गौरी कुंड, भगवान शिव के त्रिशूल से बना माँ पार्वती के लिए स्नान कुंड !

Written by Subhash Rajak

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नमस्कार दोस्तों ! आज इस लेख के माध्यम से चर्चा करने जा रहे हैं राजगीर में स्थित गौरी कुंड के बारे में जो एक धार्मिक, सांस्कृतिक और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है |

यह कुंड मुख्य रूप से हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है | तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हुए गौरी कुंड के बारे में आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करते है |

गौरी कुंड का इतिहास 

गौरी कुंड बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित है | राजगीर के वैभव पहाड़ी के तल पर स्थित यह कुंड एक पवित्र और महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है | ऐसी मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां माता पार्वती ( जिन्हे माता गौरी भी कहा जाता है ) स्नान किया करती थी |

पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती के स्वामी यानि भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से माता पार्वती के लिए यह पानी का कुंड बनाया था जिसे हम गौरी कुंड कहते है |

गौरी कुंड का धार्मिक महत्व 

गौरी कुंड हिन्दू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है | श्रद्धालु यहाँ इस कुंड में स्नान करते है और ऐसा कहा जाता है इस पवित्र कुंड में नहाने से सारे पाप धूल जाते है और अंतरात्मा पवित्र हो जाती है |

यह कुंड राजगीर के 22 कुंड में से एक है | भक्त यहाँ अपनी श्रद्धा को समर्पित करते है और माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करते है |

प्राकृतिक सौन्दर्य और शांत वातावरण 

जहां तक प्राकृतिक सौन्दर्य और शांत वातावरण की बात करें तो आपको पट चल गया है की यह कुंड वैभव पहाड़ी के तल पर स्थित है इसलिए इस कुंड का वातावरण काफी सुन्दर और मंत्रमुग्ध कर देने वाला है |

यह कुंड हरी भरी हरियाली और पहाड़ियों से घिरा हुआ है | शांत वातावरण और प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर यह कुंड श्रद्धालुवों के मन को शांति प्रदान करता है |

माता गौरी को समर्पित मंदिर 

गौरी कुंड के समीप माता गौरी का एक मंदिर स्थापित है जहां भक्त जन माता गौरी की पूजा अर्चना करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है |

मंदिर की वास्तुकला काफी ज्यादा सुन्दर है | मंदिर को अत्यंत खूबसूरती से सजाया गया है और उत्सवों के अवसर पर यहाँ श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ होती है |

गौरी कुंड की यात्रा का सर्वोत्तम समय 

गौरी कुंड की यात्रा के लिए आप किसी भी समय जा सकते है लेकिन हमारे अनुसार ऑक्टोबर से मार्च महीनों के बीच यात्रा करना आप सभी के लिए सर्वोत्तम समय होगा खास आप विशेष अवसरों में यहाँ आ कर इस कुंड में अपनी श्रद्धा को अर्पित कर सकते है |

विषयविवरण
स्थितिबिहार राज्य, राजगीर शहर, वैभव पहाड़ी के तल पर स्थित।
पौराणिक महत्वभगवान शिव ने त्रिशूल से माता पार्वती के लिए कुंड बनाया।
धार्मिक महत्वकुंड में स्नान से पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि होती है।
प्राकृतिक सौंदर्यहरी-भरी हरियाली और पहाड़ियों से घिरा शांत वातावरण।
मंदिरमाता गौरी को समर्पित मंदिर, भव्य वास्तुकला और उत्सवों पर भारी भीड़।
यात्रा का सर्वोत्तम समयअक्टूबर से मार्च के बीच।
कैसे पहुंचे?हवाई मार्ग: पटना (जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा)
रेल मार्ग: राजगीर रेलवे स्टेशन
सड़क मार्ग: राजगीर बस स्टेशन
राजगीर के कुंडराजगीर में कुल 22 कुंड स्थित हैं, जिनमें गौरी कुंड प्रमुख है।
गौरी कुंड का एक शॉर्ट overview चार्ट |

कैसे पहुंचे गौरी कुंड?

गौरी कुंड बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित है | आप यहाँ तक आने के लिए हवाई, सड़क या ट्रेन मार्ग का चयन कर सकते है |

निष्कर्ष 

आज आपने इस ब्लॉग के माध्यम से गौरी कुंड के बारे में जाना | गौरी कुंड हिन्दू भक्तों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है | इस कुंड के पानी को अत्यंत पवित्र माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस कुंड में डुबकी लगाने से सारे पापों का नाश हो जाता है | 

आशा करता हूँ की आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा अतः आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न हो या आप हमें कुछ बताना चाहते हो तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

1. गौरी कुंड कहाँ स्थित है ?

उत्तर- गौरी कुंड बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित है |

2. क्या माता पार्वती का ही दूसरा नाम गौरी है?

उत्तर – हाँ, माता पार्वती का ही दूसरा नाम गौरी है |

3. राजगीर में कितने कुंड स्थित है ?

उत्तर- राजगीर में कुल 22 कुंड स्थित है |

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