रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि  | Chariot Wheel Mark and Shell Characters 

Written by Subhash Rajak

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नमस्कार दोस्तों ! आज एक ऐसे स्थल के बारे में जानेंगे जो महाभारत कालीन से जुड़ा है | यह स्थल बिहार राज्य के नालंदा जिले में राजगीर शहर में स्थित एक एतिहासिक आकर्षण  का केंद्र है जो छोटा है लेकिन काफी रोमांचक है और यह स्थल महाभारत के काल से जुड़ा हुआ है।

इस एतिहासिक स्थल का नाम है रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि । यह स्थान main road के ठीक बगल में है, लेकिन पेड़ों के कारण इसका दृश्य अवरुद्ध होने के कारण इसे मुख्य सड़क से सीधे नहीं देखा जा सकता है। यह एक छोटी सी जगह है लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थान का सीधा संबंध महाभारत काल से है। 

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का इतिहास | History of Chariot Wheel Mark and Shell Characters 

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आपके मन में जरूर ये बात आ रही होंगी कि आखिर ये रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का निर्माण कैसे हुआ?? आखिर महाभारत के साथ इसका क्या संबंध हो सकता है | तो चलिए आपको इसके बारे में बताते है ,

किंवदंती के अनुसार और जो स्थानीय लोगों मानना है, इन रथ पटरियों का निर्माण भगवान श्री कृष्ण द्वारा चलाए गए रथ द्वारा किया गया था। भीम और जरासंध के बीच जो युद्ध अट्ठाईस दिनों तक चला जिस वजह से भगवान श्री कृष्ण भीम की मदद करने आए थे और यह देखकर जरासंध ने उदयगिरि पहाड़ी पर पत्थरों और शिलाओं की वर्षा कर दी।

गिरती चट्टानों से बचने के लिए श्री कृष्ण को जल्दी से पीछे लौटना पड़ा और जबरदस्त गति से पीछे हटना पड़ा और इस अचानक हलचल के कारण रथ के पहिए चट्टान में गहराई तक धंस गए और ये निशान बन गए।

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि से जुड़ी अन्य जानकारी | Other information related to Chariot Wheel Mark and Shell Characters 

रथ के पहिए के निशानों की कुल लंबाई लगभग तीस से चालीस मीटर होंगी और वे एक ट्रैक के केंद्र से दूसरे ट्रैक के केंद्र तक लगभग पांच फीट की दूरी पर हैं।

रथ के पहिए के निशानों के अलावा, आप यहां चट्टान पर शैल अक्षर या शंखलिपि भी देख सकते  है। इसी तरह के शिलालेख राजगीर शहर के अन्य स्थलों पर भी पाए गए है और यहां मौजूद इन शिलालेखों को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार यह रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि क्या है? | What are the Chariot Wheel Mark and Shell Characters according to the Archaeological Survey of India? 

हालाँकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस एतिहासिक स्थल को पौराणिक कथाओं से नहीं जोड़ता है और इसके बजाय इनका उल्लेख “cart ruts” के रूप में करता है, जो चट्टान की गहराई में खुदी हुई पटरियाँ हैं। ऐतिहासिक रूप से दुनिया भर में कई ऐसी जगहें हैं जहां ये cart ruts देखे जा सकते हैं ।

ये आम तौर पर वैज्ञानिकों के लिए एक घेरा बनाते है जहां ऊपरी मिट्टी उन पर पहियों की निरंतर गति से नष्ट हो जाती है और एक समय में अपनी ऊपरी परत को खो देती है और नीचे की चट्टान उजागर हो जाती है और जिन स्थानों पर चट्टानें इतनी मजबूत नहीं होतीं, वे अक्सर अपनी ऊपरी परत खो देती हैं, जिस वजह से ये निशान बन जाते हैं।

वर्षों से गाड़ियों के निरंतर प्रवाह के कारण ये गहरे हो जाते हैं और दूसरी ओर, गाड़ी चालक के लिए आसान नेविगेशन और सुचारू आवाजाही के लिए पथ का अनुसरण करना आसान हो जाता है जिससे इन निशानों की गहराई बढ़ जाती है।

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि कैसे पहुँचे? | How to reach Chariot Wheel Mark and Shell Characters ?

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि बिहार राज्य के राजगीर शहर में स्थित है | आप यहाँ तक आने के लिए हवाई, सड़क या ट्रेन मार्ग का चयन कर सकते है | राजगीर आने के पश्चात आप e – rickshaw के द्वारा यहाँ आते है तो आपको इस स्थान पर रुक कर इस स्थान का भ्रमण करना होगा क्योंकि यहाँ कोई entry gate और entry fee नहीं है|

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि टिकट प्राइस | Ticket price of Chariot Wheel Mark and Shell Characters 

आप सभी को बता दे कि रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का भ्रमण करने के लिए कोई टिकट नहीं लगती यह पूर्ण रूप से निः शुल्क है मगर हाँ आप जब यहाँ आएंगे चाहे आप स्वयं के वहाँ से आए यह अन्य वाहनों के द्वारा यहाँ विज़िट करने आएंगे तो आपको यहाँ रुक कर इस जगह को घूमना होगा | 

निष्कर्ष | Conclusion

रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि के बारे में इतना कुछ जानने के पश्चात हम इस निष्कर्ष तक पहुँचते की यह स्थल हमारे भारत के इतिहास को प्रदर्शित करता है और हमे अपने अतीत के साथ जोड़ता है और यह स्थल वैज्ञानिक तोर पर भी कई चीजों को समेटता है | इस प्रकार हर बाते और हर मान्यताएं एक दूसरे से जुड़ी हुई है |

इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद |

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? | Frequently asked questions

1. राजगीर कहाँ स्थित है?

उत्तर- राजगीर बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है |

2. रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का इतिहास किससे जुड़ा है ?

उत्तर – रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है |

3. भीम और जरासंध की युद्ध में भीम की मदद करने कौन आए थे?

उत्तर-  भीम और जरासंध की युद्ध में भीम की मदद करने भगवान श्री कृष्ण आए थे |

4.  रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि की टिकट प्राइस क्या है ?

उत्तर-  रथ चक्र चिन्ह एवं शंख लिपि का भ्रमण करने के लिए कोई टिकट नहीं लगती | यह बिल्कुल निः शुल्क है |

5. क्या राजगीर बोद्ध स्थलों के लिए फेमस है ?

उत्तर- हाँ, राजगीर बोद्ध स्थलों के लिए फेमस है |

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