हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)।ग्रामीण युवाओं को खेलकूद के बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने हरनौत प्रखंड के सभी पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत खेल मैदान निर्माण का निर्णय लिया है। अब तक प्रखंड की 7 पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि 9 पंचायतों में भूमि की अनुपलब्धता के कारण कार्य शुरू ही नहीं हो सका है।
इस देरी से न केवल योजना की गति प्रभावित हो रही है, बल्कि अधिकारियों की उदासीनता भी सामने आ रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार खेल मैदान निर्माण की समय-सीमा निर्धारित की गई है और इसे लेकर जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी जैसे डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी) और बीपीओ (प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी) कार्य में जुटे हैं।
मनरेगा बीपीओ राजीव कुमार रंजन ने बताया कि प्रत्येक पंचायत में खेल मैदान निर्माण हेतु अधिकतम 10 लाख रुपये खर्च किये जा सकते हैं। भूमि की उपलब्धता के अनुसार तीन श्रेणियों में मैदान बनाए जा रहे हैं — छोटे मैदान के लिए 1 एकड़, मध्यम के लिए 1 से 1.5 एकड़ तथा बड़े मैदान के लिए 1.5 से 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है।
इन पंचायतों में बनकर तैयार हुए खेल मैदान
लोहरा (लोहरा), बसनियावां (नर्चवार), नेहुसा (दैली), तेलमर (तेलमर), कोलावां (अमरपुरी), बराह (कल्याण विगहा) और चौरिया पंचायत (गोखुलपुर) में खेल मैदान बनकर तैयार हो चुके हैं। शेष पंचायतों में भूमि चयन न होने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
खेल सुविधाएं और भविष्य की योजना
प्रत्येक खेल मैदान में कम से कम चार खेलों — बास्केटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल और रनिंग ट्रैक — की व्यवस्था की जाएगी। यदि भूमि अधिक उपलब्ध होती है तो फुटबॉल, क्रिकेट और कबड्डी जैसे अन्य खेलों की भी व्यवस्था की जाएगी।
जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
गोनावां पंचायत के मुखिया अमरेश उपाध्याय ने बताया कि पहले ग्रामीण युवा खेत-खलिहानों में खेलते थे, लेकिन अब उन्हें शहर जैसी खेल सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए कैरियर के अच्छे अवसर हैं।
मनरेगा बीपीओ ने कहा कि खेल मैदान निर्माण में पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों के सहयोग की आवश्यकता है और इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास जारी हैं।