रुक्मिणी स्थान या भगवान बुद्ध ? जानें इतिहास, आखिर क्या है खास ! 

Written by Sanjay Kumar

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नमस्कार दोस्तों ! आज हम बात करने जा रहे है रुक्मिणी स्थान के बारे में जो बिहार राज्य के नालंदा जिले के जगदीशपुर गाँव में स्थित है | स्थानीय लोगों की माने तो इस स्थान को भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मिणी के मिलन के स्थान के नाम से जाना जाता है

इसलिए कहा जाता है यदि प्रेम को सफल करना है तो यहाँ आ के भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मिणी की पूजा करनी चाहिए |लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यह पता चलता है कि यह स्थान पूर्ण रूप से बौद्ध स्थल है ।

तो चलिए इस लेख को आगे बढ़ाते हैं और आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं ताकि पता चले की यह रुक्मिणी स्थान है या भगवान बुद्ध का स्थान |

रुक्मिणी स्थान का इतिहास

स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान का नाम रुक्मिणी स्थान इसलिए पड़ा क्योंकी यहीं भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मिणी का मिलन हुआ था |

साथ ही यह स्थल बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है क्योंकि यह स्थान पूर्ण रूप से बौद्ध स्थल है ।यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है जहां दुनिया भर से बौद्ध धर्म के साथ साथ अन्य धर्मों के लोग भी भगवान बुद्ध के दर्शन करने आते है।

जगदीशपुर गाँव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को क्या मिला ?

दोस्तों आपको बता दें की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा जगदीशपुर गाँव में खुदाई किया गया जहां कई प्रकार की मूर्तियाँ मिली जो वैदिक काल को दर्शाती है |

स्थानीय लोगों के अनुसार रुक्मिणी स्थान का महत्व 

रुक्मिणी स्थान सामाजिक और धार्मिक महत्व रखता है | रुक्मिणी स्थान बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है ।स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान को प्रेम का स्थल भी कहा जाता है |

इस क्षेत्र में कोई भी शुभ कार्य होने से पहले इस मंदिर में पूजा की जाती है उसके बाद ही विवाह या अन्य शुभ कार्य को किया जाता है | यहाँ मुख्य रूप से बुँदिया का भोग लगाया जाता है | खास तोर पर जब बड़गाँव में छठ महापर्व मनाया जाता है तब यहाँ विशेष भीड़ होती है |

रुक्मिणी स्थान को बोद्ध धर्म से क्यों जोड़ा जाता है ?

रुक्मिणी स्थान को बोद्ध धर्म से जोड़ा जाता है क्योंकि जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग इस जगह का खुदाई किये थे तब यहाँ भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं निकली थी और उनकी प्रतिमा आज भी वहाँ विराजमान है | इसलिए नालंदा के जगदीशपुर में रुक्मिणी स्थान को बोद्ध धर्म से भी जोड़ कर देखा जाता है |

रुक्मिणी स्थान कैसे पहुँचे?

रुक्मिणी स्थान, बिहार राज्य के नालंदा जिले के जगदीशपुर गाँव में स्थित हैं और इस मंदिर तक पहुँचने से पहले आपको नालंदा आना होगा जिसके लिए आप हवाई मार्ग , ट्रेन या सड़क मार्ग का चयन कर सकते हैं | 

नालंदा पहुँचने के बाद आप टैक्सी या बस के माध्यम से जगदीशपुर गाँव तक पहुँच सकते हैं |

निष्कर्ष 

रुक्मिणी स्थान धार्मिक महत्व के साथ साथ सामाजिक महत्व भी रखता है | इस स्थान को प्रेम का प्रतीक माना जाता है |अतः आपको भी यहाँ जरूर आना चाहिए |

आशा करते है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न या आप हमे कुछ बताना चाहते है तो आप हमारे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जुड़ सकते है |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

माता रुक्मिणी कौन है?

माता रुक्मिणी भगवान श्री कृष्ण की पत्नी है |

रुक्मिणी स्थान कहाँ स्थित है?

रुक्मिणी स्थान नालंदा जिले के जगदीशपुर गाँव में स्थित है|

क्या रुक्मिणी स्थान में भगवान बुद्ध की भी प्रतिमा है ?

हाँ , रुक्मिणी स्थान में भगवान बुद्ध की भी प्रतिमा स्थापित है |

 इस स्थान को रुक्मिणी स्थान क्यों कहा जाता है ?

इस स्थान को रुकीमिनी स्थान इसलिए कहा जाता है क्योंकी यही भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मिणी का मिलन हुआ था | 

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