अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर । जिस प्रकार गया का नाम बदलकर ‘गया जी’ किया गया, उसी तर्ज पर अब ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी राजगीर का नाम पुनः ‘राजगृह’ किए जाने की मांग ने फिर से जोर पकड़ लिया है। यह मांग धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधारों पर लगातार उठती रही है, जिसे अब संत-महात्माओं और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कथावाचक पूज्य मोरारी बापू ने भी राजगीर का नाम बदलकर ‘राजगृह’ किए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह स्थान प्राचीन काल से ‘राजगृह’ के नाम से जाना जाता रहा है, जो मगध साम्राज्य की पहली राजधानी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से औपचारिक मुलाकात कर मांग रखने की सलाह भी दी।
मोरारी बापू ने अपने वक्तव्य में बताया कि भगवान बुद्ध ने अपने कई महत्वपूर्ण उपदेश इसी ‘राजगृह’ में दिए थे। यह स्थान न केवल बौद्ध धर्म बल्कि सनातन और जैन धर्म के लिए भी अत्यंत पावन है। जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ की जन्मभूमि और 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की प्रथम देशना स्थली भी यही स्थान है।
‘राजगृह’ का उल्लेख ऋग्वेद, अथर्ववेद, तैत्तिरीय उपनिषद, वायु पुराण, महाभारत, वाल्मीकि रामायण और जैन ग्रंथों जैसे विविध तीर्थकल्प में भी मिलता है। यह शहर जरासंध, बिम्बिसार, अजातशत्रु जैसे प्रसिद्ध सम्राटों की राजधानी रहा है।
नाम परिवर्तन : इतिहास और अस्मिता से जुड़ाव
नाम परिवर्तन के पक्षधर मानते हैं कि ‘राजगृह’ नाम अधिक प्राचीन, धार्मिक और गौरवशाली प्रतीक है। इससे इस नगरी की ऐतिहासिक पहचान पुनर्स्थापित होगी और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए ‘राजगृह’ नाम भावनात्मक जुड़ाव और श्रद्धा का विषय है।
इन प्रमुख व्यक्तियों ने की है मुख्यमंत्री से मांग
राजगीर का नाम बदलकर ‘राजगृह’ किए जाने की मांग को लेकर कई स्थानीय प्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोग सामने आए हैं।
इस मांग का समर्थन करने वालों में शामिल हैं:
नीरज कुमार, अध्यक्ष, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास,पंकज कुमार, मुखिया प्रतिनिधि,डॉ. अनिल कुमार एवं महेंद्र यादव, वार्ड पार्षद,सुधीर कुमार पटेल, पूर्व प्रखंड प्रमुख,डॉ. कौलेश कुमार, केंद्रीय पर्यटन सलाहकार,सिद्ध्यानंद सागर, होटल व्यवसायी,सुधीर कुमार उपाध्याय, प्रचार मंत्री, अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा,संजय कुमार सिंह, अध्यक्ष, नालंदा पेट्रोलियम एसोसिएशन,अरुण कुमार ओझा, अध्यक्ष, बिहार भारोत्तोलन संघ,अरुण कुमार, अध्यक्ष, पैक्स।
सभी ने एकमत से राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि राजगीर का ऐतिहासिक नाम ‘राजगृह’ पुनः स्थापित कर राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान दिया जाए।