हिलसा में भाकपा माले और किसान महासभा का प्रदर्शन, बाढ़-सुखाड़ से स्थायी समाधान और फसल मुआवजा की मांग

Written by Subhash Rajak

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अपना नालंदा संवाददाता
हिलसा । बाढ़-सुखाड़ का स्थायी समाधान, बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता राशि, किसानों की फसल क्षति का मुआवजा एवं अनुमंडल क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर रोक लगाने की मांग को लेकर 26 जून को भाकपा माले और किसान महासभा के संयुक्त नेतृत्व में हिलसा अनुमंडल मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।

इस प्रदर्शन का नेतृत्व भाकपा माले प्रखंड सचिव अरुण यादव और किसान महासभा प्रखंड सचिव दिनेश कुमार यादव ने संयुक्त रूप से किया। काली स्थान से शुरू हुआ यह प्रदर्शन वरुण तल, सिनेमा मोड़, जोगीपुर मोड़ होते हुए अनुमंडल मुख्यालय पहुंचा, जहां यह प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गया। प्रदर्शन में सैकड़ों किसान और मजदूर शामिल हुए।

धरना की अध्यक्षता भाकपा माले के कराय सचिव रविंद्र पासवान ने की तथा संचालन शिवशंकर प्रसाद ने किया।

सभा को संबोधित करते हुए अरुण यादव ने कहा कि लोकाइन नदी में आई बाढ़ कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सरकार और प्रशासन की आपराधिक लापरवाही का नतीजा है, जिसका खामियाजा मजदूर और किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को तत्काल एक-एक क्विंटल चावल, गेहूं एवं ₹5000 की सहायता राशि देने की मांग रखी।

अरुण यादव ने अनुमंडल क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अपराधों की कड़ी आलोचना करते हुए अपराध पर तुरंत रोक लगाने और अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।

किसान महासभा के प्रखंड सचिव दिनेश कुमार यादव ने कहा कि अखिल भारतीय किसान महासभा लंबे समय से बाढ़ और सुखाड़ के स्थायी समाधान के लिए मुहाने नदी के मुंह की खुदाई की मांग कर रही है, लेकिन सरकार मजदूरों और किसानों की आवाज को लगातार अनदेखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अरबों रुपये खर्च कर मुहाने नदी की उड़ाही कर दी गई, लेकिन सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर नदी का मुंह बंद कर छोड़ दिया गया, जो प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है।

दिनेश यादव ने कहा कि यदि मुहाने नदी का मुंह खोला जाए और फल्गु बराज से जल का समानांतर वितरण किया जाए तो हिलसा के पूर्वी भाग में सिंचाई और पश्चिमी भाग में बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान संभव है। उन्होंने बाढ़ और सुखाड़ के स्थायी समाधान के साथ-साथ बाढ़ पीड़ित किसानों को ₹25,000 प्रति एकड़ मुआवजा देने की भी मांग की।

प्रतिनिधिमंडल जब अपनी मांगों को लेकर हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी से मिलने गया तो एसडीओ प्रतिनिधियों से मिलने के बजाय कार्यालय छोड़कर चले गए। इस व्यवहार को प्रदर्शनकारियों ने तानाशाही करार दिया और चेतावनी दी कि यदि किसानों और मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आगे और बड़े आंदोलन किए जाएंगे।

प्रदर्शन को किसान महासभा अध्यक्ष मुनीलाल यादव, रामदास अकेला, इंकलाबी नौजवान सभा सचिव ब्रह्मदेव प्रसाद, अध्यक्ष संजय पासवान, चुन्नू चंद्रवंशी, क्रांति प्रकाश, किसान नेता कामेश्वर प्रसाद, विजय यादव, उमेश जमादार, जयप्रकाश पासवान, शंकर प्रसाद, दिनेश पासवान आदि ने भी संबोधित किया।

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