थाना क्षेत्र को साइबर ठगी से मुक्त करने के मिशन पर जुटे थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी, अब तक 65 गिरफ्तारी, 75% ठगों ने छोड़ा क्षेत्र

Written by Subhash Rajak

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आर संतोष भारती
कतरीसराय (अपना नालंदा)। नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र के युवा लंबे समय से साइबर ठगी के दलदल में फंसते जा रहे थे। परंतु अब इस पाप के धंधे से उन्हें बाहर निकालने का प्रयास सतत रूप से चल रहा है। इस अभियान की अगुवाई स्वयं थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी कर रहे हैं, जो न केवल अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कस रहे हैं, बल्कि युवाओं को जागरूक कर उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी कर रहे हैं।

थानाध्यक्ष तिवारी सोशल मीडिया, जनजागरण अभियान, घर-घर संपर्क और पुलिस-सेना भर्ती की तैयारी जैसे माध्यमों से युवाओं को मोटिवेट कर रहे हैं, ताकि वे गलत रास्ते को छोड़कर जीवन में कुछ सार्थक करें। उनका कहना है कि “सिर्फ जेल भेजना हमारा उद्देश्य नहीं है, बल्कि थाना क्षेत्र को पूरी तरह से साइबर ठगों से मुक्त कराना हमारा संकल्प है।”

कतरीसराय थाना क्षेत्र लंबे समय से साइबर ठगी के लिए बदनाम रहा है। यहां के कई युवाओं का मुख्य ‘धंधा’ ही ऑनलाइन फ्रॉड था। फाइनेंस कंपनियों के नाम पर फर्जी लोन देने का झांसा, इनाम और नकली प्रतियोगिता परीक्षाओं के नाम पर ठगी करना आम बात थी। भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर लाखों की ठगी की जाती थी।

लेकिन, अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में थानाध्यक्ष तिवारी के नेतृत्व में साइबर ठगी पर जबरदस्त अंकुश लगा है। पुलिस की लगातार कार्रवाई और सामाजिक प्रयासों के चलते लगभग 75% साइबर ठग या तो थाना क्षेत्र छोड़ चुके हैं या उन्होंने यह काम बंद कर दिया है।

अब तक के प्रमुख उपलब्धियाँ:

गिरफ्तारी: फरवरी 2024 से मई 2025 तक 65 साइबर ठगों की गिरफ्तारी

नामजद अभियुक्त: 109 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

बरामदगी:

170 की-पैड व एंड्रॉइड मोबाइल फोन

17 लैपटॉप, 5 वाई-फाई डिवाइस

99 एटीएम कार्ड, 25 चेकबुक, 64 पासबुक, 73 सिमकार्ड

3 प्रिंटर मशीन, 2 थम्ब सेंसर मशीन, 2 रबर स्टाम्प

6 देशी कट्टा, 4 कारतूस

183 लीटर 175 ग्राम अंग्रेजी शराब व 391 लीटर 556 ग्राम देशी शराब

थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने कहा कि “इस क्षेत्र और आसपास के सीमावर्ती जिलों के गांवों में साइबर ठगी एक तरह का लघु उद्योग बन गया था। इसे समाप्त करना हमारा प्राथमिक लक्ष्य है। हम युवाओं को समझा रहे हैं कि अपराध से जीवन संवरता नहीं, बल्कि बर्बाद होता है।”

पुलिस की यह पहल नालंदा पुलिस की छवि को एक नई दिशा दे रही है। जनमानस में विश्वास बढ़ा है और अब लोग सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं।

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