“किसानों के द्वार पहुंची विज्ञान आधारित खेती: हरनौत में चला विकसित कृषि संकल्प अभियान”

Written by Subhash Rajak

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हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)। रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के प्रांगण में ‘शारदीय कृषि जन कल्याण चौपाल सह विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर, बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, नालंदा के लोकसभा सांसद कौशलेन्द्र कुमार और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह सहित कई गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।

यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक कृषि तकनीकों, नवाचारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर खेती को लाभकारी बनाना है।

इस मौके पर किसानों के बीच योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया और उन्हें कृषि नवाचारों के बारे में विस्तार से बताया गया। अभियान के तहत नालंदा जिले में कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के वैज्ञानिकों की दो टीमें गठित की गई हैं। इनमें नालंदा उद्यान महाविद्यालय के वैज्ञानिक, जिला कृषि कार्यालय के प्रतिनिधि, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कर्मी शामिल हैं। ये टीमें प्रतिदिन छह पंचायतों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही हैं।

अभियान की प्रमुख विशेषताएं:

कृषि ड्रोन का लाइव डेमो: खेतों में ड्रोन के उपयोग द्वारा छिड़काव और निगरानी के तरीकों का प्रदर्शन किया गया।

फसल विविधिकरण और मशीन आधारित खेती: शून्य जुताई, मशीनीकरण और विविध फसल मॉडल किसानों को दिखाए गए।

सीधा संवाद सत्र: किसानों और वैज्ञानिकों के बीच खुलकर संवाद हुआ, जिसमें किसानों ने अपनी समस्याएं साझा की।

सरकारी योजनाओं की जानकारी: केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई, जिनका लाभ किसान उठा सकते हैं।

"Science based farming reached the doorstep of farmers: Developed Agriculture Sankalp Abhiyan run in Harnaut"

नकदी फसलों पर फोकस: बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, एप्पल बेर, रसभरी और तरबूज जैसी नकदी फसलों के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही इन फसलों पर दिए जा रहे सरकारी अनुदान की जानकारी भी साझा की गई।

देशव्यापी अभियान की रूपरेखा:

700 से अधिक जिलों और 65,000 गांवों में 2,170 से अधिक वैज्ञानिक टीमें जाकर कार्यक्रम आयोजित करेंगी।

देश के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्र और 113 ICAR संस्थान इस अभियान में भाग लेंगे।

किसान कैसे जुड़ सकते हैं:

अपने पंचायत कृषि कार्यालय या पंचायत सरकार भवन से संपर्क कर सकते हैं।

नजदीकी किसान सेवा केंद्र या कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।

ऑनलाइन माध्यम: बिहार कृषि ऐप, कृषि विभाग के सोशल मीडिया चैनल या agriwelfare.gov.in से जानकारी ले सकते हैं।

किसान कॉल सेंटर नंबर: 1800-180-1551

इस अवसर पर डॉ. आर.एन. सिंह (सह-निदेशक, प्रसार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय), डॉ. अनुप दास (निदेशक, ICAR-RCER, पटना), डॉ. अमरेंद्र कुमार अटारी (ICAR जोन-4), डॉ. के.के. सिंह (IARI पूसा), डॉ. आर.के. झा (नोडल अधिकारी, विकसित कृषि संकल्प), डॉ. एस.एन. दास (क्षेत्रीय निदेशक, कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना), राजीव कुमार (जिला कृषि पदाधिकारी, नालंदा), डॉ. सीमा कुमारी (प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, नालंदा), कौशलेश मिश्रा (एडिशनल सेक्रेटरी, कृषि मंत्रालय), शशि भूषण विद्यार्थी (उप निदेशक, नामेती) सहित भारी संख्या में महिला एवं पुरुष किसान मौजूद रहे।

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