वज्रपात से बचाव को लेकर जागरूकता रथ रवाना, डीएम ने दिखाई हरी झंडी

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। शुक्रवार को नालंदा के जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने समाहरणालय परिसर से वज्रपात से सुरक्षा हेतु जन-जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ जिला आपदा प्रबंधन शाखा के तत्वावधान में चलाया जा रहा है।

यह जन-जागरूकता रथ 13 जून से 24 जुलाई 2025 तक नालंदा जिले के रहुई, नूरसराय, हरनौत, चंडी, इस्लामपुर, राजगीर, अस्थावां और बिहारशरीफ प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में भ्रमण करेगा। इसका उद्देश्य आम लोगों को वज्रपात (ठनका गिरने) से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करना है।

प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षित आपदा मित्र और स्वयंसेवकों के सहयोग से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को विभिन्न आपदाओं, विशेषकर वज्रपात से बचाव की जानकारी, सतर्कता और प्राथमिक कौशल प्रदान किए जाएंगे, जिससे जान-माल की हानि को रोका जा सके।

वज्रपात से बचाव के लिए क्या करें?

खुले में होने पर सुरक्षित पक्के मकान में शरण लें।

सफर में हों तो अपने वाहन में ही सुरक्षित रहें।

खिड़की, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।

बिजली के उपकरणों और सुचालक धातुओं से दूरी बनाए रखें।

जलाशयों, तालाबों और अन्य जल निकायों से दूर रहें।

भीड़ या समूह में खड़े न रहें, एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें।

जंगल में हों तो छोटे व घने पेड़ों के पास जाएं, एकाकी पेड़ से बचें।

मौसम की जानकारी के लिए संचार माध्यमों से जुड़े रहें।

घायल व्यक्ति की सांस और नाड़ी की जांच कर प्राथमिक उपचार दें।

खेत-खलिहान में हों तो पैरों के नीचे सूखी चीजें (लकड़ी, बोरा आदि) रखें, उकड़ू बैठकर कान ढंकें।

‘इंद्रवज एप’ डाउनलोड करें और उसकी सूचनाओं का पालन करें।

क्या न करें?

छत पर न जाएं।

बिजली/टेलीफोन के खंभों के पास न जाएं, न ही उनका सहारा लें।

एकाकी पेड़ों के नीचे शरण न लें।

लोहे की छड़ी वाले छाते का प्रयोग न करें।

जमीन पर लेटें नहीं।

जल स्रोतों पर पशुओं को न ले जाएं, न ही मछली पकड़ने जाएं।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता (आपदा), जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा के पदाधिकारी, कर्मचारी और प्रशिक्षित वालंटियर उपस्थित थे।

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