अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। आज बुधवार को विद्यालय रसोइयों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के माध्यम से रसोइयों ने महागठबंधन द्वारा आहूत बिहार बंद को भी समर्थन दिया और चुनाव आयोग से मतदाता विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम को तत्काल वापस लेने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर गरीब विरोधी नीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। नालंदा जिला के संरक्षक पाल बिहारी लाल ने नीतीश सरकार को महिला सशक्तिकरण के नाम पर “ढपोरशंखी” करार देते हुए कहा —
“राज्य सरकार विद्यालय रसोइयों को मात्र 1650 रुपये प्रतिमाह देती है, वह भी केवल 10 महीने के लिए। यह पूरे देश में सबसे कम भुगतान है। आज के समय में इस राशि में एक महिला अपना गुजारा नहीं कर सकती।”
उन्होंने मांग की कि रसोइयों को कम से कम 10,000 रुपये प्रतिमाह और वह भी पूरे 12 महीने का भुगतान किया जाए। साथ ही उन्हें ESI, PF, मातृत्व अवकाश, विशेष अवकाश, और सम्मानजनक पेंशन जैसी सुविधाएं भी दी जाएं।
जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में ADM (आपदा) ने रसोइयों से ज्ञापन प्राप्त किया और आश्वासन दिया कि इसे राज्य सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
इस प्रदर्शन में जिला संयोजक रेणु देवी, अनीता देवी, तन्नु देवी, शारदा देवी, सावित्री देवी, रंजु देवी सहित दर्जनों विद्यालय रसोइयाएं उपस्थित थीं।