एक माह में बनाएंगे एक करोड़ सदस्य: इंजीनियर आई.पी. गुप्ता का ऐलान

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
पटना। रविवार को पटना स्थित ए.एन. सिन्हा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज में अखिल भारतीय पान महासंघ द्वारा एक ऐतिहासिक ‘समीक्षा बैठक’ आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 13 अप्रैल को गांधी मैदान, पटना में आयोजित ‘पान महारैली’ की समीक्षा करना और इंडियन इंकलाब पार्टी की भावी रणनीति तय करना था।

बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर आई.पी. गुप्ता ने कहा कि 13 अप्रैल को हमने “एक नए पान युग” की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि बदलते सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में पान समाज को सशक्त करने के लिए आम जनजीवन में जागरूकता और संघर्ष के मुद्दों को प्रमुखता से शामिल करना अत्यंत आवश्यक है।

सदस्यता अभियान का शुभारंभ:
इंजीनियर गुप्ता ने ऐलान किया कि इंडियन इंकलाब पार्टी अब आधिकारिक सदस्यता अभियान शुरू कर रही है। इसका लक्ष्य आगामी एक से तीन महीनों में देशभर में 1 करोड़ सदस्यों को जोड़ना है। यह अभियान न केवल बिहार में, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय रूप से चलाया जाएगा।

चुनावी रणनीति को लेकर स्पष्ट रुख:
इंजीनियर गुप्ता ने मीडिया को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि उनकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता ‘आरक्षण की वापसी’ है। उन्होंने कहा कि केवल वही राजनीतिक दल, जो इस मांग को समर्थन देगा और अपने घोषणा पत्र में स्थान देगा, उससे गठबंधन या समर्थन पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘जन सुराज’ जैसे किसी भी समूह के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।

सभी जातियों और धर्मों को जोड़ने का संकल्प:
इंजीनियर गुप्ता ने दोहराया कि इंडियन इंकलाब पार्टी “जात से जमात” की ओर बढ़ रही है और सभी वर्गों को जोड़कर आरक्षण के अधिकार की लड़ाई को मजबूत बनाएगी। उन्होंने पान समाज के युवाओं से आह्वान किया कि वे आईएएस, आईपीएस, विधायक, मुखिया सहित विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए आगे आएं।

उन्होंने कहा, "अब बसों, दुकानों और चाय-पान के ठेलों पर पुरानी चर्चाओं को छोड़कर नए पान युग और अधिकारों की चर्चा होनी चाहिए।"

भावुक संकल्प:
बैठक के समापन पर भावुक होते हुए इंजीनियर गुप्ता ने कहा, “मैं अपना जीवन व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए नहीं, बल्कि पान समाज को आरक्षण का अधिकार वापस दिलाने के लिए समर्पित कर चुका हूँ। जब तक यह लक्ष्य हासिल नहीं होता, मेरा संघर्ष जारी रहेगा।”

बैठक में सभी जिला अध्यक्षों और संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने एकजुट होकर अगले एक महीने के भीतर सदस्यता लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लिया। माना जा रहा है कि यह सदस्यता अभियान बिहार समेत पूरे देश में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की नई दिशा तय करेगा।

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