बाढ़ 2025 से पहले अलर्ट मोड पर नालंदा प्रशासन, डीएम कुंदन कुमार ने की तैयारियों की गहन समीक्षा

Written by Subhash Rajak

Published on:

अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। संभावित बाढ़ आपदा 2025 को लेकर जिला प्रशासन नालंदा पूरी तरह अलर्ट मोड में है। इसी कड़ी में सोमवार को जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन शाखा के तत्वावधान में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी शामिल हुए।

बैठक में डीएम ने बाढ़ नियंत्रण क्षेत्र के कार्यपालक अभियंताओं (बिहारशरीफ, एकंगरसराय, बख्तियारपुर) को निर्देश दिया कि सभी रिंग बांधों की मरम्मत कार्य समय रहते हर हाल में पूर्ण की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि बाढ़ संभावित अति संवेदनशील क्षेत्रों में EC बैग, बालू से भरे बैग, श्रमिक, जनरेटर, वाहन, लाइट, सामुदायिक रसोई, मवेशी चारा, ऊंचे स्थल चिन्हित करने आदि की पूर्व से व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही बाढ़ पूर्व ही सभी आवश्यक संसाधनों को स्टॉक कर लिया जाए।

सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्र के अति संवेदनशील प्रखंड, पंचायत, गांव और टोले को चिन्हित कर, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ पूर्व तैयारी सुनिश्चित करें।

नालंदा जिले के 20 प्रखंडों के अंतर्गत आने वाले कई गांव और पंचायतों को बाढ़ अति संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। इनमें अस्थावां, बिंद, सरमेरा, रहुई, हिलसा, एकंगरसराय, करायपरसुराय, बिहारशरीफ, नूरसराय, हरनौत, परवलपुर, थरथरी, चंडी, नगरनौसा, वेन आदि प्रमुख हैं। इन क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली नदियों में जीराइन, सकरी, सोईयवा, कुम्हरी, पंचाने, पैमार, लोकाईन, नोनिया, भूतही, डोर, मुहाने, चिरैया, नोनाईन, सुंड, सांसी, आदि शामिल हैं।

वर्ष 2014: कुल 17 अंचलों के 149 पंचायतों में 670 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे। इस दौरान ₹34.97 करोड़ की राहत राशि वितरित की गई थी।

वर्ष 2021: 11 अंचलों के 75 पंचायतों में 7452 परिवार प्रभावित हुए, जिन्हें ₹4.47 करोड़ की राहत राशि प्रदान की गई।

वर्ष 2024: लोकाईन, मुहाने और धनायन नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसमें व्यापक राहत कार्य किए गए।

अपर समाहर्ता (आपदा) ने बताया कि सभी अंचलों में पंचायत स्तर पर राहत एवं बचाव दल गठित किए गए हैं, जिसमें राजस्व कर्मचारी, पंचायत सेवक, टोला सेवक, आवास सहायक, विकास मित्र आदि को शामिल किया गया है। समय-समय पर एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीम द्वारा स्कूलों और पंचायतों में मॉकड्रिल आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा।

आपदा पोर्टल फिलहाल बंद है, लेकिन पुनः खुलते ही चिन्हित परिवारों का सत्यापन एवं आधार सीडिंग कार्य पुनः प्रारंभ किया जाएगा।
ग्रामीण कार्य विभाग के माध्यम से बाढ़ से पूर्व सभी सड़कों पर स्थित पुल एवं पुलियों की सफाई का कार्य प्रगति पर है। संवेदकों को आवश्यक यंत्र-सामग्री जैसे जेसीबी, ट्रैक्टर, खाली बैग, बांस-बल्ला, बालू आदि की तैयारी रखने को कहा गया है।

कृषि विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग ने चारे की दरों का निर्धारण कर 21 स्थानों पर पशु पेयजल की व्यवस्था की है।
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुल 19 प्रकार की आवश्यक मानव दवाएं जिला स्वास्थ्य भंडार में उपलब्ध कराई गई हैं। बाढ़ की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु बनाए रखने हेतु तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
डीएम कुंदन कुमार ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ से पहले समुचित तैयारी सुनिश्चित करें, ताकि आपदा की स्थिति में जनधन की क्षति न्यूनतम हो। उन्होंने कहा—
“आपदा नहीं हो भारी, यदि पूरी हो तैयारी।”

इस बैठक में अपर समाहर्ता (आपदा), सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, पशुपालन पदाधिकारी समेत सभी प्रखंड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Comment