अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ ।कृषि योजनाओं का लाभ अब किसानों को एक यूनिक पहचान संख्या के जरिए मिलेगा। आधार कार्ड की तर्ज पर किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाने का कार्य नालंदा जिले में 11 अप्रैल से शुरू हो गया है। पहले ही दिन जिले के 23 किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया। इस वित्तीय वर्ष से राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य होगा।
कृषि योजनाओं से जुड़ने की शर्त बना फार्मर आईडी
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कृषि विभाग की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, फसल सहायता, प्रदर्शन योजना और सहकारिता विभाग की योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनका फार्मर आईडी बना होगा। इस यूनिक आईडी के जरिए किसानों का सम्पूर्ण विवरण एक क्लिक में उपलब्ध हो सकेगा, जिसमें उनकी भूमि, पशुधन, फसल अच्छादन, मोबाइल नंबर, आधार नंबर सहित अन्य विवरण शामिल होंगे।

जिले के 20 प्रखंडों के 40 राजस्व ग्राम में पायलट प्रोजेक्ट
पहले चरण में नालंदा के सभी 20 प्रखंडों के दो-दो राजस्व ग्रामों का चयन फार्मर आईडी रजिस्ट्रेशन के लिए किया गया है। इसके लिए संबंधित पंचायतों के कृषि समन्वयक, एग्रीकल्चर टेक्निकल मैनेजर (ATM), ब्लॉक टेक्निकल मैनेजर (BTM) और राजस्व कर्मचारी को जिम्मेदारी दी गई है।
ई-केवाईसी से मुक्ति और किसान डेटा का केंद्रीकरण
फार्मर आईडी का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसानों को बार-बार ई-केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे आधार नंबर एक स्थायी पहचान है, वैसे ही फार्मर आईडी किसानों की डिजिटल पहचान बनेगी। इस आईडी से जुड़ा डाटाबेस न केवल सरकारी योजनाओं से उन्हें जोड़ेगा, बल्कि कृषि से जुड़ी विशिष्ट सलाह, ऋण सुविधा और मार्केट लिंकेज भी प्रदान करेगा।
शिविर में लाने होंगे ये दस्तावेज
किसानों को यूनिक फार्मर आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर, तथा भूमि की अद्यतन जमाबंदी रसीद अनिवार्य रूप से शिविर में लेकर आना होगा। इस दस्तावेजी प्रक्रिया से किसानों को एग्रीस्टेक परियोजना से भी जोड़ा जाएगा ताकि कोई भी पात्र किसान वंचित न रह जाए।
फार्मर आईडी से क्या-क्या लाभ मिलेंगे?
जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि एक क्लिक में किसानों का पूरा प्रोफाइल स्क्रीन पर दिखेगा। इसके माध्यम से उन्हें सस्ता ऋण, कृषि इनपुट, विशेष कृषि सलाह, एवं अपने उत्पाद को बाजार तक पहुँचाने में सहायता मिलेगी। इसके लिए खसरा-खतियान की फोटोकॉपी लेकर आने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। फार्मर आईडी के जरिए खेत का पूरा डाटा डिजिटल रूप से दिखेगा।
फार्मर आईडी के लिए चयनित ग्रामों की सूची (प्रखंडवार):
- अस्थावां: अस्थावां, जाना
- बेन: बेन, बाड़ा
- बिहारशरीफ: पावा, पचौरी
- बिंद: बिंद, नौरंगा
- चंडी: माधोपुर, बड़ौना
- एकंगरसराय: एकंगरडीह, ओगारी
- गिरियक: चौरसुआ, सतोआ
- हरनौत: बाराह, चेरो
- हिलसा: कपसियामा, जूनियर
- इस्लामपुर: रानीपुर, ढकवाहा
- कराईपरशुराय: कराई, पकड़ी
- कतरीसराय: मैराबारीडीह, बिलारी
- गरनौसा: नगरनौसा, कैला
- नूरसराय: बारा खुर्द, बड़ारा
- परवलपुर: सोनचारी, मैई
- रहुई: बारानंदी, हवनपुरा
- राजगीर: गेरॉर, नाहुब
- सरमेरा: सरमेरा, ईशुआ
- सिलाव: घोसतावा, गोरावा
- थरथरी: आसता, छारीयारी बुजुर्ग।