मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल): सहायता का संपूर्ण मार्गदर्शन !

Written by Sanjay Kumar

Published on:

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) की जो बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है |

जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। बिहार में दिव्यांगों की संख्या बड़ी है, और इस योजना के तहत उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।

सरकार ने इस योजना के माध्यम से उन्हें विभिन्न प्रकार की सहायता और सुविधाएँ प्रदान करने का लक्ष्य रखा है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

तो चलिये लेख को आगे बढ़ाते हैं और मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) की एक विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं |

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के प्रमुख बिंदु:

Contents

  • शारीरिक सहायता: कृत्रिम अंग और उपकरणों की आपूर्ति
  • आर्थिक सहायता: स्वरोजगार ऋण और वित्तीय अनुदान
  • शैक्षणिक सहायता: विशेष विद्यालयों में छात्रवृत्ति
  • सामाजिक सुरक्षा: आश्रय गृहों की सुविधा

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के लाभ:

आपको बता दें की मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के तहत कई सारे लाभ मिलते हैं जैसे- 

1. स्वरोजगार के लिए ऋण:

दिव्यांगजनों को इस योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकें। यह ऋण विशेष रूप से उन दिव्यांगजनों के लिए होता है जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं।

2. शिक्षा

दिव्यांग बच्चों के लिए राज्य सरकार विशेष विद्यालयों में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करती है। इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य उनकी शैक्षणिक प्रगति सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें अपने शारीरिक अवरोध के कारण कोई शैक्षिक असुविधा न हो।

3. कृत्रिम अंग और उपकरण:

दिव्यांग व्यक्तियों को जीवन में स्वतंत्रता और सुविधा देने के लिए कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण भी इस योजना के तहत वितरित किए जाते हैं। 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलता है।

4. आश्रय गृह (आशियाना):

जिन दिव्यांगजनों के पास रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं होती है, उनके लिए आश्रय गृह की व्यवस्था इस योजना के तहत की गई है। इस सुविधा के अंतर्गत उन्हें एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलता है।


दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना के लिए पात्रता:

1. स्वरोजगार ऋण के लिए पात्रता:

  • आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक को प्रमाणित दिव्यांग होना चाहिए।

2. कृत्रिम अंग और उपकरण प्राप्त करने की पात्रता:

  • न्यूनतम आयु 5 वर्ष होनी चाहिए।
  • लाभार्थी को चिकित्सकीय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा।

3. आश्रय गृह के लिए पात्रता:

  • लाभार्थी की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • आवास की असुरक्षा का सामना करने वाले दिव्यांगजन इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना की आवेदन प्रक्रिया:

1. ऑनलाइन पंजीकरण:

आवेदक को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद, लॉगिन क्रेडेंशियल का उपयोग करके फॉर्म भरना होता है।

2. दस्तावेजों की आवश्यकता:

आवेदन के समय निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • स्थायी पते का प्रमाण
  • दो पासपोर्ट आकार के फोटो
  • बैंक खाते का प्रमाण
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • गरीबी रेखा से नीचे का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

3. फॉर्म जमा करें:

सभी दस्तावेज अपलोड करने और विवरण भरने के बाद आवेदक को फॉर्म को अंतिम रूप से ऑनलाइन जमा करना होगा।


वित्तीय सहायता और दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना का कार्यान्वयन:

इस योजना को लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय न्यास योजनाओं में भी सहभागिता सुनिश्चित करती है। इसके अतिरिक्त, दिव्यांग व्यक्तियों को विशेष अनुदान भी प्रदान किया जाता है जो उनकी आर्थिक सहायता में मददगार साबित होता है।

विशेषताविवरण
योजना का नाममुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल)
उद्देश्यदिव्यांगजनों को शारीरिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण
स्वरोजगार ऋण2 लाख रुपये तक
छात्रवृत्तिविशेष विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए
कृत्रिम अंग और उपकरण5 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए
आश्रय गृहदिव्यांगजनों के लिए सुरक्षित रहने की व्यवस्था
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन पंजीकरण, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना
पात्रता18-60 वर्ष (स्वरोजगार ऋण), 5 वर्ष से अधिक (कृत्रिम अंग)
मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) चार्ट |

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना (संबल) बिहार सरकार की एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज में समान अधिकार दिलाना है।

इस योजना के माध्यम से दिव्यांगजन आर्थिक, शैक्षणिक और शारीरिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है और उनके जीवन स्तर में सुधार करती है।

राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम से दिव्यांगजन अपनी समस्याओं को हल कर एक गरिमापूर्ण जीवन जी सकते हैं। आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा अतः लेख से बने रहने के लिए आपका सहृदय धन्यवाद |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना क्या है?

यह बिहार सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य दिव्यांगों को शारीरिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

योजना के तहत क्या लाभ प्रदान किये जाते हैं?

योजना में स्वरोजगार ऋण, छात्रवृत्ति, कृत्रिम अंग, उपकरण, और आश्रय गृह की सुविधा शामिल है।

योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

आवेदक को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

पात्रता का क्या अर्थ है?

स्वरोजगार ऋण के लिए 18 से 60 वर्ष की आयु और कृत्रिम अंग और उपकरणों के लिए 5 वर्ष की आयु से अधिक होनी चाहिए।

विद्यार्थियों के लिए क्या सुविधा है?

दिव्यांग बच्चों को विशेष विद्यालयों में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

Leave a Comment