अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के बैनर तले संस्कार सेवा मैरिज हॉल में फुटपाथ दुकानदारों की दशा और दिशा पर एक दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं मंच के राज्य समन्वयक डॉ. अमित कुमार पासवान ने किया।
उद्घाटन संबोधन में डॉ. पासवान ने कहा कि पथ विक्रेता अधिनियम 2014 को लागू हुए लगभग 10 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज भी राज्य के फुटपाथ दुकानदार इस कानून के लाभ से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि राजगीर, नालंदा, गिरियक और पावापुरी जैसे स्थान अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल हैं, जहां प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इसके बावजूद बिहार सरकार द्वारा पथ विक्रेताओं को रोजगारपरक बनाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
डॉ. पासवान ने पटना के कदमकुआं में वेंडिंग जोन का सफल संचालन करते हुए पथ विक्रेताओं को पुनर्वासित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी। उन्होंने मांग की कि राजगीर में भी इस प्रकार का वेंडिंग जोन बनाया जाए, जिससे पर्यटकों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो सकें।
संगठन की मजबूती पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में हमने कई आंधियों और तूफानों का सामना किया है। आज संगठन को कमजोर करने के लिए कुछ बिचौलियों द्वारा साजिशें रची जा रही हैं, लेकिन उनके मंसूबों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा।
शिविर के दौरान सभी दुकानदारों की सहमति से एक नई 21 सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया गया। इसमें रमेश कुमार पान को अध्यक्ष, बिरजू राजवंशी को कार्यकारी अध्यक्ष, तथा सरोज देवी, मंजू देवी, मदन बनारसी, भूषण राजवंशी, रेखा देवी, शंकर कुमार, सुरेंद्र चौधरी, पिंटू कुमार और मुन्ना कुमार सहित अन्य को सदस्य मनोनीत किया गया।
कमेटी ने आगामी 19 मई को नगर पंचायत का घेराव करने का निर्णय लिया है। उनकी प्रमुख मांगों में वेंडिंग जोन का निर्माण, पहचान पत्र का निर्गमन आदि शामिल हैं। साथ ही 2 जून को कमेटी के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी तय की गई है।