अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। सोमवार को कतरीसराय प्रखंड के बादी गाँव में बिहार के महामानव एवं महान शिक्षाविद स्वर्गीय गुरु सहाय लाल जी की 136वीं जयंती उनके पैतृक गाँव बादी में रजनीश कुमार मुन्ना की अध्यक्षता में मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि के बाद गुरु सहाय बाबू के अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि गुरु सहाय बाबू हमारे आदर्श हैं। वे महान शिक्षाविद होने के साथ-साथ किसानों और छात्रों के हितैषी नेता थे। अंग्रेजी हुकूमत में वे 1937 में मुख्यमंत्री यूनुस जी के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं विकास मंत्री रहे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने बिहार के कई जिलों में स्कूलों की स्थापना कराई, जिनमें टेकनारायण उच्च विद्यालय बादी, मध्य विद्यालय कुर्मीचक, मध्य विद्यालय समयागढ़, मध्य विद्यालय कुम्हरा, मध्य विद्यालय सरमेरा, मध्य विद्यालय इस्लामपुर, मध्य विद्यालय कुंडवापर आदि शामिल हैं।
उन्होंने किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। दफा 112 के तहत छोटे-बड़े किसानों को जमींदारों के शोषण से मुक्त कराने, कुआँ खुदवाने, खेत पर मेड़ लगाने तथा खेत से मिट्टी काटने का अधिकार दिलाने जैसे ऐतिहासिक कार्य उनके प्रयासों से संभव हुए।
स्व. गुरु सहाय बाबू 1941 से 1948 तक पटना जिला परिषद के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क निर्माण पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने गाँव-गाँव में आयुर्वेदिक औषधालय खुलवाए और पटना साइंस कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज एवं पटना विश्वविद्यालय के सिनेट में भी योगदान दिया। वे गरीब और मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन राशि व अन्य सहयोग प्रदान करते रहे।
उनके सहयोग से शाहाबाद जिले में ‘त्रिवेणी संघ’ की स्थापना हुई, जो बिहार का पहला ऐसा संगठन था जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में जमींदारों द्वारा किए जाने वाले सामाजिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। 1931 में हरनौत में आयोजित कुर्मी महासभा को सफल बनाने में भी उनकी अग्रणी भूमिका रही।
कार्यक्रम में जदयू प्रखंड अध्यक्ष मुन्नाजी ने विद्यार्थियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों पर चलने की सलाह दी। इस अवसर पर पिंटू कुमार, बादशाह, प्रिंस पटेल, रणवीर कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार, नितीश कुमार, मनोज कुमार सिंह, कारू कुमार समेत बादी गाँव के अनेक अनुयायी उपस्थित थे।




