ग्रिधकूट पर्वत: राजगीर की पवित्रता और प्राकृतिक सुंदरता का संगम

Written by Subhash Rajak

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राजगीर, नालंदा जिले का एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है तथा अपनी सुंदरता और मनोरम दृश्य के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ का सबसे प्रमुख आकर्षण केंद्र है ग्रिधकूट पर्वत, जिसे गिद्धकूट पर्वत भी कहा जाता है। 

यह पर्वत बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है, और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

ग्रिधकूट पर्वत का क्या है ऐतिहासिक महत्व ?

आपके जानकारी के अनुसार बता दें, ग्रिधकूट पर्वत का नाम इसकी गिद्ध के आकार की चोटी के कारण पड़ा है। यह पर्वत भगवान बुद्ध के समय का साक्षी है, 

क्यूंकी यहीं पर भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे और यहाँ की गुफाएँ और शिलालेख इस बात के प्रमाण हैं | इसलिए बोद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान बहुत ही मायने रखता है |

प्राकृतिक सौंदर्य और शांति

ग्रिधकूट पर्वत की चोटी से राजगीर की वादियों का दृश्य बड़ा ही मनोरम और सुखद होता है। यहाँ के हरे-भरे जंगल, शांत वातावरण और ताजगी भरी हवाएँ यहाँ की यात्रा को एक विशेष अनुभव बना देती हैं। 

आप इस पर्वत पर चढ़ के सूर्योदय तथा सूर्यास्त के मनोरम दृश्य का लुफ़्त उठा सकते हैं, यह दृश्य आपके मन को शांति और सुकून से भर देगा और आपको एक अलग दुनिया का सेर कराएगा |  

कैसे पहुँचे ग्रिधकूट पर्वत की चोटी पर?

ग्रिधकूट पर्वत की चोटी तक पहुँचने के लिए आप एक रोमांचक रोपवे यात्रा का आनंद उठा सकते हैं। यदि आप रोपवे की सहायता से ग्रिधकूट पर्वत की चोटी तक जा रहे हैं 

तो यह आपको काफी ज्यादा सुखद अनुभव कराएगा क्योंकि आप ऊपर से राजगीर की हरी भरी वादियों को देख सकते हैं, वहाँ के सांत वातावरण का अनुभव कर सकते हैं, 

तथा आपको स्वच्छ और ताजगी भरी हवा मिलेगी जिससे आपका मन और भी उन वादियों में मोहित हो जाएगा |

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

अबतक आपको पता लग ही गया होगा की ग्रिधकूट पर्वत बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है और यह बोद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।

यहाँ भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे। बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों में से एक होने की वजह से यहाँ हर वर्ष हजारों श्रद्धालु आते हैं। और बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है।

यात्रा की जानकारी

  • प्रवेश शुल्क: नि:शुल्क
  • समय सारणी: सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक
  • निकटतम हवाई अड्डा: जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पटना
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: राजगीर रेलवे स्टेशन
  • रोपवे शुल्क: लगभग ₹100 प्रति व्यक्ति (आवागमन)

Note: रोपे-वे में 8 साल से छोटे बच्चों को बैठने की अनुमति नहीं है |

Tour Tips:-

  1. आरामदायक जूते पहनें: यदि आप पर्वत के शिखर पर जाना चाहते हैं तो आप आरामदायक जूते पहने इससे आपको सफर में कठनाई नहीं होगी |
  2. पानी की बोतल साथ रखें: पानी की बोतल साथ जरूर रखें |
  3. कैमरा: यदि आप अपने सबसे शानदार पलों को सहेजना चाहते हैं तो अपने साथ फोटोग्राफी के लिए एक कैमरा या एक अच्छा कैमरा वाला फोन जरूर लाएं |
  4. सुबह या शाम की यात्रा: यदि आप यात्रा करने का सोच रहे हैं तो सुबह या शाम का समय चुने क्योंकि इसस समय का मौसम काफी सुहावना रहता है |

निष्कर्ष 

ग्रिधकूट पर्वत न केवल अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण भी एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। 

यहाँ की यात्रा न केवल आपके मन को शांति और सुकून प्रदान करेगी, बल्कि आपको एक अद्वितीय अनुभव भी प्रदान करेगी। 

राजगीर की इस पवित्र धरा पर आकर हर व्यक्ति एक विशेष अनुभूति प्राप्त करता है, जो उसे जीवनभर याद रहती है। तो, अगर आप भी शांति, प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों का अनुभव करना चाहते हैं, तो ग्रिधकूट पर्वत की यात्रा अवश्य करें और इस अद्भुत स्थल का हिस्सा बनें। 

हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका सहृदय धन्यवाद ! और यदि आपके मन में कोई प्रश्न हो या हुमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो  कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से पुच सकते हैं |

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