अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। बकरीद (ईद-उल-अजहा) के मौके पर अंजुमन मुफीद उल इस्लाम, नालंदा की एक अहम बैठक जनाब मुजाहीरूल हक की सदारत में सम्पन्न हुई। बैठक में सभी मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद दी गई और कुर्बानी से जुड़े सामाजिक और धार्मिक दायित्वों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर अंजुमन के उपाध्यक्ष मीर अरशद हुसैन ने कहा कि “कुर्बानी अल्लाह की रज़ा पाने का ज़रिया है, इसे दिखावे का माध्यम न बनाएं।” उन्होंने अपील की कि कुर्बानी के फोटो या वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर साझा न किए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि जानवरों के खून को नालियों में बहाने की बजाय एकत्र कर गड्ढे में दबा देना चाहिए। साथ ही हड्डियों और अन्य अवशेषों को नगर निगम द्वारा बनाए गए विशेष गड्ढों में डालकर मिट्टी से ढक देना चाहिए, ताकि आवारा कुत्ते उन्हें इधर-उधर न फैलाएं।
मीर अरशद हुसैन ने तबर्रुक (पवित्र भोजन) को कपड़े से ढककर ले जाने और कुर्बानी को सार्वजनिक स्थलों पर न करने की भी सलाह दी।
बैठक में अंजुमन के सचिव मोहम्मद अकबर आज़ाद, मोहम्मद असफहान अहमद, मोहम्मद शकील देशनवी, सरपरस्त मोहम्मद अमीन अहमद खान, मोहम्मद वहाब शाह जाफरी समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।