अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की अहले बैत, सहाबा और कई औलिया अल्लाह के मुकद्दस मजारों को, अप्रैल 1925 में 8 शव्वाल को, सऊदी अरब सरकार ने वहां के वहाबी मौलवियों की मदद से नष्ट कर दिया था। इस जालिमाना कृत्य का विरोध करते हुए, वह मुसलमान जो हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की अहले बैत से मोहब्बत रखते हैं, हमेशा से इस घटनाक्रम के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।
भारत के प्रमुख सूफी संगठन सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन हर साल इस घटना के अवसर पर अपना विरोध दर्ज कराता है और जन्नतुल बकी के मजारों की तामीर की मांग करता है। इसी संदर्भ में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफ़ी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी के नेतृत्व में अखिल भारतीय स्तर पर ज्ञापन अभियान चलाया गया।
ज्ञापन अभियान के दूसरे चरण के तहत, 15 से 19 अप्रैल तक बिहार राज्य के जिला नालंदा के मुख्यालय बिहारशरीफ में सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष और खानकाह चिश्तिया फरीदिया चांदपुरा बिहारशरीफ नालंदा बिहार के सज्जादा नशीन सूफ़ी शाह सय्यद मोहम्मद महताब आलम चिश्ती द्वारा ज़िला प्रशासन कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में जन्नतुल बकी मामले को यूएनओ में उठाने की मांग की गई।
इस अवसर पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के प्रदेश मीडिया प्रभारी तालिब फिरदौसी और बिहार प्रदेश के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।




