बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025 : 3 से 5 अगस्त तक पटना में वैश्विक मंच पर चमकेगा ‘मेड इन बिहार’

Written by Subhash Rajak

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बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025 : 3 से 5 अगस्त तक पटना में वैश्विक मंच पर चमकेगा ‘मेड इन बिहार’

अपना नालंदा संवाददाता
पटना। बिहार एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है, लेकिन इस बार न केवल ज्ञान, संस्कृति और राजनीति में, बल्कि वैश्विक व्यापार के मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए। बिहार बिजनेस महाकुंभ 2025 का आयोजन 3 से 5 अगस्त तक पटना के ज्ञान भवन में किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य राज्य के स्थानीय उत्पादों और स्टार्टअप्स को वैश्विक पहचान दिलाना और बिहार को भारत के कारोबारी मानचित्र पर एक चमकता सितारा बनाना है। इसकी जानकारी आयोजकों ने विद्यापति भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी।

यह आयोजन केवल एक ट्रेड फेयर नहीं, बल्कि बिहार के सामाजिक-आर्थिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। इस मंच पर भागलपुरी सिल्क, मधुबनी पेंटिंग, जैविक कृषि उत्पाद, बांस-मिट्टी के शिल्प और ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पाद ‘Made in Bihar – Marketed Globally’ की सोच के साथ आगे बढ़ेंगे। यह महाकुंभ बिहार की आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा गढ़ने जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने कहा, “बिहार अब केवल श्रमदानी राज्य नहीं, बल्कि उद्यमिता और नवाचार का गढ़ बनने की ओर अग्रसर है। यह आयोजन बिहार के MSMEs, युवाओं के स्टार्टअप्स और महिला स्व-सहायता समूहों को वैश्विक निवेशकों के सामने लाने का सुनहरा अवसर है। यह बिहार को ‘रोजगार मांगने वाले राज्य’ से ‘रोजगार देने वाले राज्य’ में बदलने की दिशा में ठोस कदम है।”

तीन दिवसीय इस महाकुंभ में 250 से अधिक ब्रांड्स और स्टार्टअप्स हिस्सा लेंगे, जबकि 30,000 से अधिक आगंतुकों के आने की संभावना है। ग्लोबल एक्सपोर्ट पवेलियन, डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन शोकेस, यूथ स्टार्टअप हॉल, वूमन एंटरप्राइज ज़ोन और स्किल टू स्टार्टअप जैसे विशेष ज़ोन इस आयोजन को और भी खास बनाते हैं। नीति-निर्माताओं, राजदूतों और देश-विदेश के उद्योगपतियों की भागीदारी इसे राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करती है।

बिजनेस महाकुंभ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ग्रामीण महिलाओं, युवाओं और स्थानीय नवप्रवर्तकों (इनोवेटर्स) को प्राथमिकता दी जा रही है। यह मंच उनके लिए न केवल प्रेरणा बनेगा, बल्कि निवेश और संभावनाओं के नए द्वार भी खोलेगा। इससे बिहार की आर्थिक संरचना को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।

इस महाकुंभ के आयोजकों का स्पष्ट संदेश है — “बिहार अब सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि ग्लोबल भविष्य भी है।” यह आयोजन राज्य के छिपे हुए टैलेंट, स्थानीय उत्पादों और उद्यमशीलता को दुनिया के समक्ष लाने का अभियान है, जो बिहार के युवाओं को नए सपने देखने और उन्हें साकार करने का अवसर प्रदान करेगा।

मौके पर सुमन कुमार, मोहन कुमार झा, शुभम यादव, निशा मदन झा, हर्ष राजपूत, नितिका कुमारी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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