जैसी अहम प्रक्रियाएं बाधित हो गई हैं। अंचल कार्यालयों में भूमि संबंधी कार्यों के निष्पादन में राजस्व कर्मचारियों की भूमिका अहम होती है, जिनके अभाव में ये कार्य रुक गए हैं।
गौरतलब है कि सरकार भी यह मानती है कि बिहार में 70 प्रतिशत गंभीर अपराधों की जड़ भूमि विवाद ही हैं, और जमीन से संबंधित मामलों के समय पर निपटारे में राजस्व कर्मचारियों की भूमिका अहम होती है। यही कारण है कि भूमि से जुड़े मामलों की बड़ी संख्या न्यायालयों में लंबित है।
वर्तमान समय में राज्यभर में जमीन सर्वे का कार्य भी प्रगति पर है, ऐसे में राजस्व कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से इस कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है।