नालन्दा विश्वविद्यालय में ईएएस सम्मेलन का सफल समापन, तीन देशों के प्रतिष्ठित संस्थानों संग एमओयू

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर। नालन्दा विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय ईस्ट एशिया समिट (EAS) उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों का सम्मेलन तथा ऊर्जा दक्षता नीतियों एवं लाइफ (Lifestyle for Environment) पर ज्ञान-विनिमय कार्यशाला का शनिवार को सफल समापन हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने समापन सत्र की अध्यक्षता की और धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

17 से 19 सितम्बर तक चले इस प्रथम सम्मेलन में आसियान देशों और भारत के 35 प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों ने भागीदारी की। इनमें वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, आर्थशास्त्र इंस्टीट्यूट (बाली), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरु) और आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल थे।

सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धि नालन्दा विश्वविद्यालय द्वारा तीन महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर रही। ये समझौते यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंसेज़ एंड ह्यूमैनिटीज़ (वियतनाम नेशनल यूनिवर्सिटी), इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज़ (MAKAIS) के साथ हुए। विश्वविद्यालय परिसर स्थित इंटरनेशनल कल्चरल सेंटर में आयोजित इस समझौता समारोह से एशिया में शैक्षणिक सहयोग, शोध-पार्टनरशिप और ज्ञान-विनिमय को नई दिशा मिलेगी।

इस अवसर पर प्रोफेसर चतुर्वेदी ने कहा कि, “आज की दुनिया में जटिल चुनौतियों का समाधान तभी संभव है जब हम संस्थागत सहयोग और साझा प्रयासों को मजबूत करें। हमारा उद्देश्य ऐसे ढाँचे तैयार करना है, जो भविष्य की बड़ी समस्याओं को मिलकर सुलझा सकें।” उन्होंने विदेश मंत्रालय, रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज़ (RIS), द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI), आसियान साझेदारों तथा सभी सहभागी संस्थानों का आभार व्यक्त किया।

सम्मेलन के दौरान विषयगत संवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शोध-संगोष्ठियाँ आयोजित हुईं। प्रतिनिधियों ने नालन्दा के प्राचीन अवशेषों (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) का भ्रमण किया, भारतीय व्यंजनों का स्वाद लिया और केरल की पारंपरिक मार्शल आर्ट ‘कलरिपयट्टू’ का प्रदर्शन भी देखा।

सम्मेलन का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि नालन्दा की गौरवशाली धरोहर से प्रेरणा लेकर ज्ञान, सतत विकास और सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।

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