प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोलने की योजना महज़ दिखावा:- फैक्टनेब

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
हरनौत। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर विभिन्न प्रखंडों में डिग्री महाविद्यालय स्थापित करने हेतु शहरी क्षेत्रों में ढाई एकड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में पाँच एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की कवायद को फैक्टनेब ने महज “कागजी नाव” करार दिया है।

फैक्टनेब के अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, महासचिव प्रो. राजीव रंजन और मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में पहले से ही शहरी और सुदूर ग्रामीण इलाकों में कम से कम 6 एकड़ से लेकर अधिकतम 81 एकड़ भूमि पर अनुदानित एवं संबद्ध डिग्री महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं। ये महाविद्यालय बिना नियमित वेतन के बीते चार दशकों से पठन-पाठन का कार्य सफलतापूर्वक कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इन संस्थानों में भवन, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल मैदान, आधुनिक सुविधाएं और चयनित शिक्षकों के साथ अनुभवी शिक्षकेत्तर कर्मियों की उपस्थिति है। फिर भी इन्हें सरकारी मान्यता और वित्तीय सहयोग से वंचित रखा गया है, जबकि यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं।

फैक्टनेब नेताओं ने राज्य सरकार से अपील की है कि यदि वास्तव में वह प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज खोलने की इच्छुक है, तो सबसे पहले पहले से कार्यरत संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों को मान्यता दे, उनके शिक्षकों और कर्मियों को नियमित वेतन संरचना के तहत मासिक वेतन दे। सिर्फ भूखंड तलाशने की प्रक्रिया को दिखावे के रूप में प्रस्तुत कर आमजन को गुमराह करना बंद किया जाए।

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