बिल को बताया अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला
अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ देशभर में मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता देखी जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को बिहारशरीफ स्थित पुल पर जामा मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने वक्फ संशोधन बिल को अल्पसंख्यक अधिकारों पर सीधा हमला बताते हुए केंद्र सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
इस अवसर पर मस्जिद के इमाम, मुफ्ती मोहम्मद मुजाहिद कासमी ने खुतबे में कहा कि वक्फ संपत्तियां केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा के लिए उपयोग में आती रही हैं। उन्होंने कहा, “आज वक्फ की जमीनों पर देशभर में अनेक अस्पताल, कॉलेज और विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां केवल मुसलमान ही नहीं, बल्कि अन्य समुदायों के लोग भी शिक्षा प्राप्त करते हैं और इलाज कराते हैं।”
मुफ्ती कासमी ने इस बिल को देश की सांप्रदायिक एकता और सामाजिक समरसता पर आघात करार दिया और कहा कि इसे अविलंब रद्द किया जाना चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने “वक्फ अधिनियम रद्द करो”, “अल्पसंख्यकों के हक पर डाका बंद करो” जैसी तख्तियां और नारेबाजी के माध्यम से विरोध दर्ज कराया। सभी ने मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से केंद्र सरकार से इस विवादित विधेयक को वापस लेने की मांग की।