विजय प्रकाश उर्फ पिन्नु
नूरसराय(अपना नालंदा)।जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), नूरसराय एक गंभीर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर चर्चा में है। संस्थान के संगीत एवं कला विषय के व्याख्याता डॉ. राहुल कुमार पर दैनिक वेतन पर कार्यरत पुरुष कर्मियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। डॉ. राहुल कुमार वर्तमान में पुरुष छात्रावास के वार्डेन भी थे।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अत्यंत पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण पंडित ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉ. राहुल कुमार कई वर्षों से छात्राओं और संस्थान में कार्यरत पुरुष कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न व मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर कृत्य कर रहे हैं। आरोप है कि वे अपने पद और प्रभाव का उपयोग कर देर रात छात्रावास में पहुंचकर अनुचित हरकतें करते थे, जो यौन शोषण की श्रेणी में आती हैं।
डॉ. राहुल कुमार के खिलाफ मेस कर्मी, सुरक्षा गार्ड समेत अन्य कर्मियों ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने संस्थान की प्रभारी प्राचार्य डॉ. फरहत जहां पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने इस मामले को दबाने की कोशिश की।
प्रभारी प्राचार्य का बयान:
डॉ. फरहत जहां ने बताया कि 21 मई को उन्हें मामले की जानकारी मिली, जिसके बाद तत्काल सात सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया और डॉ. राहुल से स्पष्टीकरण मांगा गया। जांच में डॉ. राहुल दोषी पाए गए, जिसके बाद 26 मई को उनसे छात्रावास वार्डेन का प्रभार हटा लिया गया।
इसकी सूचना तथा जांच रिपोर्ट 3 जून को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), पटना को भेज दी गई। एससीईआरटी के निदेशक ने 9 जून को एक तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया, जिसमें संयुक्त निदेशक (प्रशासन) सुषमा कुमारी को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि डॉ. स्नेहाशीष दास और नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को सदस्य नियुक्त किया गया है। समिति को तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।