मासूम की पढ़ाई और हर महीने आर्थिक सहायता का लिया जिम्मा
संजय कुमार
बिहारशरीफ (अपना नालंदा)। पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिंद थाना क्षेत्र के बरहोङ गांव पहुंचकर सूदखोरों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर सामूहिक आत्महत्या करने वाले परिवार के जीवित बचे सदस्य से मुलाकात की। उन्होंने मृतक धर्मेंद्र महतो के मासूम बेटे और उसकी बुजुर्ग दादी को ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व धर्मेंद्र महतो ने सूदखोरों की लगातार प्रताड़ना से तंग आकर अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ पावापुरी में सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद अब परिवार में केवल एक छोटा बच्चा और उसकी दादी ही जीवित बचे हैं।
सांसद पप्पू यादव ने पीड़ित परिवार को तुरंत 50,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की। साथ ही, दादी को 10,000 रुपये नकद और जब तक उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिल जाती, तब तक प्रतिमाह 2,500 रुपये की सहायता देने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मृतक का इकलौता बेटा अब उनका दायित्व है, और उसकी पढ़ाई, देखरेख तथा जीवनयापन की जिम्मेदारी वे स्वयं निभाएंगे।

घटना स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए सांसद पप्पू यादव ने इस हृदयविदारक घटना को ‘प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था की पूर्ण विफलता’ करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अपराध है, जिसमें सूदखोरों की हैवानियत और सिस्टम की निष्क्रियता जिम्मेदार है।”
मासूम बच्चे ने सांसद को बताया कि सूदखोर लगातार घर आकर गाली-गलौज करते थे और उसकी बहन को उठाकर ले जाने की धमकी देते थे। इस पर सांसद ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने की बात कही। उन्होंने सरकार से मृतक परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा तथा मासूम की संरक्षित परवरिश की मांग भी की।
पप्पू यादव ने कहा कि अगर बैंक गरीबों को कर्ज नहीं देंगे तो लोग मजबूरी में सूदखोरों के चंगुल में फंसेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनके पूरे परिवार को आत्महत्या करने पर मजबूर किया जाए। यह पूरी व्यवस्था की गड़बड़ी है, जिस पर सरकार को गंभीरता से विचार कर नीति निर्माण करना चाहिए।
इस मौके पर उनके साथ युवा नेता राजू दानवीर, मनीष यादव, प्रमोद यादव, गुलशन कुमार, अजीत कुशवाहा, अखिलेश चंद्रवंशी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता मौजूद थे।